Class 12th Political science chapter 5th ( Term-2 & Book 2 ) भारत में दल और दलीय व्यवस्था - Important questions
नेहरू जी की मृत्यु कब हुई थी ?
- 1964 में
नेहरु की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री कौन बने थे ?
- लाल बहादुर शास्त्री
शास्त्री जी कब से कब तक देश के प्रधानमंत्री रहे ?
- 1964 से 1966 तक
शास्त्री जी के शासनकाल में देश के सामने मुख्य चुनौतियां कौन सी थी ?
- चीन युद्ध के कारण पैदा हुई आर्थिक कठिनाइयों से निकलना
- मॉनसून की असफलता से देश में सूखे की स्थिति से उभरना
- खाद्यान्न संकट की स्थिति से उभरना
1960 के दशक को खतरनाक दशक क्यों कहा जाता है ?
- गरीबी, बेरोजगारी
- अकाल
- सांप्रदायिक और क्षेत्रीय विभाजन
- चीन से युद्ध
- दो प्रधान मंत्रियों की मृत्यु
- पाकिस्तान से युद्ध
जय जवान जय किसान का नारा किसने दिया ?
- लाल बहादुर शास्त्री ने
गरीबी हटाओ का नारा किसने दिया ?
- इंदिरा गांधी ने
ताशकंद समझौता कब हुआ था ?
- 1966 में, ताशकंद समझौते के दौरान लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई थी
ताशकंद समझौते में भारत और पाकिस्तान की तरफ से कौन शामिल हुए ?
- भारत - लाल बहादुर शास्त्री ( प्रधान मंत्री)
- पाकिस्तान - अयूब खान ( राष्टृपति)
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री बन ने के लिए किनके बीच मुकाबला था ?
- लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए
- मोरारजी देसाई और इंदिरा गांधी के बीच कड़ा मुकाबला था
- अंततः इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री बनीं
इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री बनी उस समय देश के सामने प्रमुख समस्याएं क्या थी ?
- देश गंभीर आर्थिक संकट में था
- मानसून की असफलता
- व्यापक सूखा
- खेती की पैदावार में गिरावट
- गंभीर खाद्यान्न संकट
- विदेशी मुद्रा भंडार में कमी
- औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में गिरावट
- महंगाई
- बेरोजगारी
- बंद और हड़ताल होना
गैर कांग्रेसवाद से क्या अभिप्राय है ?
- राम मनोहर लोहिया ने तर्क दिया कि कांग्रेस का शासन अलोकतांत्रिक और गरीब लोगों के हितों के खिलाफ है
- इसलिए गैर कांग्रेसी दलों का एक साथ आना जरूरी है
- सभी गैर कांग्रेसी दल एक साथ मिलकर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़े
- ताकि गरीबों के हक में लोकतंत्र को वापस लाया जा सके
1967 के चुनाव को राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने राजनीतिक भूकंप की संज्ञा क्यों दी थी ?
- 1967 के चुनाव में कांग्रेस को जैसे तैसे लोकसभा में तो बहुमत मिल गया
- विधानसभा के चुनाव में 7 राज्यों में बहुमत ना मिल पाने के कारण और अन्य दो राज्यों में दल बदल के कारण सरकार नहीं बना पाई
- ऐसा आजादी के बाद पहली बार हुआ था इसलिए
- राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने इस चुनाव परिणाम को राजनीतिक भूकंप की संज्ञा दी थी
1967 के विधानसभा चुनाव में मद्रास प्रांत ( वर्तमान तमिलनाडु ) में किस क्षेत्रीय पार्टी ने बहुमत से सरकार बनाई ?
- मद्रास प्रांत में द्रविड़ मुनेत्र कषमग ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई
- यह पार्टी हिंदी विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करके सत्ता में आई थी
- यहां के छात्र हिंदी को राजभाषा के रूप में केंद्र द्वारा अपने ऊपर थोपने का विरोध कर रहे थे
सिंडिकेट से क्या अभिप्राय है ?
- सिंडिकेट कांग्रेस के अंदर अनुभवी, दिग्गज और प्रभावशाली नेताओं का एक समूह था
- इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में भी सिंडिकेट का महत्वपूर्ण योगदान था
- सिंडिकेट के प्रमुख के. कामराज थे
1967 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के किन्हीं चार दिग्गज नेताओं के नाम बताइए जिन्हें हार का सामना करना पड़ा ?
- के. कामराज ( तमिलनाडु से )
- एस. के. पाटिल ( महाराष्ट्र से )
- अतुल्य घोष ( बंगाल से )
- केबी सहाय ( बिहार से )
1966 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इंदिरा गांधी को भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए क्यों समर्थन दिया ?
- सिंडिकेट के नेताओं को यह विश्वास था कि प्रशासनिक और राजनीतिक मामलों में खास अनुभव ना होने के कारण
- इंदिरा गांधी सिंडिकेट के समर्थन और दिशा निर्देशन पर निर्भर रहेगी
- और उनकी सलाह पर अमल करेगी
भारतीय राजनीति में दलबदल से क्या अभिप्राय है इसके कोई दो अवगुण बताइए कोई ?
- जब कोई जनप्रतिनिधि किसी विशेष पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव लड़े और जीत जाए
- और चुनाव जीतने के बाद उस दल को छोड़कर किसी दूसरे दल में शामिल हो जाए तो इसे दलबदल कहते हैं
( दल बदल के दो अवगुण )
- दलबदल से राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा मिलता है क्योंकि कई बार सरकार अल्पमत में आ जाती है
- और सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है
- दल बदल से नेताओं में अनुशासनहीनता में वृद्धि होती है
- और वह अवसर का लाभ उठाकर सही और गलत तरीकों से सत्ता में आने का प्रयत्न करते हैं
1969 में भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले दो प्रमुख प्रत्याशियों के नाम बताइए ?
- एन. संजीव रेड्डी और वी.वी. गिरी
1971 के आम चुनाव में चुनावी गठबंधन में कौन- कौन सी पार्टियां शामिल थी ?
( अथवा )
ग्रैंड अलायंस से क्या अभिप्राय है ?
- 1971 के चुनाव के समय सभी बड़ी गैर साम्यवादी और गैर- कांग्रेसी विपक्षी दलों द्वारा
- एक चुनावी गठबंधन तैयार किया गया था जिसे ग्रैंड अलायंस का नाम दिया गया
भारत की राजनीति में “ आया राम गया राम “ से क्या अभिप्राय हैं ?
- आया राम गया राम के मुहावरे का संबंध उन विधायकों से है
- जो चुनाव में एक पार्टी की टिकट से जीतने के पश्चात अपने स्वार्थ के कारण अपनी पार्टी छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं
- इस प्रकार की घटना हरियाणा राज्य में हुई थी
- यहां का एक विधायक गया लाल ने एक पखवाड़े में तीन बार पार्टी बदली
- तब से यह चुटकुला दल बदलने वालों के लिए प्रयुक्त होने लगा
पृवी पर्स का क्या अर्थ है ? 1970 में इंदिरा गांधी उन्हें क्यों समाप्त कर देना चाहती थी ?
- देसी रियासतों के भारतीय संघ में विलय के समय रियासतों के शासक परिवार को निश्चित मात्रा में निजी संपदा रखने का अधिकार दिया गया था और उन्हें कुछ विशेष भत्ते भी दिए जाते थे
- इस व्यवस्था को पृवी पर्स कहा जाता था लेकिन इंदिरा गांधी ने इसको समाप्त कर दिया
- 1971 के चुनाव में इसे मुद्दा बनाकर जनसमर्थन प्राप्त करके इंदिरा गांधी ने भारी विजय प्राप्त की
- इसके बाद संविधान में संशोधन करके पृवी पर्स की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया
- इसका विरोध मोरारजी देसाई ने किया था
1970 के प्रारंभिक वर्षों में इंदिरा गांधी की सरकार को लोकप्रिय बनाने में सहायक मुख्य कारण बताइए ?
- 1970 के दशक में इंदिरा गांधी की सरकार निम्नलिखित कारणों से लोकप्रिय हुई थी –
- कांग्रेस की टूट के बाद सरकार ने अपनी छवि को समाजवादी रंग में पेश किया
- इंदिरा गांधी ने भूमि सुधार के लिए कानून बनाएं
- उन्होंने भू परिसीमन के नए कानून बनाए
- 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात बांग्लादेश का निर्माण हुआ इस समय विपक्ष के नेताओं ने भी इंदिरा गांधी की तारीफ की
- 1972 के विधानसभा चुनाव में भी उनको गरीबों और वंचितों के रक्षक और एक मजबूत राष्ट्रवादी नेता के रूप में देखा गया
- उनकी सरकार ने संविधान में संशोधन करके पृवी पर्स को समाप्त कर दिया
- इन घटनाओं के कारण इंदिरा गांधी की सरकार काफी लोकप्रिय हुई
1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी को भारी बहुमत मिलने के लिए उत्तरदाई किन्हीं तीन कारकों का मूल्यांकन कीजिए ?
( अथवा )
1971 में केंद्र तथा राज्य दोनों स्तरों पर लगातार चुनाव में विजय प्राप्त करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रभुत्व को पुनः स्थापित कर लिया ? क्या आप इस कथन से सहमत हैं ?
- 1971 के आम चुनाव में नई कांग्रेस का एक निश्चित एजेंडा कार्यक्रम था
- इंदिरा गांधी ने देश भर में भ्रमण किया और कहा कि विपक्ष के पास केवल एक ही मुद्दा है इंदिरा हटाओ
- लेकिन हम चाहते हैं गरीबी हटाओ
- इस तरह से इंदिरा गांधी ने गरीबों के दिल में जगह बनाने का प्रयास किया
- इंदिरा गांधी ने सार्वजनिक क्षेत्र की समृद्धि , ग्रामीण भू स्वामित्व और शहरी संपदा के परिसीमन
- आय और अवसरों की समानता की समाप्ति पर कार्य किया
- गरीबी हटाओ के नारे से इंदिरा गांधी ने भूमिहीन किसानों, दलित और आदिवासियों, अल्पसंख्यकों,
- महिला और बेरोजगारों का समर्थन प्राप्त करने का प्रयत्न किया
- इन नीतियों का असर 1971 के चुनाव परिणाम में दिखा
- कांग्रेस (R ) और CPI गठबंधन ने पिछले चार आम चुनावों से अधिक सीटें जीती
- इस गठबंधन को लोकसभा में 375 सीटें मिली
- जबकि कांग्रेस ( O ) केवल 16 सीटों में सिमट गई
कांग्रेस में विभाजन क्यों हुआ ?
- 1969 में राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु हो गई उस साल राष्ट्रपति का पद खाली था
- इंदिरा गांधी की असहमति के बाद भी सिंडिकेट ने लोकसभा अध्यक्ष एन. संजीव रेड्डी को कांग्रेस पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़ा कर दिया
- ऐसे में इंदिरा गांधी ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरी को बढ़ावा दिया कि वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन करें
- अंततः वी.वी. गिरी जीत गए जिससे कांग्रेस टूट गई
- और दो हिस्सों में बंट गई - कांग्रेस ( R ) तथा कांग्रेस ( O )
संयुक्त विधायक दल से क्या अभिप्राय हैं ?
- 1967 के चुनाव से राज्यों में गठबंधन की परिघटना सामने आई
- गैर कांग्रेसी पार्टियों ने एकजुट होकर संयुक्त विधायक दल बनाया
- पंजाब में बनी संयुक्त विधायक दल की सरकार को
- पॉपुलर यूनाइटेड फ्रंट का नाम दिया गया
स्मरणीय विन्दु :-
- भारतीय नेताओं की स्वतन्त्रता आंदोलन के समय से ही लोकतंत्र में गहरी
- प्रतिबद्धता (आस्था) थी। इसलिए भारत ने स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र का मार्ग
- अपनाया जबकि लगभग उसी समय स्वतंत्र हुए कई देशों में अलोकतांत्रिक शासन व्यवस्था कायम हुई।
- 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के समय देश में अंतरिम सरकार थी।
- अब संविधान के अनुसार नयी सरकार के लिए चुनाव करवाने थे। जनवरी 1950 में चुनाव
- आयोग का गठन किया गया। सुकुमार सेन पहले चुनाव आयुक्त बने।
चुनाव आयोग की चुनौतियाँ :-
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाना।
- चुनाव क्षेत्रों का सीमांकन।
- मतदाता सूची बनाने के मार्ग में बाधाए।
- अधिकारियों और चुनावकर्मियों को प्रशिक्षित करना।
- कम साक्षरता के चलते मतदान की विशेष पद्धति के बारे में सोचना।
- अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 तक प्रथम आम चुनाव हुए।
- पहले तीन आम चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रभुत्व रहा।
- भारत में एक दल का प्रभुत्व दुनिया के अन्य देशों में एक पार्टी के प्रभुत्व से इस
- प्रकार भिन्न रहा। मैक्सिको में PRI की स्थापना 1929 में हुई, जिसने मैक्सिको में 60 वर्षों
- तक शासन किया। परन्तु इसका रूप तानाशाही का था।
- बाकी देशों में एक पार्टी का प्रभुत्व लोकतंत्र की कीमत पर कायम हुआ।
- चीन, क्यूबा और सीरिया जैसे देशों में संविधान सिर्फ एक ही पार्टी को अनुमति देता है।
- म्यांमार, बेलारूस और इरीट्रिया जैसे देशों में एक पार्टी का प्रभुत्व कानूनी और
- सैन्य उपायों से कायम हुआ। भारत में एक पार्टी का प्रभुत्व लोकतंत्र एवं स्वतंत्र निष्पक्ष चुनावों के होते हुए रहा
- कांग्रेस के प्रथम तीन आम चुनावों में वर्चस्व । प्रभुत्व के कारण :-
- स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका सुसंगठित पार्टी
- सबसे पुराना राजनीतिक दल पार्टी का राष्ट्र व्यापी नेटवर्क
- प्रसिद्ध नेता सबको समेटकर मेलजोल के साथ चलने की प्रकृति।
- भारत की चुनाव प्रणाली।
- कांग्रेस की प्रकृति एक सामाजिक और विचारधारात्मक गठबंधन की है। कांग्रेस में
- किसान और उद्योगपति, शहर के बाशिंदे और गाँव के निवासी, मज़दूर और
- मालिक एवं मध्य, निम्न और उच्च वर्ग तथा जाति सबको जगह मिली।
- कांग्रेस ने अपने अंदर गरमपंथी और नरमपंथी, दक्षिणपंथी, वामपंथी और
- मध्यमार्गियों को समाहित किया। कांग्रेस के गठबंधनी स्वभाव ने विपक्षी दलों के सामने समस्या खड़ी की और कांग्रेस
- को असाधारण शक्ति दी। चुनावी प्रतिस्पर्धा के पहले दशक में कांग्रेस ने
- शासक दल की भूमिका निभायी और विपक्ष की भी। इसी कारण भारतीय
- राजनीति के इस कालखंड को कांग्रेस-प्रणाली कहा जाता है।