Class 11th Political science Chapter- 5th ( विधायिका ) Term- 2 important questions
विधायिका से क्या अभिप्राय है ?
- विधायिका जनता के द्वारा निर्वाचित होती है और जनता के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करती है
- विधायिका कानून का निर्माण करती है
- संघ की विधायिका को संसद कहा जाता है यह राष्ट्रपति और दोनो सदन, राज्य सभा और लोकसभा कहलाते है, से बनती है
- राज्यों की विधायिका को विधानसभा या विधानमंडल कहते हैं
विधायिका सभी लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रियाओं का केंद्र है
सदन में बहस, बहिर्गमन, विरोध, प्रदर्शन, सर्वसम्मति, सरोकार और सहयोग आदि
इसे अत्यंत जीवंत रखते हैं
भारतीय संसद का कौन सा सदन अधिक शक्तिशाली है ?
- लोकसभा
वर्तमान में किन राज्यों में द्वि-सदननात्मक विधायिका है ?
- भारत के निम्न राज्यों में द्वि - सदनीय विधायिका है आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश
द्वि-सदननात्मक विधायिका किस नाम से जाने जाते है ?
- विधानसभा और विधान परिषद्
संसद के किसी एक न्यायिक कार्य का उल्लेख कीजिए ?
- राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रक्रिया
संसद के कौन से तीन सत्र होते हैं ?
- बजट सत्र– फरवरी – मई में
- मानसून सत्र- जुलाई – अगस्त में
- शीतकालीन सत्र- नवम्बर – दिसंबर
द्वि-सदनीय विधायिका का कोई एक लाभ बताइए ?
- विधेयक पर पुनर्विचार किया जाता है
भारतीय संविधान में कितनी सूचियों का उल्लेख किया गया है ?
- भारतीय संविधान में तीन सूचियों का उल्लेख है संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची
संसदीय नियंत्रण के किन्हीं दो साधनों का उल्लेख करें ?
- प्रश्नकाल और अविश्वास प्रस्ताव
अनुच्छेद 312 में क्या प्रावधान है ?
- राज्य सूची के विषय पर यदि परिवर्तन करना है तो राज्यसभा की सहमति लेना आवश्यक है
कोई एक तर्क प्रस्तुत करें जिससे राज्यसभा की प्रासंगिकता का महत्व पता चलता है ?
- राज्यसभा सदन विधेयकों पर पुनर्विचार करता है तथा राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है
राज्यसभा किसी सामान्य विधेयक को अपने पास कितने समय तक रख सकती है ?
- 6 महीने तक
द्वि - सदनीय विधायिका के पक्ष में दो तर्क दीजिए ?
- समाज के सभी वर्गों व क्षेत्रों की समुचित प्रतिनिधित्व मिल जाता है दूसरा सदन प्रथम सदन के कार्यभार कम करता है
राज्यसभा के सदस्य संख्या बताइए ?
- राज्य सभा में कुल सदस्य 250 है
- जिसमें 238 राज्यों द्वारा निर्वाचित क्षेत्र और 12 को राष्ट्रपति मनोनीत करता है
लोकसभा की सदस्य संख्या बताइए ?
- लोकसभा में कुल सदस्य 552 है
- जिसमें 2 को सदस्य राष्ट्रपति मनोनीत करता है
- 530 + 20 + 2
विधायिका सभी लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण केंद्र है ? स्पष्ट कीजिए ?
) कानून निर्माण ( विधि निर्माण ) - संसद में ही कानून का निर्माण किया जाता है
2) बजट पारित करना – संसद / विधायिका में ही बजट पारित किया जाता है
3) सरकार पर नियंत्रण – संसद सरकार पर नियंत्रण रखती है यहाँ सरकार के कार्यों पर विपक्ष विरोध धर्ज करता है
4) संविधान में संशोधन – यदि संविधान में कुछ बदलाव की आवश्यकता है तो विधायिका के जरिये ही इसमें संसोधन किया जाता है
लोकसभा का सदस्य बनने के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए ?
- भारत का नागरिक हो
- आयु 25 वर्ष
- पागल व दिवालिया न हो
- किसी लाभप्रद सरकारी पद पर न हो
भारत में कानून निर्माण प्रक्रिया के कोई चार चरण बताइए ?
- कानून बनने की प्रक्रिया में किसी विधेयक को कई अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है
- प्रस्तावित कानून के प्रारूप को विधेयक कहते है
- विधेयक संसद के किसी भी सदन लोकसभा या राज्यसभा में पेश किया जा सकता है
- धन विधेयक को सिर्फ लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है
- जब एक सदन से विधेयक पास हो जाता है तो उसे दूसरे सदन में भेजा जाता है
- जब दूसरे सदन से भी विधेयक पास हो जाता है तो उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है
- यदि राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल जाती है तो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद विधेयक कानून बन जाता है
संसद के प्रमुख कार्य क्या है ?
- कानून का निर्माण करना
- कार्यपालिका पर नियंत्रण करना
- वित्त कार्य - बजट पारित करना
- संविधान में आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करना
- बहस का मंच
- जनता का प्रतिनिधित्व करना
- विदेश नीति पर नियंत्रण करना
लोकसभा कार्यपालिका को राज्यसभा की तुलना में क्यों कारगर ढंग से नियंत्रण में रख सकती है ?
- क्योंकि लोकसभा की सदस्य संख्या अधिक होती है
- लोकसभा अधिक लोकप्रिय सदन होता है
- जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं
- मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदाई होती है
- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है
- प्रश्न, पूरक प्रश्न, काम रोको प्रस्ताव आदि से
लोकसभा कार्यपालिका पर कारगर ढंग से नियंत्रण रखने की नहीं बल्कि जन भावना और जनता की अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच है क्या आप इस कथन से सहमत हैं ?
- जनता के द्वारा चुने प्रतिनिधि होने के कारण
- जनहित में कानून बनाना
- जनता की आकांक्षाओं एवं भावनाओं से परिचित होना
- चुनाव के माध्यम से जनता के प्रति जवाबदेहिता