Class 12th History Chapter- 15 ( संविधान का निर्माण ) Term- 2 Important questions
1- संविधान सभा में दलित वर्गों के संरक्षण के पक्ष में दिए गए विभिन्न तर्कों का वर्णन कीजिए ?
( एन. जी. रंगा )
- रंगा जी ने कहा कि अल्पसंख्यक शब्द की व्याख्या आर्थिक स्तर पर की जानी चाहिए
- रंगा की नजर में असली अल्पसंख्यक गरीब और दबे कुचले लोग थे
- उन्होंने इस बात का स्वागत किया था कि संविधान में हर व्यक्ति को कानूनी अधिकार दिया जा रहे हैं
- लेकिन उन्होंने इसकी सीमाओं को भी बताया उन्होंने कहा कि जब तक संविधानसम्मत अधिकारों को लागू करने का प्रभाव इंतजाम नहीं किया जाएगा तब तक गरीबों के लिए इस बात का कोई खास अर्थ नहीं है
( नागप्पा ने कहा )
- कि संख्या की दृष्टि से हरिजन अल्पसंख्यक नहीं है
- आबादी में इनका हिस्सा 20 से 25% है
- इनकी मुख्य समस्या यह है कि इन्हें समाज व राजनीति के हाशिए पर रखा गया है
- उनके पास ना तो शिक्षा तक पहुंच थी ना ही शासन में हिस्सेदारी
( के . जे . खंडेलकर ने )
- कहा कि हमें हजारों साल तक दबाया गया है
- इस हद तक दबाया गया कि हमारे दिमाग, हमारा शरीर काम नहीं करता
- और हमारा हृदय भी भाव शून्य हो चुका है
- ना ही हम आगे बढ़ने के लायक रह गए यही हमारी स्थिति है
( अंबेडकर जी ने )
- कहा कि
- छुआछूत की समाप्ति की होनी चाहिए
- हिंदू मंदिर सभी जातियों के लिए खोले जाने चाहिए
2- संविधान सभा के अधिकतर सदस्य भारत में पृथक निर्वाचन के विचार के विरोधी थे ? कथन की व्याख्या कीजिए ?
- पृथक निर्वाचिका के पक्ष में बी. के. पोकर ने बयान दिया जिससे ज्यादातर राष्ट्रवादी भड़क गए थे इसके बाद गरमा गरम बहस छिड़ गई थी, ज्यादातर राष्ट्रवादियों को लग रहा था कि पृथक निर्वाचिका की व्यवस्था लोगों को बांटने के लिए अंग्रेजों की चाल थी
- राष्ट्रवादी नेताओं को गृहयुद्ध, दंगों और हिंसा की आशंका दिखाई देती थी
( सरदार पटेल ने कहा )
- कि पृथक निर्वाचिका एक ऐसा विष है
- जो हमारे देश की पूरी राजनीति में समा चुका है
- यह एक ऐसी मांग की जिसने एक समुदाय को दूसरे समुदाय से भिड़ा दिया
- राष्ट्र के टुकड़े कर दिए, रक्तपात को जन्म दिया
- गोविंद बल्लभ पंत ने कहा कि यह प्रस्ताव न केवल राष्ट्र के लिए बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए भी खतरनाक है
3- संविधान को बनाते समय शक्तिशाली केंद्र के पक्ष में विभिन्न लोगों द्वारा दिए गए तर्कों की पर कीजिए ?
- शक्तिशाली केंद्र की जरूरत को असंख्य अवसरों पर रेखांकित किया जा चुका था
- भीमराव अंबेडकर ने घोषणा की थी कि वह एक शक्तिशाली और एकीकृत केंद्र चाहते हैं
- गोपाल स्वामी अय्यर ने कहा केंद्र ज्यादा से ज्यादा मजबूत होना चाहिए
- बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि एक शक्तिशाली केंद्र होना जरूरी है
- ताकि वह देश हित में योजना बना सके, उपलब्ध संसाधनों को जुटा सके
- एक उचित शासन व्यवस्था स्थापित कर सके और देश को विदेशी आक्रमण से बचा सके
4- संविधान बनाते समय दलित जातियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विभिन्न लोगों द्वारा दिए गए विभिन्न तर्कों की परख कीजिए ?
- महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता और दलितों के साथ भेदभाव का विरोध किया, दलितों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने पृथक निर्वाचन की मांग कर दी, कुछ सदस्यों ने अस्पृश्यता के खिलाफ आवाज उठाई, नागप्पा ने कहा हम सदा कष्ट उठाते रहे हैं पर अब और कष्ट उठाने को तैयार नहीं है, दलित जातियों के पास शिक्षा और अन्य सुविधाएँ नहीं है
- संविधान के तहत सभी हिंदू मंदिर सभी जातियों के लिए खोल दिए गए तथा छुआछूत की समाप्ति कर दी गई
- जवाहरलाल नेहरू द्वारा पेश किया गया उद्देश्य प्रस्ताव में प्रस्तुत आदर्शों की व्याख्या कीजिए ?
- 13 दिसंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा के सामने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया
- उद्देश्य प्रस्ताव में भारत को स्वतंत्र, संप्रभु गणराज्य होने की घोषणा की
- इसमें अपने नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी दी
- उद्देश्य प्रस्ताव में यह आश्वासन दिया गया कि अल्पसंख्यक और पिछड़े तथा आदिवासी क्षेत्र और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी
5- जवाहरलाल नेहरू द्वारा पेश किया गया उद्देश्य प्रस्ताव में प्रस्तुत आदर्शों की व्याख्या कीजिए ?
- 13 दिसंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा के सामने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया
- उद्देश्य प्रस्ताव में भारत को स्वतंत्र, संप्रभु गणराज्य होने की घोषणा की
- इसमें अपने नागरिकों को न्याय , समानता और स्वतंत्रता की गारंटी दी
- उद्देश्य प्रस्ताव में यह आश्वासन दिया गया कि अल्पसंख्यक और पिछड़े तथा आदिवासी क्षेत्र और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी
6- गांधीजी ने हिंदुस्तानी को राष्ट्रभाषा बनाने पर जोर क्यों दिया ? स्पष्ट कीजिए ?
- गांधीजी ने महसूस किया कि भाषा ऐसी हो जो आम लोगों को आसानी से समझ में आ जाए
- हिंदुस्तानी आम लोगों के लिए एक लोकप्रिय भाषा भी रही है
- हिंदुस्तानी जन सामान्य की भाषा थी अधिकांश क्षेत्रीय भाषाएं इसके बहुत नजदीक थी
- संस्कृत निष्ठ हिंदी और फारसी निष्ठ उर्दू दोनों के मेल से बनी थी
- यह बहु सांस्कृतिक भाषा थी
- यह सभी को जोड़ने में सक्षम थी
7- गोविंद बल्लभ पंत पृथक निर्वाचन के विरुद्ध क्यों थे ?
- क्योंकि पृथक निर्वाचन से अल्पसंख्यक अन्य समुदाय से अलग-थलग पड़ जाएंगे
- इससे अल्पसंख्यक कभी बहुसंख्यको में नहीं मिल पाएंगे
- यह व्यवस्था देश को कमजोर बना देगी
8- संविधान सभा के समक्ष कौन-कौन सी चुनौतियां थी ?
- भारत में अनेक भाषा, धर्म, संस्कृतियों का होना, पृथक निर्वाचिका की स्थापना, राज्य तथा केंद्र सरकार के बीच शक्ति का बंटवारा, राष्ट्र भाषा की समस्या अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, दलितों की समस्या
9- जयपाल सिंह ने संविधान सभा में आदिवासियों की सुरक्षा के लिए दलील क्यों दी ? कोई दो कारण स्पष्ट कीजिए ?
- जयपाल सिंह ने आदिवासियों की सुरक्षा तथा उन्हें आम आबादी के स्तर पर लाने के लिए जरूरी परिस्थिति रचने की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए आदिवासी कबीले संख्या की दृष्टि से अल्पसंख्यक नहीं है लेकिन उन्हें संरक्षण की जरूरत है आदिवासी को वहां से बेदखल कर दिया गया जहां वह रहते थे उन्हें उनके जंगलों और गांव से वंचित किया गया, उन्होंने कहा कि आदिवासियों को पिछड़ा माना जाता है
- आदिवासी बाकी समाज से अलग कर दिए गए हैं हमें उन सभी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना चाहिए
10- संविधान सभा ने भाषा के विवाद को हल करने के लिए क्या रास्ता निकाला ?
- भारत में विभिन्न धर्मों,जातियों और विभिन्न भाषाओं को बोलने वाले लोग रहते हैं
- इसलिए जब राष्ट्रीय भाषा चुनने का सवाल आया तो इस मुद्दे पर संविधान सभा में काफी तनाव पैदा हो गया
- हालांकि यह बात पहले से तय हो चुकी थी कि हिंदुस्तानी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया जाएगा
- महात्मा गांधी ने कहा राष्ट्रीय भाषा ऐसी होनी चाहिए जिसे देश के अधिकांश लोग आसानी से समझ और बोल सकें
- इस समय हिंदी और उर्दू के मेल से बनी हिंदुस्तानी ही ऐसी भाषा थी जिसे भारत के बहुत बड़े हिस्से में बोला जाता था
- जब हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का सुझाव दिया गया तो इस बात पर संविधान सभा में विवाद शुरू हो गया
- गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों को यह लगने लगा कि उन पर हिंदी भाषा थोपी जा रही है
- उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने का विरोध शुरू कर दिया
- समिति ने विवाद को देखते हुए कहा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए
- पहले 15 साल तक सरकारी कामों में अंग्रेजी का इस्तेमाल जारी रहेगा
- प्रत्येक प्रांत को अपने कामों के लिए कोई एक क्षेत्रीय भाषा चुनने का अधिकार होगा
- संविधान सभा की भाषा समिति ने हिंदी को राष्ट्रभाषा की वजह राजभाषा कहकर विभिन्न पक्षों की भावनाओं को शांत करने का प्रयास किया
11- संविधान सभा के समक्ष कौन-कौन सी चुनौतियां थी ?
भारत में अनेक भाषा, धर्म, संस्कृतियों का होना पृथक निर्वाचिका की स्थापना, राज्य तथा केंद्र सरकार के बीच शक्ति का बंटवारा राष्ट्र भाषा की समस्या अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, दलितों की समस्या
12- सोमनाथ लाहिड़ी को संविधान सभा की चर्चाओं पर ब्रिटिश साम्राज्यवाद का स्याह साया दिखाई देता था ? कथन को स्पष्ट कीजिए ?
- सोमनाथ लाहिड़ी का कहना था की भारत साम्राज्यवादी शासन के प्रभाव से खुद को पूरी तरह आजाद करें
- लाहिड़ी ने कहा कि संविधान सभा अंग्रेजों की बनाई हुई है और वह अंग्रेजों की योजना को साकार करने का काम कर रही है
- क्योंकि जिस समय संविधान सभा में चर्चा चल रही थी उस समय अंग्रेज भारत में ही थे और भारत का सारा काम वायसराय तथा लंदन में बैठे ब्रिटिश सरकार की देखरेख में होता था
- इसलिए सोमनाथ लाहिड़ी का कहना था कि अभी हम पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हुए हैं