समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व- Class 12th CH-3rd Political Science New centers of power

समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व- Class 12th CH-3rd Political Science New centers of power

यूरोपीय संघ

यूरोपीय संघ यूरोप के देशों का एक संगठन है.
इसकी स्थापना 1992 में हुई.
प्रारंभ में यह एक आर्थिक संगठन के रूप में कार्य करता था.
लेकिन बाद में यह राजनैतिक संगठन की तरह कार्य करने लगा.
यह एक विशाल राष्ट्र की तरह काम करने लगा इसके पास अपना झंडा, गान, स्थापना दिवस, मुद्रा है.
यूरोपीय संघ ने 2003 में अपना संविधान बनाने का प्रयास किया लेकिन उसमें असफल रहा.
यूरोपीय संघ के झंडे में सोने के रंग के 12 सितारे का घेरा बना है.
यूरोप के लोगों की एकता और मेल मिलाप का प्रतीक है.

यूरोपीय संघ की विशेषता

ज़बरदस्त आर्थिक , राजनैतिक , सैनिक प्रभाव.
2005 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था.
सकल घरेलू उत्पादन 12000 अरब डॉलर से भी ज्यादा था.
इसकी मुद्रा यूरो अमेरिकी डॉलर के लिए ख़तरा.
विश्व व्यापार में अमेरिका से तीन गुनी ज्यादा हिस्सेदारी.
दो सदस्य देशों को वीटो पॉवर मिली हुई है (फ्रांस और ब्रिटेन).
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना.
550 के करीब परमाणु हथियार.

यूरोपीय संघ की कमियाँ बताओ ?

यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की अपनी अलग विदेश नीति और रक्षा नीति है.
यह नीति कई बार एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं.
उदाहरण -
इराक पर अमेरिका का हमला जब हुआ.
उस समय ब्रिटेन ने इस हमले में साथ दिया.
जर्मनी और फ्रांस इसके खिलाफ थे.

आसियान

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन – आसियान.
आसियान की स्थापना 1967 में पांच देशों द्वारा बैंकॉक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके हुई.
प्रारंभ में इसमें 5 देश थे लेकिन बाद में 5 देश और जुड़ गए.
प्रारंभ – इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड.
बाद में जुड़े देश - ब्रूनेई दारुस्सलाम, वियतनाम, लाओस, म्यामार, कंबोडिया.

आसियान के उद्देश्य

1) आर्थिक विकास तेज करना.
2) सामाजिक और सांस्कृतिक विकास करना.
3) कानून और शासन को सुधारना.
4) संयुक्त राष्ट्र के कायदों पर आधारित क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना.

आसियान शैली क्या है ?

1) अनौपचारिक , टकराव रहित , सहयोगात्मक मेल मिलाप का नया उदाहरण पेश करके आसियान नें काफी यश कमाया.
2) इसे आसियान शैली कहा जाता है.
3) सबसे तेज रफ्तार से विकास करने वाला संगठन.

आसियान के तीन स्तम्भ

1) आसियान सुरक्षा समुदाय.
2) आसियान आर्थिक समुदाय.
3) आसियान समाजिक सांस्कृतिक समुदाय.
(आसियान सुरक्षा समुदाय)
सदस्य देशों के विवादों को सुलझाना.
शांति, सहयोग, को बढ़ावा देना.
(आसियान आर्थिक समुदाय)
साझा बाजार तथा मुक्त व्यापार बढ़ाना.
आर्थिक विवाद सुलझाना.
(आसियान समाजिक सांस्कृतिक समुदाय)
आसियान देशों के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना.
( आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना तथा उद्देश्य )
स्थापना – 1994.
उद्देश्य – आसियान देशों की सुरक्षा करना.
आसियान देशों की विदेश नीति में तालमेल बनाए रखना.

आसियान विजन 2020 से क्या अभिप्राय है ?

आसियान के विजन दस्तावेज 2020 में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की बहिर्मुखी भूमिका होगी.
टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति से यह बात निकली है.
आसियान ने कम्बोडिया के टकराव को समाप्त किया.
आसियान ने पूर्वी तिमोर के संकट को संभाला है.

SAARC (सार्क)

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन.
South Asian association for regional cooperation.
सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को हुई.
सार्क की स्थापना के समय इस में 7 देश शामिल थे.
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव, श्रीलंका
अफगानिस्तान इसमें बाद में शामिल हुआ है.
इसका मुख्यालय काठमांडू ( नेपाल ) में है.
उद्देश्य
दक्षिण एशिया के देशों में जनता के विकास एवं जीवन स्तर में सुधार लाना.
आत्मनिर्भरता का विकास.
आर्थिक विकास करना.
सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास, आपसी सहयोग.
आपसी विवादों का निपटारा.
आपसी विश्वास बढ़ाकर व्यापार को बढ़ावा देना.

सार्क क्यों असफल हो गया ?

इसके सदस्य देशों के आपसी विवाद.
आपसी व्यापार काफी कम है.
भारत - पाकिस्तान संघर्ष भी एक मुख्य कारण है.
आतंकवाद, अलगाववाद.
यह देश आपस में लड़ते रहते है.
इनमे एकता नहीं है.
आपसी विवादों को बातचीत से सुलझाया नही जा सका.

साफ्टा

2006 में सार्क देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए साफ्टा बनाया गया.
दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौता.
South Asian free trade area.
लक्ष्य - आपसी व्यापार में लगने वाला सीमा शुल्क 2007 तक कम कर दिया जाएगा.

साफ्टा क्यों असफल रहा ?

सार्क के कुछ छोटे देश ऐसा मानते हैं.
कि भारत साफ्टा की ओट लेकर उनके बाजारों में सेंध मारना चाहता है.
भारत सोचता है कि साफ्ता से इस क्षेत्र में हर देश को फायदा होगा.
इन देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा.
भारत का पहले से ही भूटान, श्रीलंका, नेपाल से 2 पक्षीय व्यापारिक समझौता हो रखा है.

Organizations:
1) European Union
2) ASEAN
3) SAARC
4) BRICS.
Nations:
1) Russia
2) China
3) Israel
4) India

भारत

भारत दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल आबादी वाला देश है.
21 वी शताब्दी में भारत को एक उभरती वैश्विक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है.
पूरा विश्व भारत की शक्ति और उसके उदय को अनुभव कर रहा है.
भारत की जनसंख्या लगभग 135 करोड है.
जनसंख्या के आधार पर भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है.
भारत 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य लेकर चल रहा है.
सामरिक दृष्टि से देखा जाए तो भारत की सेना एक विशाल सेना है.
भारत के पास परमाणु हथियार भी हैं.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत उभर कर सामने आया है.
मेक इन इंडिया योजना के तहत घरेलू स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है.
इससे भारत आत्मनिर्भर बनेगा.

चीन

चीन भारत का पड़ोसी देश है चीन विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश है.
1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ.
जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा.
भारत और चीन के संबंध कई बार तनावपूर्ण रहे हैं.
भारत और चीन के बीच व्यापार बड़े स्तर पर होता है.

चीन की अर्थव्यवस्था का उत्थान

वर्तमान समय में चीन जितना विकसित है यह सब इसके आर्थिक नीतियों के कारण हुआ है.
चीन प्रारम्भ में व्यापार में शामिल नहीं होता था.
1978 में चीन ने मुक्त द्वार की नीति अपनाई और विश्व व्यापार में शामिल होने लगा.
मुक्त द्वार की नीति देंग श्याऑपेंग के द्वारा अपनाई गई.
इसके बाद चीन का आर्थिक विकास तेजी से होने लगा.
ऐसा माना जाता है चीन 2040 तक अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा.
इस कारण चीन का प्रभाव विश्व भर में बढ़ता जा रहा है.

1950 के दशक का चीन

चीनी क्रांति 1949 में हुई , यह क्रांति माओ के नेतृत्व में हुई थी.
यहां साम्यवाद को अपनाया गया.
चीन आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ देश था.
चीन पूंजीवादी दुनिया से रिश्ते तोड़ कर साम्यवादी बन गया था.
ऐसे में चीन के पास अपने संसाधनों के अलावा गुजारा करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था.
चीन खेती से पूंजी निकालकर उद्योग में लगाता था.
चीन के पास विदेशी मुद्रा की कमी थी.
इसलिए बाहर से आयात होने वाले सामान को धीरे-धीरे चीन ने घरेलू स्तर पर बनाना शुरू किया.
चीन में रोजगार की स्थिति अच्छी थी.

अर्थव्यवस्था 5-6% की दर से विकास भी कर रही थी.
लेकिन चीन की जनसंख्या दर तेजी से बढ़ रही थी.
जिसके कारण चीन को नुकसान उठाना पड़ा.
चीन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं और.
जनसंख्या की बढ़ती दर पर काबू पा लिया

1973 में चाऊ एन लाई ने 4 क्षेत्रो में आधुनीकरण का प्रस्ताव दिया 

1) कृषि.
2) उद्योग.
3) सेना.
4) विज्ञानं और प्रोद्योगिकी.
1978 में देंग श्योपेंग ने मुक्त द्वार की नीति अपनाई.
उसके बाद से चीन तेजी से विकास करने लगा.
चीन ने शॉक थेरेपी को नहीं अपनाया बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से खोला.
1982 में – खेती का निजीकरण.
1998 में – उद्योगों का निजीकरण.
चीन 2001 में विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ.

भारत और चीन के संबंधो पर चर्चा

1) हिंदी चीनी भाई भाई का नारा बहुत प्रसिद्ध था.
2) चीन भारत का 1962 युद्ध हुआ जिसमे भारत हार गया.
3) सीमा विवाद (जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में ).
4) चीन ने तिब्बत को हड़प लिया.
5) दलाई लामा ने भारत में शरण मांगी.
6) पंचशील का समझोता.

पंचशील समझोता

1) एक दुस्र्रे की क्षेत्रीय अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना.
2) एक दुसरे पर आक्रमण न करना.
3) एक दुसरे के आंतरिक मामलो में दखल न देना.
4) समानता.
5) शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व.

BRICS

वर्तमान में BRICS पांच देशों का एक संगठन है.
इस समूह को बनाने की शुरुवात 2006 में हो चुकी थी.
इसका पहला सम्मेलन 2009 में हुआ था प्रारम्भ में इसकी सदस्य संख्या चार थी.
प्रारंभ इसकी सदस्य संख्या चार थी.
इसके बाद इसकी सदस्य संख्या पांच हो गई.
BRICS दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का एक संघ है.
इसमें ब्राजील, रूस, भारत,चीन, दक्षिण अफ्रीका देश शामिल है.
रूस को सोवियत संघ का उत्तराधिकारी है.
रूस और चीन को सुरक्षा परिषद् में वीटो पॉवर भी प्राप्त है.

BRICS की विशेषता ?

दुनिया की लगभग 50 प्रतिशत आबादी इन देशों में रहती है.
विश्व के दो सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश भारत, चीन इसमें शामिल है.
दुनिया का लगभग एक चौथाई क्षेत्रफल.
दुनिया की कुल GDP का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा इन देशों का है.
दुनिया के कुल व्यापार का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा इन देशों का है.
ऐसा माना जाता है अगर यह संगठन सही से कार्य करे तो यह अमरीका से आगे निकल जाएगा.
ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि यह संगठन 2030 तक G7 से आगे निकल जाएगा.

G7 के देशों के नाम बताइए ?

BRIC का पहला सम्मेलन.
इसका पहला सम्मेलन 2009 में हुआ था.
यह सम्मेलन Yekaterinburg में 16 जून 2009 में हुआ था.
Yekaterinburg रूस में है.
इस समय दक्षिण अफ्रीका इसका सदस्य नहीं था.
भारत की तरफ से उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसमें शामिल हुए थे.

BRICS के उद्देश्य

इन देशों का मुख्य उद्देश्य अपनी अर्थव्यवस्था को उभारना है.
अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना.
जिस से इनके सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जा सके.
आपस में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग करना.
यह देश घरेलू और साझा चुनौतियों को आपसी सलाह द्वारा सुलझाने का प्रयास करते हैं.
1-इन देशों ने एक बैंक भी बनाया है.
NDB - NEW development Bank.
2-यह भारत के सुझाव पर बनाया गया है.
3-यह बैंक 2014 में बनाया गया था.
4-इसका काम किसी प्रोजेक्ट को लोन देना है.
5-यह बैंक इन देशों को तकनीकी सहायता भी प्रदान करता है.
6-इसका मुख्यालय संघाई ( चीन ) में है.

विवाद

इनके सदस्य देशों के बीच कुछ विवाद है.
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद.
OBOR को लेकर विवाद.
चीन और पाकिस्तान की नजदीकियों को लेकर विवाद.
चीन और ब्राजील में चीन की मुद्रा से संबंधित समस्या.

इजराइल

इजराइल क्षेत्रफल की दृष्टि से एक छोटा देश है.
इसका कुल क्षेत्रफल - 22145 वर्ग किलोमीटर है.
यह दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित है.
इसकी जनसंख्या लगभग 85 लाख है.
यह देश बेशक जनसंख्या में कम हो, क्षेत्रफल में छोटा हो.
लेकिन सैन्य क्षमता में यह बहुत आगे हैं.
इजराइल विश्व का एकमात्र यहूदी देश है.
इजराइल फिलिस्तीन से अलग होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था.
भारत में लगभग 6200 यहूदी लोग रहते है.
इजरायल की भाषा हिब्रू है.

सैन्य व्यवस्था

इजराइल की सेना में लगभग 35 लाख सैनिक है.
इजरायल की सेना में महिलाओं को भी शामिल किया जाता है.
स्कूली विद्यार्थियों को भी आर्मी ट्रेनिंग दी जाती है.
इनमें लड़कों को कम से कम 3 साल और लड़कियों को 2 साल सेना में काम करना अनिवार्य होता है.
सैन्य प्रौद्योगिकी में इजराइल बहुत आगे है.
इजराइल में आधुनिक हथियार बनाए जाते हैं.
इजराइल इन हथियारों का निर्यात भी करता है.
यह देश 21 वी शताब्दी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, नवाचार,
तथा बुद्धि के मामले में दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण है.

रूस

15 गणराज्य को मिलाकर सोवियत संघ बनाया गया था.
रूस उनमें से एक था.
रूस एक बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है.
सोवियत संघ में रूस की महत्वपूर्ण भूमिका थी.
जब सोवियत संघ का विघटन हो गया.
रूस को सोवियत संघ का उत्तराधिकारी बनाया गया.
सोवियत संघ की सुरक्षा परिषद में वीटो पावर उसको दे दी गई.
रूस की जीडीपी वर्तमान समय में 11वीं स्थान पर है.
रूस के पास खनिज संसाधन, प्राकृतिक संसाधन तथा गैस का भंडार है.
इन संसाधनों के कारण रूस दुनिया में एक शक्तिशाली देश है.
रूस के पास परमाणु हथियार भी है.
रोज सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है.

भारत और रूस के संबंध

1) भारत तथा रूस के संबंध हमेशा से मधुर रहे हैं.
2) भारत सोवियत संघ तथा रूस से हथियार खरीदता है.
3) भारत और रूस दोनों काई सपना बहुत ध्रुवीय विश्व का है.
4) रूस ने सदैव भारत की सहायता की है.
दोनों देश चाहते हैं की अंतरराष्ट्रीय संघर्षों का समाधान बातचीत द्वारा निकाला जाए.
2001 के भारत रूप समझौते में दोनों देशों के बीच 80 द्विपक्षीय समझौते हुए.
भारत तेल का आयतक देश है और संकट की घड़ी में रूस ने भारत को तेल देकर भारत की सहायता की है.
रूस ने भारत के प्रमाणिक योजना में तथा अंतरिक्ष उद्योग में सहायता की है.

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