Class 12th Physical education chapter- 4 Term-2 ( दिव्यांगों के लिए शारीरिक शिक्षा और खेलकूद ) Important question
- अक्षमता का अर्थ होता है, क्षमता की कमीं था किसी भी कार्य को सामान्य व्यक्ति की तरह न कर पाना |
- विकार का अर्थ होता है किसी भी सामान्य कामकाज को न कर पाना, और विकार एक रोग है जो कार्य करने की क्षमता में बाधा डालता है |
- यह एक विकार है, इस विकार से पीड़ित व्यक्ति बार बार अपनी वस्तुओं को जांचता है तथा अपने किसी एक काम को बार बार करता रहता है | जैसे : बार बार मुहं धोना
- इस विकार में तंत्रिका तन्त्र की क्षमता में कमीं आ जाती है जिसके कारण तंत्रिका तंत्र किसी भी सूचना को प्राप्त नहीं कर पाता |
- इस विकार से पीड़ित व्यक्ति बार बार किसी शब्द या वाक्य को दोहराता रहता है या फिर किसी चीज़ को बार बार छूता रहता है |
- यह मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित एक बीमारी है जिसमे मनुष्य सीखना, याद रखना, तथा छोटी छोटी समस्याओं को सुलझा नहीं पाता |
- यह एक मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित एक विकलांगता है इसमें व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों को नहीं कर पाता |
- ये वे सिद्धांत होते हैं जिनका हमें तब ध्यान रखना चाहिए जब हम किसी अक्षम व्यक्ति से बात करते हैं |
- यह एक विकार है, जिसमे व्यक्ति में आक्रमकता बढ़ जाती है और वह लड़ाई करने लगता है तथा उसकी सोच भी नकारात्मक हो जाती है |
1) शारीरिक अक्षमता
एक प्रकार की विंकलता है
जिसमें व्यक्ति सामान्य तौर
पर शारीरिक कार्यों को नहीं
कर पाता है।
2) संज्ञानात्मक अक्षमता
संज्ञानात्मक अक्षमता मानसिक बौद्धिक अक्षमता एक
अक्षमता है जिसमें सीखने, बोलने, मानसिक विकलता है
याद रखने, समस्या को हल नहीं जिसमें व्यक्ति बौद्धिक
कर व्यवहार नहीं कर पाता है।
3) बौद्धिक अक्षमता
बौद्धिक क्षमता एक मानसिक विकलांगता है
मानसिक विकलांगता है जिसमें व्यक्ति बौद्धिक
कार्यदक्षता और अनुकूलित पाता है।
- विभिन्न प्रकार की अक्षमताओं के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं :-
- विभिन्न प्रकार की अक्षमताओं का कारण आनुवंशिक हो सकता है आनुवंशिक कारणों में अगर किसी के परिवार में काफी लम्बे समय से कोई अक्षमता सबको होती आई हो तो आने वाले बच्चों पर इसका असर पड़ सकता है |
- आज की व्यस्त ज़िन्दगी में कब कहाँ और किसके साथ दुर्घटना हो जाए यह कोई नहीं जानता ऐसी बहुत सी दुर्घटनाओं के कारण व्यक्ति अक्षमता का शिकार हो सकता है |
- हमारे देश में अक्षमता का एक सबसे बड़ा कारण कुपोषण है | अगर बच्चों को पौष्टिक भोजन न दिया जाए तो बच्चा शारीरिक रूप से कमज़ोर हो जाता है | जैसे : iron की कमी , calcium की कमी , आयोडीन की कमी
- अगर किसी व्यक्ति को कैंसर , heart attack , मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारियाँ काफी लम्बे समय से हैं तो वह किसी भी रूप में अक्षमता का शिकार हो सकता है |
- में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान में अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराया गया था इस तरह के हमलों को झेलने वाले स्थानों पर आज भी इन परमाणु हमलों से निकलने वाली हानिकारक किरणों का असर देखने को मिलता है वर्तमान समय में भी ऐसे स्थानों पर जन्म लेने वाले बच्चों में संज्ञानात्मक विकारों जैसे डाउन सिंड्रोम के होने की संभावना अधिक रहती है |
- इन स्थानों पर जन्म लेने वाले बच्चों में किसी न किसी प्रकार की शारीरिक मानसिक क्षमता होती है |
ODD- Obessive Compulsive Disorder
( व्यवहार )
- तर्क करना
- लडाई करना
- दूसरो को आरोपित करना
- स्वेच्छा से दोस्ती तोड़ना
- बार बार आज्ञा का उल्लंघन करना
- गुस्सा ज्यादा आता है
( संज्ञानात्मक )
- अक्सर हताश होता
- ध्यान केन्द्रित करने में
- मुश्किल होना
- बोलने से पहले न सोचना
- ज्यादातर हताश रहना
- तनावग्रस्त रहना
( मनोवैज्ञानिक )
- दोस्त बनाने में
- मुश्किल होना
- झुंझलाहट की भावना
- आत्मसम्मान की कमी
- अपनी मर्जी से काम
- करना
- OCD से ग्रसित व्यक्ति चीज़ों को बार बार जांचता रहता है |
- OCD से ग्रसित व्यक्ति शब्दों और वाक्यों को बार बार दोहराता रहता है |
- OCD से ग्रसित व्यक्ति पैसों को बार बार गिनता रहता है |
- OCD से ग्रसित व्यक्ति बार बार हाथ और मुहं धोता रहता है |
- OCD से ग्रसित व्यक्ति जरुरत से ज्यादा धार्मिक बन जाता है , जैसे ईश्वर से बार बार प्राथना करना |
- यदि किसी के माता पिता में से किसी एक को OCD हो तो उसके होने वाली संतान को भी OCD विकार हो सकता है |
- हमारे आसपास के वातावरण के कारण भी OCD होने का खतरा बढ़ जाता है | जैसे घर के पास किसी की मृत्यु हो जाना , और स्कूल में परेशान रहना , या फिर दूषित पर्यावरण
- iii) संक्रमण (INFECTION)
- संक्रमण (INFECTION ) के कारण भी OCD विकार होने की संभावना बढ़ जाती है | जैसे : स्ट्रैपटोकोकस INFECTION से OCD का विकार हो सकता है |
iii) संक्रमण (INFECTION)
संक्रमण (INFECTION ) के कारण भी OCD विकार होने की संभावना बढ़ जाती है | जैसे : स्ट्रैपटोकोकस INFECTION से OCD का विकार हो सकता है |
ODD (ओ. डी. डी.) के कारण
अनुवाशिक कारण
- यदि परिवार के
- सदस्यो को मनोदशा
- सम्बन्धी विकार हो,
- चिन्ता सम्बन्धी विकार
- हो, व्यक्तित्व सम्बन्धी
- विकार हो
जैविक कारण
- मस्तिष्क सम्बन्धी चोट
- पारिवारिक जीवन का
- न्यूरो ट्रांसमीटर का
- असामान्य रूप से कार्य
- ना करना
- जहरीले पदार्थों का सेवन
कुपोषण
- सामाजिकरण कारण
- अनुशासन हीनता
- धन की कमी
- हिंसात्मक वातावरण
वातावरण संबंधी कारण
- पारिवारिक जीवन का ठीक से ना चलना
- हानिकारक पदार्थों का सेवन
- अनुवांशिक
- मस्तिष्क की चोटे
- मस्तिष्क की कार्य क्षमता तथा बनावट में कमी
- भोजन
- कुपोषण
- समय से पूर्व जन्म
- मस्तिष्क के रोग
- जन्म के समय वजन में कमी
- पारिवारिक अनुशासन की कमी
- कोई शरीर क्रियात्मक समस्या
- SPD हमारे तंत्रिका तंत्र से जुड़ा हुआ एक विकार है , इस विकार में हमारा तंत्रिका तंत्र किसी भी प्रकार की सूचना को प्राप्त नहीं कर पाता | यह विकार बच्चों में ज्यादा पाया जाता है |
- SPD से ग्रसित व्यक्तियों को normal आवाजें भी बहुत ज्यादा भयानक लगने लगती हैं |
- SPD से ग्रसित व्यक्तियों को अगर कोई अचानक से TOUCH कर ले तो उन्हें बहुत ज्यादा डर लगने लगता है |
- SPD से ग्रसित व्यक्ति किसी भी प्रकार की सुगन्ध या आवाज़ के प्रति संवेदनशील (SENSITIVE) हो जाता है |
- यदि किसी परिवार में किसी के माता या पिता में से किसी एक को SPD विकार हो तो उनके होने वाले बच्चों को भी SPD होने का खतरा बढ़ जाता है |
- अगर किसी भी बच्चे का बचपन से अच्छे से पालन पोषण न किया गया हो और तथा बच्चे के साथ बहुत सख्ती से बात की जाए तो उस बच्चे को यह विकार हो सकता है |
- अगर कोई भी महिला अपनी गर्भावस्था के दौरान मादक पदार्थों का सेवन करती है जैसे : शराब , सिगरेट , तम्बाकू आदि तो उसके कारण उसके होने वाले बच्चे को SPD विकार होने का खतरा बढ़ जाता है |
- ASD एक ऐसा विकार है जिसके कारण व्यक्ति समाज में किसी से भी घुल मिल नहीं पाता और उसे लोगों के साथ उठने बैठने में हिचक होने लगती है |
- ASD से ग्रसित व्यक्ति सभी से बात चीत नहीं कर पाता और उसे बातें करने में बहुत समस्या होती है |
- ASD से ग्रसित व्यक्ति को किसी भी चीज़ को पढ़ने में बहुत मुश्किल होती है तथा वह पढ़ या लिख नहीं पाता |
- ASD से ग्रसित व्यक्ति बहुत बार किसी भी भाषा को समझ नहीं पाता |
- अनुवांशिक कारण
- माता की गर्भवती के समय कुपोषक
- वातावरण संबंधी कारण
- मस्तिष्क का अविकास
- अक्षमता का अर्थ है किसी भी कार्य को करने की क्षमता न होना तथा कार्य न पाना |
- किसी भी प्रकार की अक्षमता में normal होने की संभावना नहीं रहती |
- अक्षमता शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है |
- उदाहरण : शारीरिक अक्षमता, बोद्धिक अक्षमता, संज्ञानात्मक अक्षमता |
- विकार का अर्थ है रुकावट |
- किसी भी प्रकार के विकार में normal होने की संभावना होती है |
- विकार ज्यादातर तंत्रिका तंत्र से जुड़ा होता है |
- उदाहरण : ODD , OCD , ASD , ADHD , SPD
- खेल के नियम
- देखभाल
- Medical जांच
- खेल उपकरण
- Best trainer
- दिव्यांग बच्चो को के लिए खेल के नियम आसन होने चहिये ताकि हर दिव्यांग बच्चा उस खेल को अच्छे से खेल पाए | अगर धीरे धीरे बच्चा खेलना सीख जाये तो नियमों में सुधार करना चाहिए |
- किसी भी प्रकार की शारीरिक क्रिया करवाने से पहले पूरी देखभाल करनी चाहिए की किसी भी प्रकार से किसी बच्चे को चोट न पहुंचे तथा medical staff की निगरानी में ही उन्हें खिलाना चाहिए |
- किसी भी दिव्यांग बच्चे को कोई physical activity करवाने से पहले उसके शरीर के स्वास्थ्य की एक जाँच कर लेनी चाहिए ताकि उस बच्चे को खेलते समय किसी भी प्रकार की समस्या न हो |
- दिव्यांग बच्चों को खिलते समय उनके खेल के उपकरणों का ध्यान रखना चाहिए तथा उनकी जरुरत के अनुसार ही उपकरण का रंग तथा भार (weight ) तथा आकार होना चाहिए |
- दिव्यांग बच्चों को शारीरिक क्रियाएं करवाने के लिए best trainer होना चाहिए तथा trainer के अन्दर दिव्यांग बच्चों को सिखाने की काबिलियत होनी चाहिए ताकि बच्चे आसानी से सीख सकें
- पहले के समय में अक्षम व्यक्ति के लिये कई शब्दों का
- प्रयोग किया जाता था जैसे विकलाग, शारीरिक रूप से विक्षिप्त, मानसिक रूप से विक्षिप्त आदि परन्तु आज के समय में हमें उन्हें “व्यक्ति क्षमता के साथ" अथवा दिव्याग शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए।
- किसी सभा में हमें उन्हें उनके नाम के साथ सम्बोधित करना
- चाहिए जिस प्रकार दूसरे लागो को सम्बोधित कर रहे हो।
- जब भी मिले सर्वप्रथम दिव्यांग व्यक्ति से हाथ मिलाने के लिये पेशकश करनी चाहिए। यदि दिव्यांग व्यक्ति का सीधा हाथ न हो तो उल्टे हाथ से हाथ मिलाने की पेशकश करनी चाहिए।
- तब तक प्रतीक्षा करती चहिए जब तक कि आप के द्वारा सहायता की पेशकश को दिव्यांग द्वारा स्वीकार न कर लिया जाए।
- जब भी दिव्यांग के र्पक में जाये तो बिना किसी सहायक के दिव्यांग से बातचीत करे।
- जब भी दृष्टि सम्बन्धी दिव्यांग के सर्पक में आये सर्वप्रथम अपनी तथा बाद में जो भी आपके साथ हो उनकी पहचान दिव्यांग से करवाए उसके उपरांत बातचीत शरू करे।
- पर बैठे दिव्यांग की पीठ तथा कंधे पर थपथपाना नहीं चाहिए।
- व्हील चेयर पर बैठ दिव्यांग की व्हील चेयर की ओर नही झुकना चहिए।
- जब भी किसी दिव्यांग के सर्पक में आये तो हमेशा ध्यान
- रखना चाहिए कि चोट तथा दुर्घता घटित न हो जाये।