बारहमासा- Class 12th hindi ( अंतरा भाग- 2 ) Term- 2 Important question

बारहमासा- Class 12th hindi ( अंतरा भाग- 2 )  Term- 2 Important question

अगहन मास की विशेषताएं बताते हुए नागमती की व्यथा कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए ?

  • अगहन के महीने में दिन छोटे और रातें बड़ी  हो जाती हैं | इस महीने में मौसम बहुत ठंडा हो जाता है और नागमती को दिन भी रात की तरह लगने लगता है | ठण्ड के मारे नागमती कांपने लगती है | वह अपने पति का वियोग सहन नहीं कर पाती | नागमती ठण्ड से परेशान होती रहती है पर सर्दी के कपड़े नहीं बनवाती क्योंकि उसका पति उससे बहुत दूर है |

माघ महीने में विरहणी को क्या अनुभूति होती है ?

  • माघ के महीने में बहुत भयंकर सर्दी पड़ती है जिसके कारण नागमती को बहुत तकलीफ होती है | अपने पति के वियोग में उसके दिन नहीं कट रहे | माघ की वर्षा की तरह उसकी आँखों से लगातार आंसू बह रहे हैं | इन आंसुओं से उसके सारे कपड़े भी भीग गए हैं और उसे बाण की तरह चुभने लगे हैं | माघ के महीने में तेज बारिश और तेज हवा से नागमती को और ज्यादा कष्ट का अनुभव हो रहा है | प्रियतम से दूर होकर उसका जीवन रसहीन हो गया है |

‘जियत खाइ मुएँ नहिं छाड़ा’ पंक्ति के सन्दर्भ में नायिका की विरह दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ? 

  • अपने पति से दूर होकर नागमती बहुत कमज़ोर हो गयी है और प्रति दिन और दुर्बल होती जा रही है | पूस के महीने की ठण्ड में तो उसके प्राण ही निकल रहे हैं क्योंकि उसके प्रियतम उसके पास में नहीं हैं | उसे लगता है की पति-वियोग का यह विरह रुपी बाज उसके चारों ओर ऐसे चक्कर लगा रहा है जैसे वह पक्षिणी को खाने के लिए चक्कर लगाता है | यह विरह अब उसे जीने नहीं देगा और अपने पति के वियोग में उसके प्राण निकल रहे हैं |

विरहणी नागमती अपनी व्यथा का संदेश प्रदेशी पति के पास कैसे पहुंचाना चाहती है ? अपने शब्दों में वर्णन करें |

  • विरहिणी नागमती का पति रत्नसेन परदेश गया हुआ है | उसके वियोग में नागमती विरह व्यथा में जली जा रही है | ठण्ड के मौसम में भी उसके ह्रदय में विरहाग्नि जल रही है | वह अपनी दशा का वर्णन करके पति के पास सन्देश पहुँचाना चाहती है | इस काम के लिए वह भौरे और कौए का सहयोग लेती है | वह उन्ही के माध्यम से प्रियतम तक अपनी दशा का संदेश भिजवाना चाहती है | 

फाल्गुन मास में विरहिणी नायिका की वेदना अनुभूति का वर्णन कीजिए |

  • फाल्गुन महीने की हवा में ठंड बनी रहती है | ये हवा विरहिणी नायिका के दुख को और भी बढ़ा देती है | उसे पिया से अलग रहकर जलने का बोध  होता है | उसके हृदय में विरह की होली जलती प्रतीत होती हैं | वे राख  बनकर प्रिय के हृदय से लग जाना चाहती है | वे चाहती है कि हवा उसके जले शरीर की राख को उड़ाकर ले जाएं और प्रीतम के रास्ते में बिछा दें ताकि वह उसका स्पर्श पा सकें | 

बारहमासा के आधार पर पूस मास में नागमती की वह दशा का वर्णन कीजिए |

  • पूस मास में भयंकर सर्दी पड़ती है | नागमती पूस मास शीत में थरथर कांपती है | उसके प्रियतम बहार है | वह चाहती है कि इस शीत में प्रियतम उसके कलेजे से लग जाए | अब तो नागमती को रजाई भी हल्की प्रतीत हो रही है | इस शीत ऋतु की रात में वह बिल्कुल अकेली है | कोई सखी ही भी उसके पास नहीं है | वह प्रिय प्रिय की रट लगाए रहती है |

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