आय निर्धारण (Determination of income ) Class 12th Economics Notes In Hindi
समग्र माँग एवं इसके घटक
( समग्र मांग )
एक लेखा वर्ष में जितने हमारे अर्थव्यवस्था में लोग रहते हैं उनके द्वारा जितनी भी वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग की जाती है उनका कुल जोड़ समग्र मांग कहलाता है
समग्र माँग के घटक
समग्र माँग के चार घटक होते है
1) उपभोग= (C)
इसमें देश के परिवारों द्वारा एक लेखा वर्ष में सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए दी गई मांगों को शामिल किया जाता है
2) निवेश (I)
निवेश व्यय से अभिप्राय उस व्यय से है जिनके द्वारा उत्पादक के पूंजी के स्टॉप में वृद्धि होती है।
जैसे
1) मशीनों
(2) कारखानों
3) सरकारी व्यय(G)
सरकारी उपभोग व्यय और सरकारी निवेश व्यय को सरकारी व्यय में जोड़ा जाता है
सरकारी उपभोग व्यय से अभिप्राय सामूहिक उपभोग के लिए वस्तुओ की खरीद पर किया जाने वाला खर्च !
सरकारी निवेश व्यय से अभिप्राय सड़को, पुलों आदि पर किया जाने वाला व्यय !
4) शुद्ध निर्यात (X-M)
निर्यात और आयत के अंतर को शुद्ध निर्यात कहते है
समग्र पूर्ति
एक निश्चित समय में एक अर्थव्यवस्था में सभी वस्तुओ और सेवाओ की कुल पूर्ति के मोद्रिक मूल्य को समग्र पूर्ति कहते है
समग्र पूर्ति देश के राष्ट्रिय आय को प्रदर्शित करती है
AS =Y (राष्ट्रिय आय )
समग्र पूर्ति के दो घटक होते है
1) उपभोग= (C)
इसमें देश के परिवारों द्वारा एक लेखा वर्ष में सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए दी गई मांग को शामिल किया जाता है।
2) बचत (S)
आय और उपभोग का अंतर बचत कहलाता है दूसरे शब्दों में उपभोग पर आय का आधिक्य बचत कहलाता है।
आय के शुन्य स्तर पर बचत हमेशा ऋणात्मक होती है
AS = C+S
समग्र माँग (AD) का संबंध (Y ) आय के साथ
तालिका से समझते है
उपभोग फलन समीकरण
C = Co + MPC (Y)
समग्र माँग तथा समग्र पूर्ति की सहायता से आय तथा रोजगार के संतुलन स्तर के निर्धारण को समझाओ (तालिका प्रस्तुतीकरण से) और (चित्रिय प्रस्तुतीकरण से )