असगर वजाहत- पहचान ( Antra ) गद्य खण्ड- अंतरा- Summary
INTRODUCTION
पहचान लघुकथा के माध्यम से लेखक यह बताना चाहता है कि राजा को अंधी, बहरी और गूंगी प्रजा पसंद होती है, जो बिना कुछ देखें, सुने और बोले राजा के आदेशों का पालन करती रहे।
( राजा का आदेश )
1- राजा ने हुक्म निकाला की उसके राज्य में सब लोग अपनी आँखे बंद रखेंगे ताकि उन्हें शान्ति मलती रहे |
2- इसका तात्पर्य यह है की राजा के आदेश के अनुसार उसके राज में जो लोग अपनी आँखे बंद
नहीं करेंगे अर्थात जो कार्य करते हुए देखेगा, वह शान्ति से नहीं रह सकेगा |
3- लोग अपने अपने कानों में पिघला हुआ सीसा डलवा लें क्योंकि सुनना
जीवित रहने के लिए बिलकुल भी जरुरी नहीं है -इस हुक्म के मुताबिक जो भी व्यक्ति राज में किसी
की बात सुनेगा उसे जिंदा नहीं छोड़ा जायेगा |
4- राजा ने हम दिया लोग अपने होंठो को सिल्वा लें क्योंकि बोलना उत्पादन में सदा से ही बाधक रहा है।
5- इसका तात्पर्य है की लोग कार्य करते समय किसी दूसरे से बात नहीं करेंगे केवल अपना कार्य करेंगे |
6- यदि जनता राज्य की स्थिति को अनदेखा करती है, तो इससे शासक वर्ग निरंकुश हो जाता है |
7- शासक की व्यक्तिगत उन्नति तो खूब होती है परन्तु राज्य की प्रगति रुक जाती है, यदि राज्य की जनता,
राज्य की स्थिति के प्रति सचेत नहीं रहती तो शासक वर्ग राज्य के संसाधनों का प्रयोग अपने खुद के हित
के लिए करता है तथा राज्य की स्थिति में सुधर और विकास में उसकी कोई रूचि नहीं रह जाती |
( जागरूक जनता के प्रतीक )
1- खैराती, रामू और छिद्दू जागरूक और सचेत जनता के प्रतीक हैं, राजा के आदेश पर आँखे बंद करके वे
भी सामान्य जनता के समान हो गए |
2- कुछ समय बाद राज्य की प्रगति देखने की इच्छा से उन्होंने जब आँखे खोली तो उन्हें हर जगह सता की
शैक्ति ही दिखाई दी, उन्हें सामने केवल राजा ही दिखाई दिया प्रजा वहां नहीं थी, सता इतनी शक्तिशाली
हो चुकी थी की बदलाव की कोई गुंजाईश नहीं थी |