पढ़ाई में मन कैसे लगाएं ।। Padhai Me Man Kaise Lagaye

आज के समय में हर विद्यार्थी अपने जीवन को सफल करने के लिए अनेक रास्ते ढूंढता है उन रास्तों पर चलने के लिए उसे अपनी पढ़ाई में मन लगाने की आवश्यकता होती है। अधिकतर ऐसा देखा गया है विद्यार्थी अपने जीवन में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं ,परंतु केवल कुछ गलतियों के कारण वह पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते जिससे वे अपने लक्ष्य से दूर होते चले जाते हैं। आज हमारी कोशिश यही रहेगी कि आपको ऐसे तरीके बता सके जिससे आपका पढ़ाई में मन लगे और आप अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल कर पाए।
पढ़ाई में मन ना लगने के क्या कारण है-
पढ़ाई में मन लगने के उपायों को जानने से पहले हमें यह समस्या क्यों उत्पन्न होती है यह भी जानना आवश्यक है।
- मन का स्थिर ना होना
- पारिवारिक समस्या
- शारीरिक समस्या
- पढ़ाई में बुनियादी चीजें स्पष्ट ना होना
- आलस्य
शारीरिक समस्या
अगर आप किसी शारीरिक सारी समस्या से पीड़ित हैं तो आपका पढ़ाई में मन लगना असंभव है। शारीरिक रूप से आपके स्वस्थ होना अति आवश्यक है, इसलिए पहले आप अपनी शारीरिक स्थिति को ठीक बनाए रखें।
मानसिक समस्या
कई बार विद्यार्थियों के घर, विद्यालय ,जीवन में अनेक तनाव होते हैं जिससे उन्हें मानसिक तनाव होता है और वह अपनी पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते।
मन का स्थिर ना होना-
कई विद्यार्थियों का मन छोटे बच्चों की तरह अधिक लचीला सा होता है वह अपने मन को एक स्थान पर स्थिर नहीं रख पाते जिससे उनके Focus में भी कमी आती है।
पढ़ाई में बुनियादी चीजें स्पष्ट ना होना-
कई बार विद्यार्थियों के साथ यह देखा गया है वे अपने बाल्यावस्था में ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं कर पाते इसके लिए कोई भी कारण हो है, परंतु वह पढ़ाई उनकी आने वाली भविष्य में असर करती है और वे यह सोचकर अपनी पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते कि उन्हें बुनियादी चीजें ही स्पष्ट रूप से नहीं आती।
आलस्य-
पढ़ाई में मन ना लगाने का सबसे बड़ा कारण आलस्य है आज कल की दुनिया में टीवी फोन और इंटरनेट आने से या आलस्य दोगुना हो चुका है जिससे विद्यार्थी वर्ग इस आलस्य की चपेट में आते हैं और समय पर कार्य पूरा ना होने से के कारण उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता और वह मानसिक तनाव से गुजरते रहते हैं।
पढ़ाई में मन लगाने के उपाय-
पढ़ाई में मन लगाने के बहुत से उपाय हैं जिन्हें आप अपना कर अपनी पढ़ाई ठीक ढंग से करके अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं इन अनेक उपायों में से आज कुछ उपाय हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।
- टाइम टेबल बनाएं
- समय से उठे
- लक्ष्य निर्धारित करें
- पूरी डाइट लें
- सोशल मीडिया से दूरी बनाए
- मन को एक जगह स्थिर करें
- पढ़ाई के लिए सही स्थान का चुनाव करें
- पढ़ाई के समय ध्यान आकर्षित करने वाली चीजों को हटाए
- अपने कार्य को छोटे-छोटे भागों में बांटे
- पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें
- Revision पर अधिक जोड़ दें
टाइम टेबल बनाएं-
किसी भी विद्यार्थी को पढ़ाई करने से पूर्व अपने सिलेबस की के अनुसार एक टाइम टेबल निर्धारित करना चाहिए जिसके अनुसार वे अपनी पढ़ाई की शुरुआत करें टाइम टेबल एक शक्ति वाला नहीं होना चाहिए यह लचीला बनाए टाइम टेबल में केवल पढ़ाई को ना रखकर अपने आराम भोजन योग आदि चीजों के लिए भी पूर्ण समय निर्धारित करें।
समय से उठे-
हमारे पूर्वजों वह माता-पिता का मानना है कि सुबह उठकर पढ़ी गई चीजें अधिक याद होती है। यह व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है कि उसे किस समय में पढ़ना अधिक बेहतर लगे अगर बालक की घर में स्थितियां सुबह या दिन में अनुकूल नहीं है तो वह रात में अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। आज इस समय भी पढ़ना चाहते हैं उस समय को अपनी आदत में उतार ले। यह देखा गया है प्रातः काल में मनुष्य की स्मरण शक्ति तीव्र होती है इसलिए पूर्वजों के अनुसार प्रातः काल उठकर पढ़ाई करना अच्छा माना जाता है।
लक्ष्य निर्धारित करें-
आप किसी भी वर्ग के विद्यार्थी क्यों ना हो परंतु आपके लिए एक लक्ष्य निर्धारित होना आवश्यक है बिना लक्ष्य निर्धारण के आप ऐसे हैं जैसे अपने घर से भटके हुए राहगीर की भांति होते हैं इसीलिए किसी भी परीक्षा की तैयारी से पूर्ण आपको अपने मन में एक लक्ष्य निर्धारण करना अत्यधिक आवश्यक है।
सोशल मीडिया से दूरी-
आज के समय में सोशल मीडिया एक वरदान और श्राप दोनों के रूप में बाहर आया है। सोशल मीडिया के द्वारा आप पढ़ाई के अनेक स्रोतों को घर बैठे पाकर अपना लक्ष्य आसानी से पा भी सकते हैं और इसी सोशल मीडिया के जाल में उलझ कर आप अपने लक्ष्य से पूरी तरह भटक भी सकते हैं। जितना हो सके हमें सोशल मीडिया का सकारात्मक रूप से प्रयोग करना चाहिए। इंस्टाग्राम फेसबुक आदि सोशल मीडिया साइट से दूरी बनाकर हमारे लक्ष्य की ओर केंद्रित करने वाली साइट्स पर हमें जाकर अपनी पढ़ाई को जारी रखना चाहिए।
मन को एक जगह स्थिर करें-
मनुष्य का मन वायु से भी तीव्र है यह बड़ा चंचल और तेज होता है इसीलिए जब आप पढ़ाई करते हैं उस दौरान आपके मन में कई ख्याल आते हैं जिन्हें आप सोचते विचार थे अपना समय व्यर्थ करते हैं इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप अपने पास एक पेंसिल वर्क कॉपी रखें जिसमें आपके आने वाले अन्य बातों को आप एक कॉपी में नोट डाउन कर ले जिससे आप उन पर अपनी पढ़ाई के बाद विचार करें।
उदाहरण पढ़ाई करते समय आपको मार्केट का कोई सामान ध्यान आया जो आपको लाना है तो आप इसे अलग से अपनी कॉपी में लिख ले जिससे पढ़ाई के दौरान उस चैप्टर को पढ़ने के बाद आप वह कार्य संपन्न कर ले इससे आपके समय की बर्बादी कम होगी।
पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें-
आज के समय में एक सामान्य बालक भी बड़ी-बड़ी परीक्षाओं को पार कर लेते हैं वह उनकी निरंतरता के कारण होता है। 24 घंटे में आप 12 घंटे पड़े यह जरूरी नहीं परंतु आप 30 दिन में लगातार रोज 8 से 9 घंटे पढ़ाई करेंगे अधिक आवश्यक है इसलिए आप अपने पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें जिससे धीरे-धीरे आपको पढ़ाई में मन लगने की समस्या दूर होती चली जाएगी।
Revision पर अधिक जोर दे-
विद्यार्थी वर्ग नई नई पुस्तकों को पढ़ने पर अधिक जोर देते हैं जिस से नई नई चीजें उनके दिमाग में आती है और उनका पढ़ाई में मन हट जाता है परंतु अगर आप कुछ ही पुस्तकों को पड़े लेकिन उनका बार-बार रिवीजन करें तो इससे आपका पढ़ाई में मन लगेगा और आत्मविश्वास भी बना रहेगा।
पूरी डाइट लें-
अधिकतर यह देखा गया है कि बालक मन ना लगने के कारण शारीरिक और मानसिक तनाव में ठीक ढंग से खाना पीना भी नहीं खाते जिससे यह समस्या और गंभीर होती चली जाती है और वह अपने लक्ष्य से दूर हो जाते हैं। पढ़ाई में मन लगाने से पूर्व आप अपनी पूरी डाइट लें ताकि आपका शरीर 8 से 9 घंटे पढ़ाई करने के लिए पूरी तरह तैयार हो।
अपने काम को छोटे-छोटे भागों में बांटे-
आप अपने रोज के टारगेट को छोटे-छोटे भागों में बांटकर करें।
उदाहरण -
यदि आपको हिंदी का एक चैप्टर 1 दिन में करना हो और वह चैप्टर 30 पेज का है तो आप उसे 15 -15 पेज 2 दिन पढ़कर भी पूरा कर सकते हैं।
पढ़ाई में कम या ज्यादा पढ़ना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि पढ़े हुए काेरिविजन और समझने पर जोर देना होना चाहिए। अगर आप अपने लक्ष्य को भागों में धीरे-धीरे तोड़कर रोजाना करेंगे तो आपका पढ़ाई में अपने आप मन लगने लगेगा और आपको चीजें समझ आने लगेंगी।
बुनियादी चीजों को स्पष्ट करें-
कई बार बच्चों के बचपन में बुनियादी चीजें ही स्पष्ट नहीं हो पाती इसका कारण कुछ भी हो सकता है परंतु आगे चलकर ही चीजें हमें भविष्य में तकलीफ देती है जिससे हम अपने आप को अन्य लोगों से पीछे समझते हैं और पढ़ाई में दूर होते चले जाते हैं। आशा से निपटने के लिए आपको अतिरिक्त मेहनत करके पहले बेसिक कांसेप्ट पर मजबूती प्राप्त करनी होगी जिसके बाद ही आप आगे की पढ़ाई करें। जैसे आपके basic concepts कंप्लीट होते जाएंगे वैसे वैसे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और आपका पढ़ाई में मन लगने की शुरुआत होगी।
पढ़ाई के लिए एक सही स्थान का चुनाव करें-
आप अपनी पढ़ाई की शुरुआत एक ऐसे स्थान पर करें जहां आपका मन लगता हो।आपको बैठने वह पढ़ने में किसी प्रकार की कोई तकलीफ का अनुभव ना हो। पढ़ते समय लिखने या रोशनी की पूरी व्यवस्था हो। पढ़ने बैठे तो पानी की एक बोतल साथ रखें जिससे आपको बार-बार बाहर ना जाना पड़े और पढ़ाई से उठना ना पड़े। इस प्रकार आप अपनी सारी चीजें और एक सही स्थान पर बैठकर अपनी पढ़ाई की शुरुआत करें ताकि आपका ध्यान अन्य चीजों की तरफ ना जाए और पढ़ाई में आप का मन लगा रहे हैं।
आकर्षित करने वाली चीजों से दूरी बनाएं-
फोन, टेलीविजन को पढ़ाई करते समय अपने से दूरी पर रखें। फोन को off या Slint पर रखे जिससे आपकी पढ़ाई के दौरान कोई बाधा उत्पन्न ना हो। पढ़ाई करते समय टेलीविजन से दूरी बनाए ताकि आपका मन पूरी तरह से पढ़ाई में लग सके।
योग करें-
पढ़ाई में मन लगाने का एक सबसे अच्छा तरीका योगा है। आप सुबह या शाम केवल 10 मिनट तक किसी भी प्रकार का योगा कर सकते हैं जिससे आपके मन को शांति मिलेगी और आपका पढ़ाई में मन लगेगा। अगर आपको योगा पसंद नहीं तो आप छोटी सी Walk पर भी जा सकते हैं जिससे आपका Mind fresh रहेगा और आपके पढ़ाई में मन लगेगा।
पढ़ाई में मन लगाने से फायदे
पढ़ाई में मन लगाने के बाद आपको अनेक फायदे होते हैं।
- अपने लक्ष्य को समय से पूरा कर सकते हैं
- लक्ष्य की प्राप्ति में आने वाली बाधा समाप्त होती है
- पढ़ाई में मन लगाने के बाद आपका आत्मविश्वास भी दृढ़ होता है
- पढ़ाई में मन लगाने के बाद आप मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं
निष्कर्ष
आज के समय में प्रतियोगिता अधिक होने के कारण 6 से 8 घंटे आपको रोजाना नियमित पढ़ना चाहिए ताकि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी बाधा बच्चों में पढ़ाई में मन ना लगना होता है पढ़ाई में मन ना लगने के कारण और उपाय हमने आपको बताए हैं। उपायों को अपनाकर पढ़ाई में अपना मन लगा सकते हैं जिससे आपको अपने जीवन में लाभ का अनुभव होगा
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