हड़प्पा सभ्यता - सिंधु घाटी सभ्यता - Indus Valley Civilisation ( Most Important Topics ) History Class 12th Chapter 1st
भारत का इतिहास बहुत समृद्ध है
प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के कई स्रोत है
जैसे - पुरातत्व , अभिलेख , सिक्के , मृदभांड , स्थापत्य कला , शिल्प कला , साहित्य , विदेशी यात्रियों के वृतांत ,आदि
इसी प्रकार महाभारत भी भारत के इतिहास को जानने का एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है
यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है
इसका पुराना नाम जय संहिता है
इस अध्याय में हम महाभारत के महत्व को समझने का प्रयास करेंगे
और समझने का प्रयास करेंगे कि किस प्रकार महाभारत काल में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक व्यव्स्था थी
क्या आप जानते हैं हड़प्पा सभ्यता की खोज कैसे हुई ?
लगभग 150 साल पहले पंजाब में पहली बार रेल की पटरी बिछाने के लिए खुदाई शुरू हुई तो अचानक इंजीनियरों को हड़प्पा पुरास्थल मिला जो की आज के समय पकिस्तान में पड़ता है | इंजिनियर द्वारा खुदाई में मिली ईंटो का प्रयोग किया लेकिन वह यह नही समझ पाए की यह ईंटे हडप्पा सभ्यता से सम्बंधित है उसके बाद लगभग आज से 80 वर्ष पहले पुरातत्वविदों ने इस स्थल को खोजा तब पता लगा की यह एक प्राचीन सभ्यता थी |
इस सभ्यता का नाम हडप्पा सभ्यता इसलिए पड़ा क्योकि जिस जगह पर इसकी खोज हुई उस नगर का नाम हड़प्पा था |
इस तरीके से पता चला की यह हड़प्पा सभ्यता की पुरावस्तुएँ हैं और हड़प्पा सबसे प्राचीन सभ्यता थी |
क्या आप जानते है हड़प्पा सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है ?
इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योकि हड़प्पा नाम के स्थान पर ही यह सभ्यता सबसे पहले खोजी गयी थी , और अवशेष यहाँ से प्राप्त हुए थे |
इस सभ्यता में एक और नगर महत्ववपूर्ण है जिसका नाम मोहनजोदड़ो है, यह स्थान वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है |
क्या आप जानते हैं हड़प्पा सभ्यता को सिन्धुघाटी सभ्यता क्यों कहा जाता है ?
इस सभ्यता को सिन्धुघाटी सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योकि यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी के आसपास फैली हुई थी |
यह इलाका उपजाऊ था, हड़प्पावासी यहाँ पर खेती किया करते थे |
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल
हड़प्पा सभ्यता के कुछ स्थल वर्तमान में पाकिस्तान में है और बाकी स्थल भारत में है
- नागेश्वर (गुजरात)
- बालाकोट (पाकिस्तान)
- चन्हुदड़ो (पाकिस्तान)
- कोटदीजी (पाकिस्तान)
- धौलावीरा (गुजरात)
- लोथल (गुजरात)
- कालीबंगन (राजस्थान)
- बनावली (हरियाणा)
- राखीगढ़ी (हरियाणा)
हडप्पा सभ्यता की खोज किसने की थी ?
- राखलदास बनेर्जी
- दयाराम साहनी
- जॉन मार्शल ( incharge )
हडप्पा सभ्यता की कृषि की विशेषताएँ
- हड़प्पाई लोग कृषि करते थे इसके प्रमाण प्राप्त हुए है
- गेहूं की खेती की जाती थी
- जौ की खेती
- दाल की खेती
- सफ़ेद चने की खेती
- तिल की खेती
- कुए के पानी से सिंचाई
- जुताई के लिए बैलों का प्रयोग
हडप्पा सभ्यता की विशेषताएँ
- नगरीय सभ्यता
- नगर निर्माण योजना
- सुव्यवस्थित सडकें
- नालियां
- दुर्ग
- मूर्तिकला
- विशाल स्नानागार
- अन्न के भण्डार
- जल निकास प्रणाली
- लिपि
- शिल्पकला (मनके बनाना)
हडप्पा सभ्यता का धार्मिक जीवन ?
हड़प्पा के लोग पूजा करते थे इसके कुछ प्रमाण मिले है, कई स्थलों पर मूर्ति के प्रमाण मिले है | यह लोग प्रकृति की पूजा करते थे, वृक्ष की पूजा करते थे |
- मातृदेवी की पूजा
- वृक्ष की पूजा
- शिव की पूजा
हड़प्पाई लिपि की विशेषताएँ
- यह लिपि दाईं से बाए ओर लिखी जाती थी |
- यह लिपि चित्रात्मक लिपि थी |
- इस लिपि में 375 – 400 चिन्ह थे |
- इस लिपि को आजतक कोई समझ नहीं पाया
- यह एक रहस्यमई लिपि है |
- इसी के कारण हडप्पा सभ्यता के बारे में हमे ज्यादा जानकारी नही मिल सकी क्योकि हडप्पा की लिपि को आजतक विद्वान् समझ नही पाए |
हडप्पा सभ्यता में शिल्पकला
शिल्प कार्य का अर्थ होता है शिल्प से जुड़े कार्य करना |
जैसे :-
- मनके बनाना
- शंख की कटाई करना
- धातु से जुड़े काम करना
- मुहरे बनाना
- बाट बनाना
- चन्हुदड़ो ऐसी जगह थी जहाँ के लोग लगभग पूरी तरह से शिल्पउत्पादन के कार्य करते थे |
- चन्हुदड़ो में कुछ ऐसी चीज़े मिली है जिससे पता लगता है की यहाँ पर शिल्प उत्पादन बडे पैमाने पर होता था
- हड़प्पाई मोहरे काफी मात्रा में पाई गई है
- हड़प्पाई लोग कांसे का प्रयोग करते थे
- काँसा तांबा और टिन को मिलाकर बनाई गई एक मिश्रधातु है
हडप्पा सभ्यता में मनके कैसे बनाए जाते थे ?
- मनके सेलखड़ी नामक पत्थर से बनाये जाते थे |
- मनके कर्निलियन नामक पत्थर से भी बनाये जाते थे |
- मनके जैसपर नमक पत्थर से भी बनाये जाते थे |
- मनके ताबे के भी बनाये जाते थे |
- मनके सोने के भी बनाये जाते थे |
- मनके कांसे के भी बनाये जाते थे |
- इन मनको का प्रयोग मालाओ में किया जाता था तथा यह बहुत सुंदर होते थे
- मनके हड़प्पा सभ्यता की एक मुख्य सभ्यता है
हडप्पा सभ्यता में व्यापर ?
इससे यह पता लगता है की हडप्पा सभ्यता के समय में विदेशो से व्यापार होता था | मेसोपोटामिया और ओमान इसके उदाहरण है |
- हड़प्पा सभ्यता में व्यापार वस्तु विनिमय प्रणाली के आधार पर होता था |
- ऐसा पाया गया है की हड़प्पा सभ्यता का ज्यादातर व्यापार मेसोपोटामिया से था |
- ऐसे भी सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है की तांबा ओमान से आता था |
- एक विशेष प्रकार का पात्र जिसे हड़प्पाई मर्तबान कहा जाता है इसके ऊपर काली मिट्टी की एक मोती परत चढाई गयी थी, ओमानी स्थलों से मिला है |
- सोना दक्षिण भारत से लाया जाता था |
- तांबा राजस्थान के खेतड़ी से भी लाया जाता था |
- व्यापार के लिए मोहरें बहुत मददगार थी |
- मुहरों से भेजने वाले के बारे में पता चल जाता था |
हडप्पा सभ्यता में माप तौल ?
हड़प्पा सभ्यता में वस्तुओं को तौलने के लिए बाटों का प्रयोग किया जाता था |
छोटे बाटों से आभूषण और मनके तौले जाते थे |
बाटों को चर्ट नाम के पत्थर से बनाया जाता था |
हड़प्पा सभ्यता में बहुत सारे बाट मिले है
हडप्पा सभ्यता में शवाधान ?
- हड़प्पा सभ्यता में शवो को दफनाया जाता था |
- शवों के साथ मिटटी के बर्तन भी दफनायें जाते थे |
- शवों के साथ आभूषण और मनके भी दफनाये जाते थे |
- ऐसा माना जाता है की शायद हड़प्पा सभ्यता के लोग पुनर्जन्म में पूरा विश्वास रखते थे |
- बहुत सी खोजी गयी कब्रों की गर्तों में से पता चला है की कुछ गर्तो की बनावट अलग थी |
- कुछ कुछ कब्रों की गर्तों को ईंटों से चिनवाया गया था जबकि कुछ को नहीं |
- हड़प्पा सभ्यता में कुछ जगह ऐसे प्रमाण मिले है की शवो को खुले में फेक दिया जाता था