Class 12th Physical education chapter- 3 ( योग और जीवनशैली ) Important question

Class 12th Physical education chapter- 3 ( योग और जीवनशैली ) Important question

 1. योग का अर्थ स्पष्ट कीजिए ?

  • योग संस्कृत भाषा के युज शब्द से लिया गया है , जिसका अर्थ होता है जोड़ना या मिलाना और योग एक ऐसी साधना है जिससे मनुष्य को अपने मन मस्तिष्क और खुद पर control करने में मदद मिलती है |

2. मोटापा क्या है ?

  • मोटापा शरीर की वह स्थिति होती है जिसमे शरीर में fat (वसा) की मात्रा बहुत बढ़ जाती है और इन्सान का वज़न काफी ज्यादा बढ़ जाता है |

3. योगासन से क्या लाभ हैं ?

  • योगासन बहुत सरल होते हैं तथा कोई भी व्यक्ति आसानी से इन्हें कर सकता है और योगासन बिलकुल भी खर्चीले नहीं होते और न ही किसी सामन की आवश्यकता होती है |

4. मधुमेह क्या है ?

  • मधुमेह को अंग्रेजी में diabetes कहा जाता है तथा यह एक खतरनाक बीमारी है इसमें हमारे शरीर के खून में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तथा इसे नियंत्रित करने के लिए insulin नमक हार्मोन्स का प्रयोग किया जाता है |

5. उच्च रक्तचाप के क्या कारण हैं ?

  • इसका मुख्य कारण तनाव और गलत जीवनशैली है इसके अलावा smoking , चाय , भोजन में अधिक तेल , तथा ज्यादा मसाले भी हमारा ब्लडप्रेशर बढ़ा देते हैं |

6. वजन कम करने में सहायक किन्ही चार आसनों के नाम लिखो ?

  • त्रिकोणासन , वज्रासन , अर्धमत्स्येन्द्रासन , ताड़ासन 

7. अस्थमा क्या है ?

  • अस्थमा एक गंभीर बीमारी है जो श्वास नलिकाओं से सम्बन्धित है तथा इस बीमारी में श्वास नलिकाओं में सूजन आ जाती है जिससे फेफड़ों में हवा की मात्रा में कमीं हो जाती है |

8. शरीर के उन भागों का नाम बताइए जिनमे लचक की अधिक आवश्यकता होती है ?  

  • मेरुदंड, कुहनी, कलाई, घुटने, टखने 

9. पीठ दर्द के कारण बताइए ?

  • पीठ दर्द हमारी गलत जीवन शैली का परिणाम है जैसे : घंटों तक कंप्यूटर के आगे बैठना , स्वास्थ्य सम्बन्धी गलत आदतें , व्यायाम न करना , मोटापा |

10. मधुमेह से बचाव तथा उसके नियंत्रण के लिए किए जाने वाले योगासन कौन कौन से हैं ?

  • भुजंगासन , पश्चिमोत्तामासन , पवनमुक्त आसन , अर्धमत्स्येन्द्र आसन 

1. योग का अर्थ तथा योगासनों के लाभ बताइए ?

  • योग का अर्थ होता है आत्मा का परमात्मा से मिलन , तथा योग शब्द संस्कृत भाषा के शब्द युज से निकला है जिसका अर्थ होता है जोड़ना | योग द्वारा बहुत सी बीमारियाँ दूर होती हैं |

i) रोगों से बचाव 

  • योगासनों का पहला लाभ यह होता है की प्रतिदिन योग करने से हम बहुत सारे रोगों से हमारे शरीर का बचाव कर सकते हैं, जैसे : मोटापा, मधुमेह आदि |

ii) लचक में वृद्धि 

  • योगासनों का दूसरा लाभ यह होता है की इन आसनों को करने से हमारे शरीर में लचक बढती है और सभी कार्यों को तेज़ी से कर पाते हैं | लचक के बढ़ने से हमारा चोटों से बचाव होता है | 

iii) मोटापे में कमीं 

  • योगासनों का तीसरा लाभ यह होता है की योग आसन को प्रतिदिन करने से हमारे शरीर से extra fat (वसा) खत्म हो जाता है जिससे हमारे मोटापे में कमीं आती है और मोटापा एक गंभीर समस्या है क्योंकि मोटापे से ही बहुत सारी बीमारियाँ हमारे शरीर में आ जाती हैं |

iv) आसन को सही रखता है 

  • योगासनों का चौथा लाभ यह होता है की योगासन हमारे शरीर के आसन को सही रखता है जिसके कारण व्यक्ति अपना कार्य अच्छे तरीके से कर पाता है और उस कार्य को बिना किसी रुकावट के तेज़ी से कर पाता है |

v) शरीर की सुन्दरता में वृद्धि 

  • योगासनों का पांचवा लाभ यह होता है की प्रतिदिन सुबह योगासन करने से हमारा शरीर चुस्त एम् दुरुस्त दिखता है | जैसे : मयूरासन करने से व्यक्ति के चहेरे का सौन्दर्य बहुत बढ़ जाता है 

vi) चिंता एवं तनाव से मुक्ति 

  • योगासनों का छठा लाभ यह होता है की प्रतिदिन सुबह योगासन करने से मनुष्य चिंता से मुक्त रहता है तथा stress की समस्या भी दूर हो जाती है तथा मनुष्य खुश रहता है | जैसे : शवासन करने से तनाव कम होता है  

2- मोटापा क्या है उससे बचाव तथा नियंत्रण के लिए किये जाने वाले आसनों के विषय में विस्तार से वर्णन कीजिए ? 

  • मोटापा आज एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है तथा मोटापे से ही बहुत सारी बीमारियाँ हमारे शरीर में प्रवेश कर सकती हैं जैसे : गठिया, मधुमेह, हाइपरटेंशन  आदि |
  • मोटापे के कारण : अत्यधिक भोजन, व्यायाम न करना, थायरोइड 

मोटापे के कारण

  • No Activity 
  • Junk Food 
  • Sugar Intake 
  • Fat Food Items
  • Stress 

i) वज्रासन 

  • वज्रासन को करने से हमारे पैर और जांघ का हिस्सा मजबूत होता है |
  • और इससे हम काफी हद तक मोटापे पर काबू पा सकते हैं |
  • इस आसन को दिन में कभी भी कर सकते हैं और खाना खाने के बाद भी इस आसन को हम कर सकते हैं |

वज्रासन करने की विधि (steps) 

  • सबसे पहले दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा रख कर बैठ जाएँ |
  • उसके बाद अपने right पैर को घुटने से मोड़कर right नितम्ब (hips) के नीचे रखें |
  • उसके बाद अपने left पैर को घुटने से मोड़कर left नितम्ब (hips) के नीचे रखें |
  • अपनी कमर, गर्दन और सिर को सीधा रखें और दोनों पैरों के अंगूठों को आपस में मिला लें |
  • अंत में दोनों हाथों को अपनी जाँघों पर रखें और आँखों को बंद कर लें |

सावधानियां 

  • जिस भी व्यक्ति को जोड़ों में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस भी व्यक्ति को कमर में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस भी व्यक्ति को एड़ी में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • गर्भवती महिला इस आसन को न करे |

ii)  हस्तासन   

  • हस्तासन को करने से हमारे पूरे शरीर को आराम मिलता है और हमारी कमर की चर्बी कम होती है
  • जिससे हमारा मोटापा भी कम होता है इसके अलावा हस्तासन करने से हमारी height भी बढती है |

हस्तासन करने की विधि (steps) 

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने पैर मिलकर सीधे खड़े हो जायें |
  • उसके बाद एक लम्बी सांस को भरते हुए दोनों हाथों को सीधा ऊपर उठाकर दोनों हाथों की उँगलियों को एक दुसरे से फसाते हुए सीधे ऊपर उठाएं |
  • उसके बाद शरीर को ऊपर की तरफ खींचे |
  • फिर धीरे धीरे सांस को छोड़ते हुए नीचे आयें |

सावधानियां 

  • जिस भी व्यक्ति को पीठ में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस भी व्यक्ति को कोई चोट लगी हो वो इस आसन को न करे |

iii) त्रिकोणासन 

  • त्रिकोण आसन मोटापे को कम करने में बहुत मदद करता है , और त्रिकोण आसन को प्रतिदिन करने से हमारे पेट की चर्बी तथा हमारे जांघ की चर्बी बहुत कम हो जाती है तथा हमारे नितम्बों (hips) की चर्बी भी कम हो जाती है |

त्रिकोणासन करने की विधि (steps) 

  • सबसे पहले दोनों पैरों के बीच थोड़ा अंतर (gap) रखते हुए सीधे खड़े हो जायें |
  • उसके बाद साँस को अन्दर भरते हुए left  हाथ को सामने से लाते हुए पंजे के पास भूमि पर टिका दें |
  • उसके बाद साँस छोड़ते हुए normal position में आजाएं |

iii) सावधानियां 

  • जिस  भी व्यक्ति को पीठ की चोट लगी हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस व्यक्ति का उच्च रक्तचाप हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस व्यक्ति को माइग्रेन की शिकायत हो वो इस आसन को न करे |

iv )  अर्धमत्स्येन्द्रासन  

  • इस आसन को अर्धमत्स्येन्द्रासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन में हम अपने शरीर को आधा मोड़ते है |
  • संस्कृत में अर्ध का अर्थ आधा होता है , इस आसन को करने से हमारी पेट की चर्बी कम होती है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर के नीचे की चर्बी भी कम होती है |

अर्धमत्स्येन्द्रासन  करने की विधि (steps) 

  • सबसे पहले दोनों पैरो को सीधा करके बैठ जायें |
  • उसके बाद right पैर को left पैर के घुटने के ऊपर रखें |
  • उसके बाद left हाथ को right  घुटने पर रखें |
  • उसके बाद अपनी कमर, गर्दन और कन्धों को right तरफ से मोड़ते हुए right कंधे के ऊपर से देखें |

सावधानियां 

  • अगर यह आसन करते हुए आपको कोई दर्द होने लगे तो आप इस आसन को न करें |
  • गर्भवती महिला इस आसन को न करने |
  • किसी की पीठ में ज्यादा चोट हो तो वो भी इस आसन को न करे |

3- मधुमेह से बचाव एवं उसके नियंत्रण के लिए किए जाने वाले आसनों के विषय में विस्तार से वर्णन कीजिए ? 

  • मधुमेह एक खतरनाक बिमारी है जो की एक पोषक तत्वों का विकार है , अगर मधुमेह की रोकथाम न की जाए तो यह किडनी fail , आँखों की रोशनी कम , हृदय से जुड़ी बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है |

( मधुमेह के लक्षण )

  • थकावट 
  • बार बार पेशाब आना 
  • हाथ पैर का सुन्न होना 
  • आँखों में धुन्द्लापन 
  • रक्त में sugar की मात्रा बढना 

i) भुजंगासन  

  • भुजंगासन को cobra pose  भी कहा जाता है क्योंकि इसे करते समय शरीर का आकर फन उठाये सांप की तरह दिखने लगता है |
  • भुजंगासन diabetes में काफी लाभदायक होता है और इससे पीठ दर्द की समस्या भी दूर हो जाती है | 

भुजंगासन करने की विधि (steps) 

  • सबसे पहले पेट के बल जमीन पर सीधे लेट जाएँ |
  • उसके बाद दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पीछे की ओर अधिक से अधिक खिंचाव दें |
  • उसके बाद दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर कन्धों के नीचे रखें |
  • अब सांस भरते हुए छाती को धीरे धीरे ऊपर उठाएं |
  • सिर तथा गर्दन का भी ऊपर की ओर खिंचाव करें |

सावधानियां 

  • जिन व्यक्तियों को पीठ में चोट हो वो इस आसन को न करे |
  • गर्भवती महिला को यह आसन नहीं करना चाहिए |
  • जिस व्यक्ति का ऑपरेशन हुआ हो उसे यह आसन नहीं करना चाहिए |

ii) पश्चिमोत्तामासन 

  • इस आसन में हम नीचे बैठकर आगे की ओर झुकते हैं , इस आसन से हमारी कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा यह आसन मधुमेह में लाभदायक होता है |

पश्चिमोत्तामासनकरने की विधि (steps) 

  • सबसे पहले नीचे बैठ जाएँ |
  • अब अपने पैरों को सीधा जोड़कर अपने सामने खींचते हुए रखें और दोनों पैरों का ऊपरी हिस्सा छत की तरफ होना चाहिए |
  • और जब नीचे बैठे तो रीढ़ की हड्डी सीढ़ी रखें |
  • अपने हाथो से अपने पैरों के अंगूठे को पकड़ें |

सावधानियां 

  • इस आसन को हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए |
  • अगर किसी व्यक्ति को आँतों में सुजन हो वो इस आसन को न करे |
  • अगर किसी की कमर में तकलीफ हो तो वो भी यह आसन न करे |

iii) पवन मुक्त आसन 

  • इस आसन को गैस release pose भी कहा जाता है और यह आसन मधुमेह में काफी लाभदायक होता है | इस आसन को करने से कब्ज़ की समस्या नहीं होती और पेट में गैस नहीं बनती |

पवनमुक्त आसन की विधि (steps) 

  • सबसे पहले hips  के सहारे ज़मीन पर लेट जायें |
  • उसके बाद दोनों हाथों से घुटनों को मोड़कर छाती पर रखें |
  • उसके बाद सांस को छोड़ते समय दोनों घुटनों को हाथो से दबाकर छाती से touch करें और सिर को उठाते हुए घुटनों से अपनी नाक को touch   करें |
  • यह आसन 30 seconds  से 2 minutes  तक करें |   

सावधानियां 

  • जिस भी व्यक्ति को कमर में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस भी व्यक्ति को घुटनों में दर्द हो वो इस आसन को न करें |
  • भोजन करने के तुरंत बाद इस आसन को न करें |  

4. अस्थमा से बचाव तथा उसके नियंत्रण के लिए किए जाने वाले आसनों के बारे में विस्तार से समझाइए ?

  • अस्थमा मनुष्य के फेफड़ों से सम्बंधित एक बीमारी है , जिसमे हमारी श्वास नली में सूजन आ जाती है तथा श्वास नली संकरी हो जाती है और साँस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है |

अस्थमा  के लक्षण 

  • खांसी  
  • साँस लेते समय सीटी की आवाज़  
  • छोटी साँस 
  • अस्थमा के कारण : श्वसन संक्रमण , धुआं , दवाई से संक्रमण  

i) सुखासन   

  • सुखासन को सुख देने वाला आसन भी कहा जाता है , यह आसन बैठ कर करने वाला आसन होता है
  • सुखासन से अस्थमा जैसी बीमारी में बहुत राहत मिलती है तथा हमारे शरीर को बहुत सारे लाभ होते हैं |

सुखासन आसन की विधि (steps) 

  • सबसे पहले जमीन पर कोई carpet  (दरी) पर पालथी मार कर बैठ जाएं |
  • उसके बाद अपनी पीठ तथा रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीढ़ी रखें |
  • उसके बाद धीरे धीरे साँस को अन्दर लें और बाहर छोडें |
  • अपनी हथेलियों को पालथी के ऊपर रखें |
  • इस आसन को करते समय अपनी दोनों आँखों को बंद रखें |

सावधानियां 

  • जिन लोगों को पीठ में कोई चोट हो वो इस आसन को न करें |
  • जिन लोगों को घुटनों में कोई समस्या हो वो इस आसन को न करें |
  • इस आसन को शांत जगह पर करें |

ii) चक्रासन 

  • चक्रासन को अंग्रेजी में wheel pose  कहा जाता है ,|
  • यह आसन करने से हमारे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है तथा शरीर की लचक बढती है|
  • अस्थमा जैसी बीमारी में यह आसन बहुत लाभदायक होता है |

चक्रासन आसन की विधि (steps) 

  • सबसे पहले दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर एड़ियों से नितम्बों (hips) से touch करते हुए रखें |
  • उसके बाद दोनों हाथों को मोड़ कर कन्धों के पीछे रखें |
  • हाथों और पैरों के ऊपर के पूरे शरीर को धीरे धीरे ऊपर उठाएं |
  • इस आसन को 2 से 3 minutes  तक करें |

सावधानियां 

  • गर्भवती महिला इस आसन को न करें |
  • जिन लोगों को पीठ में कोई गंभीर चोट हो वो इस आसन को न करें |
  • पूर्णता प्राप्त करने के बाद इस आसन को बार बार करें |

iii) गोमुखासन  

  • गोमुखासन को करते समय हमारे पैरों की मुद्रा गाय के जैसी लगने लगती है
  • इसलिए इस आसन को गोमुखासन भी कहा जाता है | यह आसन अस्थमा जैसी बीमारी में बहुत लाभदायक होता है |

गोमुखासन  आसन की विधि (steps) 

  • सबसे पहले जमीन पर सुखासन की स्थिति में बैठ जाएँ |
  • उसके बाद अपने left पैर की एड़ी को right  नितम्ब के पास रखें |
  • उसके बाद right  पैर को मोड़कर left  पैर के ऊपर इस तरह से रखें की right  पैर का घुटना left  पैर के ऊपर रहे तथा एड़ी  और पंजे का भाग नितम्ब को touch करे |
  • उसके बाद left  हाथ को पीठ के पीछे मोड़कर हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाएँ |
  • उसके बाद right  हाथ को right  कंधे पर सीधा उठा लें और पीछे की ओर घूमते हुए कोहनी से मोड़कर हाथों को एक दुसरे से बाँध लें |  

सावधानियां 

  • कंधे, पीठ तथा घुटने में दर्द होने पर यह आसन न करें |
  • गर्भवती महिला इस आसन को न करे |
  • धीरे धीरे इस आसन के समय को बढ़ाये |

iv) पर्वतासन 

  • इस आसन को पर्वत आसन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन को करते समय हमारा शरीर पर्वत की तरह दिखने लगता है |
  • यह आसन अस्थमा की बीमारी में बहुत लाभदायक होता है |

पर्वतासन आसन की विधि (steps) 

  • सबसे पहले फर्श पर आराम से बैठ जाएँ |
  • उसके बाद एक गहरी साँस को अन्दर लेकर दोनों हाथों को ऊपर की तरफ सीधे खड़े कर लें |
  • उसके बाद साँस को धीरे धीरे लें तथा धीरे धीरे छोड़े |  

सावधानियां 

  • पीठ में अगर चोट हो तो इस आसन को न करें |
  • कंधे की चोट होने पर यह आसन न करें | 

5- उच्च रक्तचाप से बचाव तथा प्रबंधन तथा नियंत्रण के लिए आसनों से विस्तार से वर्णन करें ?

  • उच्च रक्तचाप को high blood pressure भी कहा जाता है , इसमें हमारी धमनियों में रक्त का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तथा इससे हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है |

उच्च रक्तचाप के कारण 

  • दोषपूर्ण जीवन शैली (lifestyle)
  • मानसिक तनाव   
  • अधिक तेल और मसालों का सेवन 
  • High BP के लक्षण  : चक्कर आना, नींद न आना, गर्दन में दर्द, गुस्सा आना   

i) ताड़ासन    

  • ताड़ासन हमारे शरीर को मजबूत बनाता है और इससे हमारी मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं और उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है | इसे palm tree pose भी कहा जाता है |
  • ताड़ासन आसन की विधि (steps) 
  • सबसे पहले किसी समतल जगह पर अपने पैरों को आपस में मिला कर सीधे खड़े हो जाएं |
  • उसके बाद दोनों हाथों को सांस भरते हुए ऊपर की तरफ उठायें |
  • उसके बाद हाथों को ऊपर ले जा कर हथेलियों को मिला लें |
  • उसके बाद जैसे जैसे हाथ ऊपर उठे वैसे वैसे पैर की एड़ियाँ भी ऊपर उठनी चाहिए |    

सावधानियां 

  • गर्भवती महिला इस आसन को न करे |
  • आसन करते समय कोई परेशानी हो तो डॉक्टर से सलाह लें |
  • अगर पैर में कोई समस्या हो तो इस आसन को न करें | 

ii) वज्रासन 

  • वज्रासन को करने से हमारे पैर और जांघ का हिस्सा मजबूत होता है , 
  • और इससे हम काफी हद तक मोटापे पर काबू पा सकते हैं | इस आसन को दिन में कभी भी कर सकते हैं और खाना खाने के बाद भी इस आसन को हम कर सकते हैं |

वज्रासन करने की विधि (steps) 

  • सबसे पहले दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा रख कर बैठ जाएँ |
  • उसके बाद अपने right पैर को घुटने से मोड़कर right नितम्ब (hips) के नीचे रखें |
  • उसके बाद अपने left पैर को घुटने से मोड़कर left नितम्ब (hips) के नीचे रखें |
  • अपनी कमर, गर्दन और सिर को सीधा रखें और दोनों पैरों के अंगूठों को आपस में मिला लें |
  • अंत में दोनों हाथों को अपनी जाँघों पर रखें और आँखों को बंद कर लें |

सावधानियां 

  • जिस भी व्यक्ति को जोड़ों में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस भी व्यक्ति को कमर में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस भी व्यक्ति को एड़ी में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • गर्भवती महिला इस आसन को न करे |

iii) पवन मुक्त आसन 

  • इस आसन को गैस release pose भी कहा जाता है और यह आसन मधुमेह में काफी लाभदायक होता है | इस आसन को करने से कब्ज़ की समस्या नहीं होती और पेट में गैस नहीं बनती |

पवनमुक्त आसन की विधि (steps) 

  • सबसे पहले hips  के सहारे ज़मीन पर लेट जायें |
  • उसके बाद दोनों हाथों से घुटनों को मोड़कर छाती पर रखें |
  • उसके बाद सांस को छोड़ते समय दोनों घुटनों को हाथो से दबाकर छाती से touch करें और सिर को उठाते हुए घुटनों से अपनी नाक को touch   करें |
  • यह आसन 30 seconds  से 2 minutes  तक करें |

सावधानियां 

  • जिस भी व्यक्ति को कमर में दर्द हो वो इस आसन को न करे |
  • जिस भी व्यक्ति को घुटनों में दर्द हो वो इस आसन को न करें |
  • भोजन करने के तुरंत बाद इस आसन को न करें |  

iv) चक्रासन 

  • चक्रासन को अंग्रेजी में wheel pose  कहा जाता है, तथा यह आसन करने से हमारे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है तथा शरीर की लचक बढती है और अस्थमा जैसी बीमारी में यह आसन बहुत लाभदायक होता है |

चक्रासन आसन की विधि (steps) 

  • सबसे पहले दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर एड़ियों से नितम्बों (hips) से touch करते हुए रखें |
  • उसके बाद दोनों हाथों को मोड़ कर कन्धों के पीछे रखें |
  • हाथों और पैरों के ऊपर के पूरे शरीर को धीरे धीरे ऊपर उठाएं |
  • इस आसन को 2 से 3 minutes  तक करें | 

सावधानियां 

  • गर्भवती महिला इस आसन को न करें |
  • जिन लोगों को पीठ में कोई गंभीर चोट हो वो इस आसन को न करें |
  • पूर्णता प्राप्त करने के बाद इस आसन को बार बार करें |

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