सिल्वर वेडिंग ( Silver wedding ) Class 12th Hindi Chapter 1st- ( वितान ) Vitan- Easy Summary

 सिल्वर वेडिंग ( Silver wedding ) Class 12th Hindi Chapter 1st- ( वितान ) Vitan- Easy Summary

परिचय

  • सिल्वर वेडिंग नामक पाठ मनोहर श्याम जोशी द्वारा रचित है 
  • इस पाठ में सेक्शन ऑफिसर यशोधर पंत के विवाह की पच्चीसवीं वर्षगाँठ का वर्णन है |

यशोधर का Office 

  • यशोधर अपने विभाग में सेक्शन ऑफिसर है जो अपने कार्यालय में ठीक समय तक बैठते हैं 
  • उनके कारण उनके अधीनस्थों को भी उसी समय तक बैठना पड़ता है 
  • अपने अधीनस्थों के साथ दिनभर उनका व्यवहार रूखा हो परंतु शाम को चलते समय वे अपने गुरु कृष्णानंद पांडे की परंपरा का निर्वाह करते हुए वातावरण को हल्का फुल्का बनाने के लिए थोड़ा बहुत हँसी मजाक भी कर लेते हैं  
  • असिस्टेंट ग्रेड में आए एक नए लड़के चड्ढा ने यशोधर बाबू से बदतमीजी से बात की फिर भी बाबूजी ने उसकी धृष्टता को अनदेखा कर दिया यशोधर बाबू ने शादी की पच्चीसवीं सालगिरह पर दफ्तर के सभी कर्मचारियों को चाय पिलाई 
  • यशोधर बाबू को अपने पूर्ववर्ती अधिकारी किशनदा की याद आ गई और कुछ क्षण के लिए उनके साथ बिताए गए समय की स्मृतियों में खो गए चड्ढा के पुनः बोलने पर यशोधर  बाबू के मुख से अचानक यह वाक्य निकल गया  
  • “ नाव लेट मी सी ". आई वाज मैरिड आन सिक्स्थ फरवरी नाइंटीन फोर्टी सेवन”
  • ऑफिस के दूसरे बाबू ने हिसाब लगाकर तुरंत उत्तर दिया मैनी हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे सर 
  • आज तो आपका सिल्वर वेडिंग है यशोधर सिल्वर वेडिंग को गोरे साहबों के चोचले बताते हैं किंतु office के अधीनस्थ बाबू चड्ढा व मेनन चाय मट्ठी लड्डू की मांग करते हैं 
  • यशोधर जी चाय के लिए ₹10 तो देते हैं किंतु इसे समहाउ इम्प्रॉपर मानते  हैं 
  • सारे सेक्शन के आग्रह पर भी वे सिल्वर वेडिंग मनाने को तैयार नहीं होते उन्होंने 10- 10 के दो नोट और दे दिए किंतु आयोजन में सम्मिलित नहीं हुए 

Office के बाद का दैनिक कार्यक्रम  

  • यशोधर बाबू बॉय सर्विस से तरक्की पाते हुए आज सेक्शन ऑफिसर हैं उनके आदर्श उनके पूर्ववर्ती अधिकारी किशनदा है वे अपने व्यवहार में किशनदा का अनुकरण करते हैं  
  • किशनदा के मार्गदर्शन में वे आज यहाँ तक पहुंचे हैं 
  • ऑफ़िस के बाद वे प्रतिदिन बिड़ला मंदिर जाते हैं वहाँ बैठकर प्रवचन सुनते हैं वहाँ से पहाड़ गंज निकल जाते हैं जहाँ से साग सब्जी खरीदते हैं और लोगों से मिलजुल लेते हैं
  • घर से ऑफिस और ऑफिस से घर पैदल ही आते जाते हैं ऑफ़िस का समय तो 5:00 बजे का हैं किंतु वे घर रात्रि को 8:00 बजे ही पहुंचते हैं 

किशनदा की याद 

  • आज यशोधर जी जब बिड़ला मंदिर जा रहे थे तो उनकी निगाह उस अहाते पर पड़ी जिसमें कभी किशन दा तीन बेडरूम वाले क्वार्टर में रहते थे 
  • उस क्वार्टर के स्थान पर अब एक छह मंजिला मकान बन गया है  
  • यशोधर बाबू को एक मंजिला क्वार्टर तोड़कर ये बहुमंजिली इमारतें अच्छी नहीं लगती है
  • यही कारण है कि उन्हें उनके पद के अनुकूल एंड्रयूजगंज, लक्ष्मीबाईनगर, पंडारा रोड पर डी—2 टाइप  अच्छे क्वार्टर मिलने के ऑफर भी स्वीकार्य नहीं है 
  • जब उनका क्वार्टर तोड़ा जाने लगा तब उन्होंने यहीं शेष क्वार्टर्स में से एक अपने नाम अलॉट कर लिया
  • किशनदा की स्मृति को बनाए रखने के लिए वे इस क्षेत्र में ही रहना चाहते हैं  
  • किशनदा की याद आते हैं यशोधर सोचते हैं कि क्या यह अच्छा नहीं रहता कि किशनदा की तरह  शादी न करते और पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर देते 
  • किंतु उनको याद आता है किशनदा का बुढ़ापा अच्छा नहीं बीता सेवानिवृत्त होने के बाद जब किशनदा को क्वार्टर खाली करना पड़ा तो उनके किसी भी साथी ने उन्हें शरण नहीं दी उन्हें अपने गांव लौटना पड़ा 
  • सालभर बाद ही उनकी मृत्यु हो गई समाज ने यह भी नहीं जानना चाहा कि उनकी मृत्यु इतनी जल्दी कैसे हो गई किशनदा से मिली सीख भी यशोधर को याद आती है
  • यशोधर को याद आता है प्रतिदिन भ्रमण से लौटते हुए किशनदा  यशोधर के घर अवश्य आते थे किशन दा ने ही उन्हें जल्दी उठना और सैर पर जाना सिखाया था   
  • किशन दा ने अर्ली टु बैड एंड अर्ली टु राइज मेक्स मैन हैल्थी एंड वाइज  मंत्र दिया था 
  • किशन दा उनको भाऊ कहते थे जो उनको बहुत अच्छा लगता था किशनदा के यशोधर ने अनेक रूप देखें किंतु यह छवि तो उनके मन में बस गयी  |

यशोधर का परिवार

  • यशोधर बाबू के परिवार में उनकी पत्नी तीन बेटे और एक पुत्री है उनका सबसे बड़ा बेटा भूषण विज्ञापन एजेंसी में ₹1500 प्रतिमाह पर काम करता है
  • और दूसरा बेटा दूसरी बार आईएएस की परीक्षा देने की तैयारी कर रहा है  
  • तीसरा बेटा स्कॉलरशिप लेकर अमेरिका चला गया है और बेटी डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहती है 
  • यशोधर बाबू पुराने विचारों वाले व्यक्ति हैं जबकि उनका परिवार आधुनिक विचारों का समर्थक है 
  • इसी कारण उनका अपने परिवार के साथ मतभेद बना रहता है उनकी पत्नी भी बच्चों के साथ आधुनिक रंग में रंग चुकी है 
  • यशोधर बाबू चाहते हैं कि उनका परिवार उनसे सलाह लेकर दुनियादारी का काम करें पर बच्चे ये कहकर उन्हें चुप करा देते हैं कि जब आपको कुछ पता ही नहीं तो क्या पूछें 
  • बाबूजी का मंदिर जाना प्रवचन सुनना तथा पूजा पाठ करना परिवार को ठीक नहीं लगता था बच्चे और पत्नी चाहते थे कि यशोधर बाबू पुरानी परंपराओं को छोड़कर नए युग की रीतियों को अपनाएं 
  • यशोधर को पत्नी का बगैर बाहँ का ब्लाउज पहना रसोई से बाहर दाल भात खाना ऊंची हील वाली सैंडल पहनना समहाउ इम्प्रॉपर लगते हैं 
  • सब्जी का झोला लेकर टूटी फूटी सड़कों से गुजरते हुए यशोधर बाबू जब अपने घर पहुंचे तो उनकी दशा द्वारका से लौटे सुदामा जैसी थी 
  • घर के बाहर व वाई डी पंत नाम तो उन्हीं का लिखा था किंतु उनको लगा कि किसी गलत जगह आ गए 
  • हे बड़ा बेटा भूषण कार में बैठे हुए किसी साहब से हाथ मिला रहा था और कह रहा था गिव माई वॉर्म रेगार्ड्स टु योर फादर
  • यशोधर बाबू को कुछ समझ नहीं आ रहा था 
  • यशोधर ने देखा कि उनकी पत्नी और बेटी भी बरामदे में खड़ी है और कुछ मेमसाबो को विदा कर रही है लड़की ने जींस और बगैर बाहँ का टॉप पहना हुआ है 
  • पत्नी ने होठों पर लाली और बालों में खिजाब लगाया हुआ है यशोधर बाबू को यह सब समहाउ इम्प्रोपेर मालूम होता 

परिवार से बात

  • यशोधर चुपके से घर पहुंचे तो उनके बड़े बेटे ने झिड़की सी लगाते हुए कहा बब्बा आप भी हद करते हो 
  • अभी तक मेरे बॉस आपकी राह देख रहे थे यशोधर ने शर्मीली सी हँसी हँसते हुए पूछा हम लोगो के यहाँ सिल्वर वेडिंग कब से होने लगी
  • यशोधर के भांजे चंद्र दत्त तिवारी ने कहा जब से तुम्हारा बेटा 1500 महीना कमाने लगा है तब से, यशोधर बाबू को अपने सिल्वर वेडिंग की यह पार्टी समहाउ इम्प्रॉपर लगती है  

  • जब उनके पुत्र भूषण ने अपने मित्रों से यशोधर बाबू का परिचय कराया तो वे मैनी हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे का थैंक्यू कहकर जवाब देते 
  • जिनके नाम उनको पहले बता दिए गए थे उनको वाई.डी पंत होम मिनिस्ट्री भूषण फादर कहकर स्वयं हाथ बढ़ाते  
  • बच्चों के आग्रह पर वे केक काटने के स्थान पर भी जाकर खड़े हो गए बेटी के आग्रह पर उन्होंने केक भी काटा जबकि उन्होंने कहा “सम्हाउ आई डोंट लाइक आल दिस” 
  • केक खाने को तैयार नहीं हुए क्योंकि उसमें अंडा होता है अधिक आग्रह करने पर उन्होंने कह दिया कि मैने अभी संध्या नहीं की है वे अन्य सभी से कहते हैं आप सब लोग  खाइए “प्लीज़ गो अहेड नौ फॉर्मैलिटी”

आयोजन का समापन

  • पत्नी से रिश्तेदारों के चले जाने की बात मालूम होने पर यशोधर बाबू गमछा पहनकर बैठक में आए जो उनकी बेटी को अच्छा नहीं लगा
  • यशोधर से जब उनको मिले गिफ्ट खोलने के लिए कहा जाता है तो कह देते हैं तुम खोलो तुम ही इस्तेमाल करो   
  • भूषण खोलकर कहता है यह ऊनी ड्रेसिंग गाउन है यह मैं आपके लिए लाया हूँ आप सवेरे को जब दूध लेने जाते हो तो फटा पुलोवर पहनकर चले जाते हो जो बहुत बुरा लगता है 
  • बच्चों के आग्रह पर वे गाउन पहन लेते हैं यह कहना कठिन है कि उनको भूषण की है बात चुभ गई कि इसे पहनकर दूध लेने जाया करे जबकि कहना चाहिए था कि दूध में ला दिया करूँगा अथवा गाउन पहनकर वे भी किशनदा बन गए हैं किंतु उनकी आंखें इस समय नम हो गईं  
  • गाउन पहनकर ये यशोधर बाबू को लगता था कि उनके अंगों में किशनदा उतर आए हों यह कहानी नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के लोगों के विचारों एवं व्यवहारों में आए परिवर्तन को दर्शाती है |

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