सामाजिक आंदोलन- Class 12th Sociology Chapter- 8th- important question Term- 2
1- सामाजिक आंदोलन का अर्थ बताइए ?
- जब समाज के लोग एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते है
- सामाजिक आंदोलन कहलाता है
- जब किसी समाज में सरकार तथा संस्थाएं सही प्रकार से अपने दायित्व ना निभा रही हो
- ऐसे में लोगों को सामने आना पड़ता है
- सामाजिक आंदोलन , समाज में परिवर्तन लाने के पक्ष में तथा किसी परिवर्तन के विरोध में भी हो सकता है
2- सामाजिक आंदोलन के लक्षण से क्या तात्पर्य है ?
- सामाजिक आंदोलन में एक लंबे समय तक निरंतर सामूहिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है
- ऐसी गतिविधियां अधिकतर राज्य के विरुद्ध होती हैं तथा राज्य की नीति तथा व्यवहार में परिवर्तन की मांग करती है
- आंदोलन सामूहिक रूप से संगठित होना चाहिए
- सामाजिक आंदोलन प्राय: किसी जनहित के मामले में परिवर्तन के लिए होते हैं
- जैसे - आदिवासियों का जंगल पर अधिकार, विस्थापित लोगों का पुनर्वास
- सामाजिक आंदोलन में संगठन होते है
- संगठन में नेतृत्व तथा संरचना होती है
- आंदोलन में भाग लेने वालों के उद्देश्य तथा विचारधाराओं में समानता होनी चाहिए
- आंदोलन का उद्देश्य एक होना चाहिए
- सामाजिक आंदोलन विरोध के विभिन्न साधनों को विकसित करता है
- जैसे – मोमबत्तियां, मशाल, जुलूस, काले कपड़े का प्रयोग नुक्कड़ नाटक, गीत, कविताएं इत्यादि
3- सापेक्षिक वंचन का सिद्धांत से क्या तात्पर्य है ?
- सापेक्षिक वंचन के सिद्धांत के अनुसार सामाजिक संघर्ष तब उत्पन्न होता है
- जब किसी सामाजिक समूह को ऐसा महसूस होने लगे
- कि वह अपने आसपास के अन्य लोगों से खराब स्थिति में है ऐसा संघर्ष सामूहिक विरोध के रूप में सामने आता है
- यह सिद्धांत सामाजिक आंदोलन को भड़काने में , मनोवैज्ञानिक कारकों जैसे - क्षोभ तथा रोष की भूमिका पर बल देता है
4- सापेक्षिक वंचन के सिद्धांत की सीमाएं क्या - क्या है ? चर्चा कीजिए ?
- इस सिद्धांत की सीमा यह है कि वंचन का आभास सामूहिक गतिविधि के लिए एक आवश्यक दशा है , लेकिन यह स्वयं में पर्याप्त कारण नहीं है
- हमेशा ऐसा नहीं होता ऐसी सभी घटनाएं जहां लोग सापेक्षिक वंचन महसूस करते हैं सामाजिक आंदोलन के रूप में परिणित नहीं होता
- कई बार लोग सापेक्षिक वंचन महसूस करते हैं लेकिन फिर भी कोई आंदोलन आरम्भ नहीं होता ने
5- सामाजिक आंदोलन के प्रकार पर चर्चा कीजिये ?
- सामाजिक आंदोलन कई प्रकार के होते हैं उन्हें निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है
- प्रतिदानात्मक या रूपांतरणकारी आंदोलन
- सुधारवादी आंदोलन
- क्रांतिकारी आंदोलन
- प्रतिदानात्मक या रूपांतरणकारी आंदोलन
6- आजादी से पहले चलाए गए पुराने सामाजिक आंदोलन कौन से थे ?
- नारी आंदोलन
- सती प्रथा के विरुद्ध आंदोलन
- बाल विवाह
- जाति प्रथा के खिलाफ
7- नए सामाजिक आंदोलन कौन से थे ?
- बिना राजनैतिक दायरे के
- जीवन स्तर को बदलने के लिए
- शुद्ध पर्यावरण के लिए
8- पारिस्थितिकीय आन्दोलन / पर्यावरण आन्दोलन से क्या अभिप्राय है ?
- दशकों से प्राकृतिक संसाधनों का अनियंत्रित उपयोग किया गया है जिससे पर्यावरण संबंधी कई समस्याएं देखने को मिली है
- ऐसे में पर्यावरण को लेकर कई आंदोलन चलाए गए हैं
1- चिपको आंदोलन
2- बांध विरोधी अभियान
3- नर्मदा बचाओ आंदोलन
9- आजादी के समय किसानों द्वारा किये गए दो आंदोलन के बारे में चर्चा कीजिये ?
- आजादी के समय किसानों के दो आंदोलन देखने को मिले
- तिभागा आंदोलन 1946 - 47
- तेलंगाना आंदोलन 1946 - 51
1) तिभागा आंदोलन 1946 – 47
- बंगाल और उत्तरी बिहार में पट्टे जारी व्यवस्था का विरोध किया गया इसके तहत पैदावार का दो तिहाई हिस्सा देना होता था इस विरोध को भारतीय किसान सभा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का समर्थन प्राप्त था
2) तेलंगाना आंदोलन 1946 – 51
- हैदराबाद रियासत की सामंती व्यवस्था के खिलाफ इसे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ
- इंडिया ने उठाया था
10- कामगारों का आंदोलन से क्या अभिप्राय है ?
- भारत में कारखानों से उत्पादन 1860 के शुरुवात में हुआ इस समय अंग्रेजों का शासन था
- कच्चे माल का उत्पादन भारत में किया जाता था और सामान का निर्माण यूनाइटेड किंगडम में किया जाता था उसके बाद उसे उपनिवेश देशों में बेच दिया जाता था
- इसीलिए कारखानों को बंदरगाह वाले शहरों के पास स्थापित किया गया
- जैसे = कलकत्ता, बंबई, मद्रास
- अंग्रेजों के समय में मजदूरी बहुत सस्ती थी और मजदूरों का शोषण भी बहुत अधिक होता था
- बाद में मजदूर संघ बने ,
- मजदूर राष्ट्रवादी नेताओं के साथ कई आंदोलन में शामिल हुए मजदूरों ने कपड़ा मील में हड़ताल की
- कोलकाता में भी मजदूरों की हड़ताल हुई
- मद्रास की मील में भी वेतन की वृद्धि को लेकर विरोध हुआ
- अहमदाबाद के कपड़ा मिल में भी 50% वेतन बढ़ाने की मांग रखी गई
11- जाति आधारित आंदोलन का अर्थ बताइए ?
- दलितों ने समानता की प्राप्ति के लिए संघर्ष किया , अस्पृश्यता का विरोध किया
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चमार आंदोलन
- पंजाब का आदिधर्म आंदोलन
- महाराष्ट्र का महार आंदोलन
- आगरा का जाटव, दक्षिण भारत में ब्रह्मण विरोधी आंदोलन
- दलित साहित्य में भी जाति को लेकर हो रहे भेदभाव के बारे में चित्रण देखने को मिलता है
- कई दलित लेखकों ने स्वयं के अनुभवों को साहित्य के जरिए सामने रखा
12- महिलाओं का आंदोलन पर चर्चा कीजिए ?
- 19 वीं सदी के समाज सुधार आंदोलन में महिलाओं से संबंधित कई मुद्दे उठाए गए
- बीसवीं सदी के प्रारंभ में राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तर पर महिलाओं के संगठन तेजी से बढ़ने लगे
- वीमेंस इंडिया एसोसिएशन
- ऑल इंडिया विमेन कॉन्फ्रेंस
- नेशनल काउंसिल फॉर विमेन इन इंडिया