Class 12th Political science chapter 6th ( Term-2 & Book 2 ) लोकतांत्रिक पुनरुत्थान - Important questions
कौन से चुनाव में कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था ?
- 1971 के चुनाव में
1974 में गुजरात और बिहार में किस दल की सरकार थी ?
- कांग्रेस की
1974 की रेल हड़ताल का नेतृत्व किसने किया ?
- जॉर्ज फर्नान्डिस ने
कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी पार्टी किसके नेतृत्व में बनी ?
- जगजीवन राम
जनता पार्टी और उसके साथी दलों को 1977 के लोकसभा चुनाव में कुल 542 सीटों में से कितनी सीटें मिली ?
- 330
मार्क्सवादी- लेनिनवादी समूहों की विचारधारा का उल्लेख कीजिए । इनको किस नए नाम से जाना जाता था ?
- भारत में कुछ समूह संसदीय राजनीति में विश्वास नहीं करते थे।
- इन समूहों ने मौजूदा राजनीतिक प्रणाली और पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म करने के लिए हथियार उठाया तथा राज्य विरोधी तकनीकों का सहारा लिया
- यह समूह “ मार्क्सवादी लेनिनवादी ” ( माओवादी ) नक्सलवादी के नाम से जाने जाते हैं
- ऐसे समूह पश्चिम बंगाल में ज्यादा सक्रिय थे
1971 - 72 के पश्चात भारत सरकार के सामने आने वाली किन्हीं दो समस्याओं का वर्णन कीजिए ?
- बांग्लादेश संकट के समय भारत की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ा
- क्योंकि लगभग 80 लाख लोग पूर्वी पाकिस्तान से भारत में आ गए थे भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात अमेरिका ने भारत को हर तरह की सहायता देना बंद कर दिया
- अरब - इजरायल युद्ध के परिणामस्वरुप अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें काफी बढ़ गई
- देश में महंगाई काफी तेजी से बढ़ रही थी
गुजरात के छात्र आंदोलन पर चर्चा कीजिए ?
- 1974 के जनवरी माह में गुजरात में छात्र आंदोलन हुआ खाद्यान, खाद्य तेल, अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमत का विरोध, भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छात्र आंदोलन में राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हो गई
- गुजरात में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया, विपक्ष ने राज्य विधानसभा चुनाव दोबारा कराने की मांग की, मोरारजी देसाई ने चुनाव दुबारा ना कराने पर भूख हड़ताल पर बैठने को कहा 1975 में चुनाव हुए कांग्रेस हार गई
बिहार के छात्र आंदोलन पर चर्चा कीजिए ?
1974 के मार्च माह में बिहार में छात्र आंदोलन शुरू हुआ मुद्दा - बढ़ती हुई कीमतें , खाद्यान का अभाव, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन
छात्रों ने जय प्रकाश नारायण को बुलावा भेजा उन्होंने उनका निमंत्रण स्वीकार किया और दो शर्त रखी
1) आंदोलन अहिंसक रहेगा
2) आंदोलन सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगा
- सभी वर्गों के लोग इस आंदोलन से जुड़ गए
- जयप्रकाश नारायण ने बिहार की कांग्रेस सरकार को बरखास्त करने की मांग की
- उन्होंने सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक दायरे में संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया
- ताकि सच्चे लोकतंत्र की स्थापना की जा सके
- बिहार सरकार के खिलाफ लगातार घेराव, बंद और हड़ताल हुई
- अंत में सरकार ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया
1974- 75 के बिहार तथा गुजरात आंदोलनों से क्या अभिप्राय है ?
- 1974- 75 के बिहार और गुजरात में हुए आंदोलन छात्र- आदोलन थे
- जो कि खाद्यान्न, खाद्य तेल तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती हुई कीमत और उच्च पदों पर जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ थे।
- गुजरात में आंदोलन को विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त था
- जबकि बिहार में आंदोलन का नेतृत्व जय प्रकाश नारायण ने किया।
संसद मार्च का नेतृत्व कब और किसने किया ? विस्तार से समझाइए ?
- 1975 में जयप्रकाश नारायण ने जनता के संसद मार्च का नेतृत्व किया
- देश की राजधानी में अब तक इतनी बड़ी रैली कभी नहीं हुई थी
- जयप्रकाश नारायण को अब भारतीय जनसंघ, कांग्रेस ओ, भारतीय लोक दल, सोशलिस्ट पार्टी
- जैसे गैर कांग्रेसी दलों का समर्थन मिल गया
- इन दलों ने जेपी को इंदिरा गांधी के विकल्प के रूप में पेश किया
नक्सलवादी आंदोलन के किन्हीं दो परिणामों का वर्णन कीजिए ?
- नक्सलवादी आंदोलन ने धनी भूस्वामियों से बलपूर्वक जमीन छीनकर गरीब और भूमिहीन लोगों को दी
- इस समय 9 राज्यों के लगभग 75 जिले नक्सलवादी हिंसा से प्रभावित है।
आपातकाल की घोषणा के विरोध में किन साहित्यकारों ने अपनी पदवियाँ लौटा दी ?
- पद्मभूषण से सम्मानित कन्नड़ लेखक शिवराम कारंत
- पद्मश्री से सम्मानित हिंदी लेखक फणीश्वरनाथ 'रेणु’
- ने लोकतंत्र के दमन के विरोध में अपनी- अपनी पदवी लौटा दी
आपातकाल के परिणाम बताओ ?
- विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया
- धरना, प्रदर्शन और हड़ताल पर रोक लगा दी गई
- प्रेस पर सेंसरशिप लागू कर दी गई
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया गया
- नागरिकों के मौलिक अधिकार निष्प्रभावी कर दिए गए
- सरकार ने निवारक नजरबंदी कानून के तहत कई लोगों को गिरफ्तार किया
- इंडियन एक्सप्रेस और स्टेटमेंट जैसे अखबारों को जिन समाचारों को छापने से रोका जाता वे उन्हें खाली जगह छोड़ देते
- सेमिनार और मेंस्ट्रीम जैसी पत्रिकाओं ने प्रकाशन बंद कर दिया
- कन्नड़ लेखक शिवराम कारंत तथा हिंदी लेखक फणीश्वर रेनू ने आपातकाल के विरोध में अपनी पदवी सरकार को लौटा दी
क्या 1975 में आपातकाल की घोषणा करना अनिवार्य था ? कोई तीन उपर्युक्त तर्कों द्वारा अपने उत्तर का समर्थन कीजिए ?
( अथवा )
इंदिरा गांधी के पास आपातकाल के अलावा और कोई रास्ता नहीं था इस कथन के पक्ष और विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत करें ?
( अथवा )
1975 के आपातकाल की घोषणा से संबंधित विवादों का आकलन कीजिए ?
( पक्ष में )
- इंदिरा गांधी को ऐसा लगा कि विपक्ष द्वारा निरंतर विरोध और हड़ताल करना लोकतंत्र के लिए लाभदायक नहीं है
- विपक्ष एक चुनी हुई सरकार को कार्य करने से रोक रहा है उनके अनुसार न्यायपालिका भी सरकार के रास्ते में रुकावट बन रही है
- इंदिरा के अनुसार विघटनकारी शक्तियां उनके बीस सूत्री कार्यक्रम को लागू करने में रुकावट पैदा कर रही थी
- विघटनकारी शक्तियां सरकार को गैर संवैधानिक तरीकों से हटाना चाहती थी
- उपयुक्त तर्कों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इंदिरा गांधी के पास इस स्थिति से निपटने के लिए आपातकाल की घोषणा के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं था
( विपक्ष में )
- लोकतंत्र में जनता को सरकार का विरोध करने तथा आंदोलन करने का अधिकार होता है, आंदोलन अहिंसक और शांतिपूर्ण था ऐसे में सरकार को आपातकाल लगाने की जरूरत नहीं थी
- गृह मंत्रालय ने उस समय कानून व्यवस्था की चिंता जाहिर नहीं की थी
- देश की एकता और अखंडता को खतरा नहीं था ऐसे में सरकार आपातकाल लगाने की बजाय
- कोई दूसरा रास्ता अपना सकती थी
- उपयुक्त तर्कों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इंदिरा गांधी के पास इस स्थिति से निपटने के लिए आपातकाल की घोषणा के अतिरिक्त और भी तरीके थे ऐसे में आपातकाल का फैसला गलत था
आपातकाल के दौरान क्या-क्या कार्य किए गए ?
- विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया
- धरना, प्रदर्शन और हड़ताल पर रोक लगा दी गई
- प्रेस पर सेंसरशिप लागू कर दी गई
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया गया
- बीस सूत्री कार्यक्रम में भूमि सुधार, भू-पुनर्वितरण, खेतिहर मजदूरों के पारिश्रमिक पर पुनः विचार, प्रबंधन में कामगारों की भागीदारी, बंधुआ मजदूरी की समाप्ति आदि जनता की भलाई के कार्य शामिल थे।
- विरोधियों को निवारक नज़रबंदी कानून के तहत बंदी बनाया गया।
- मौखिक आदेश से अखबारों के दफ्तरों की बिजली काट दी गई। दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को हटाने तथा जबरन नसबंदी जैसे कार्य किये गये।
आपातकाल से क्या महत्वपूर्ण सबक मिले ?
अथवा
1975 में लगाए गए आपातकाल से सीखे किन्हीं तीन पाठों की व्याख्या कीजिए ?
अथवा
1975 के आपातकाल में उजागर हुई भारतीय लोकतंत्र की कमजोरियों और ताकतों के किन्हीं तीन बिंदुओं का वर्णन कीजिए ?
अथवा
1975 के आपातकाल ने किस प्रकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को लाभान्वित किया ?
- आपातकाल के दौरान भारतीय लोकतंत्र की ताकत और कमजोरियां उजागर हो गई थी लेकिन जल्द ही कामकाज लोकतांत्रिक राह पर लौट आया
- इस प्रकार यह साबित हुआ कि भारत से लोकतंत्र को विदा कर पाना बहुत कठिन है
- आपातकाल से संविधान में वर्णित आपातकाल के प्रावधानों के कुछ अर्थगत उलझाव भी प्रकट हुए
- जिन्हें बाद में सुधार लिया गया अब अंदरूनी आपातकाल सिर्फ सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लगाया जा सकता है
- इसके लिए यह भी जरूरी है कि आपातकाल की घोषणा की सलाह मंत्री परिषद राष्ट्रपति को लिखित में दे
- आपातकाल से हर नागरिक अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा सचेत हुआ
- आपातकाल की समाप्ति के बाद अदालतों ने व्यक्ति के नागरिक अधिकारों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाई
- आपातकाल के बाद नागरिक अधिकारों के कई संगठन भी वजूद में आए
- आपातकाल में सत्ताधारी दल ने पुलिस तथा प्रशासन को अपना राजनीतिक हथियार बनाकर इस्तेमाल किया था
- यह संस्थाएं स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पाई थी
सरकार अगर अस्थिर हो और उसके भीतर कलह हो तो मतदाता ऐसी सरकार को कड़ा दंड देते हैं ? इस कथन को स्पष्ट कीजिए ?
- 1977 के चुनावों के बाद जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन इसमें कोई खास तालमेल नहीं था चुनाव के बाद नेताओं के बीच प्रधानमंत्री पद के लिए होड़ मच गई मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया
- आपातकाल का विरोध जनता पार्टी को कुछ ही दिनों के लिए एकजुट रख सका
- इस पार्टी के पास कोई दिशा, नेतृत्व एवं कोई साझा कार्यक्रम का अभाव था जिस कारण यह सरकार गिर गई 1980 में चुनाव कराने पड़े इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 353 सीटें मिली और वह सत्ता में आई
- इससे यह साबित होता है कि यदि सरकार अस्थिर हो और उसके भीतर कलह हो तो मतदाता ऐसी सरकार को कड़ा दंड देते हैं
आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों की जांच के लिए किस आयोग का गठन किया गया ? इस आयोग की उपलब्धियों की व्याख्या कीजिए ?
- आपातकाल के दौरान हुई घटनाओं की जांच के लिए शाह जांच आयोग बिठाया गया, शाह जांच आयोग के अनुसार निवारक नजरबंदी कानून के तहत लगभग एक लाख ग्यारह हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था प्रेस पर गैर कानूनी पाबंदियां लगाई गई
- शाह आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली बिजली आपूर्ति निगम में महाप्रबंधक को दिल्ली के गवर्नर के दफ्तर से 26 जून 1975 की रात 2:00 बजे मौखिक आदेश मिला
- कि सभी समाचार पत्रों की बिजली आपूर्ति काट दी जाए
- संजय गांधी जैसे व्यक्ति जो किसी आधिकारिक पद पर नहीं थे , सरकारी शक्ति का दुरुपयोग करते पाए गए
- उन्होंने झुग्गी बस्तियों को हटाने और लोगों की जबरन नसबंदी कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
- आपातकाल का जनसाधारण पर बुरा प्रभाव पड़ा
- जैसे पुलिस हिरासत में मौत और यातना की घटनाएं घटी
- गरीब लोगों को उजाड़ कर एक जगह से दूसरी जगह बसाया गया
लोकतांत्रिक पुनरुत्थान से क्या अभिप्राय है ?
- देश की लोकतांत्रिक राजनीति में जनता की बढ़ती सहभागिता को लोकतांत्रिक पुनरुत्थान के रूप में जाना जाता है
- स्वतंत्र भारत के इतिहास में तीन लोकतांत्रिक पुनरुत्थान हुए है
- 1950 से 1970 के दशक तक 1980 के दशक में 1990 के दशक में
- 1950 से 1970 के दशक तक - वयस्क मतदाताओं की बढ़ती सहभागिता
- 1980 के दशक में – sc / st / obc मतदाताओं की बढ़ती सहभागिता
- 1990 के दशक में - युवा वर्ग की बढ़ती सहभागिता