ग्रामीण समाज में विकास और परिवर्तन- Class 12th Sociology- Chapter- 4th- important question Term-2
1- भारत में ग्रामीण लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत क्या है ?
- भारत में अधिकतम ग्रामीण जनसंख्या की आजीविका का स्रोत कृषि है
- कृषि के अलावा भी गांव के लोग अन्य प्रकार के रोजगार में लगे हैं
- जैसे – कुम्हार , जुलाहे , लोहार , सुनार , पशुपालन , डेयरी उत्पाद इत्यादि
2- भारतीय समाज की विशेषता ?
- भारतीय समाज मुख्य रूप से ग्रामीण समाज है
- लेकिन पिछले कुछ दशक से यहां नगरीकरण बढ़ रहा है
- भारत के बहुसंख्यक लोग गांव में ही रहते हैं
- इनका जीवन कृषि या उससे संबंधित व्यवसाय से चलता है
- भारत में विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाया जाता है
3-प्रबल जाति से क्या तात्पर्य है ?
- प्रत्येक क्षेत्र में एक या दो जाति के लोग भूमि रखते है ( भूस्वामी )
- इनकी संख्या गांव में महत्वपूर्ण है श्रीनिवास ने इन्हे प्रबल जाति का नाम दिया है
( प्रबल जाति )
- पंजाब - जाट , सिक्ख
- हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश – जाट
- आंध्र प्रदेश - कम्मास और रेडडी
- कर्नाटक - वोक्लागिलास , लिंगायत
- बिहार - यादव, भूमिहार
4- स्वतंत्र भारत में भूमि सुधार के सुधार के लिए उठाए गए कदम की व्याख्या कीजिए ?
- 1950 से 1970 के बीच में भूमि सुधार कानून लाए गए
- जमींदारी व्यवस्था को समाप्त करना
- पट्टेदारी व्यवस्था को नियंत्रित करना
- भूमि की हदबंदी नियम लाया गया
5- कृषि संरचना के बारे में लिखिए ?
( कृषक संरचना )
- मध्यम तथा बड़ी जमीन के मालिक = अच्छी आमदनी
- काश्तकार या पट्टीदार =सामान्य आमदनी
- कृषि मजदूर = निम्न आमदनी, बेरोजगारी
6- औपनिवेशिक काल में भूमि सुधार के परिणाम बताइए ?
- अंग्रेजों की सरकार ने स्थानीय जमीदारों को संपत्ति के अधिकार दिए थे
- औपनिवेशिक काल में अंग्रेजी सरकार द्वारा नई राजस्व नीति लागू की गई
- अंग्रेजों ने इस नई राजस्व नीति के अनुसार कृषि भूमि पर टैक्स बढ़ा दिया
- जमीदारी व्यवस्था के कारण ब्रिटिश काल के दौरान कृषि उत्पादन कम होने लगा
- जमींदार लोग किसानों का शोषण करते थे
जमींदारी व्यवस्था
- अंग्रेजी सरकार ने जमींदारों को भूमि के अधिकार दे दिए थे
- यह जमींदार किसानों से कर इकट्ठा करके अंग्रेजी सरकार को सौंप देते थे
- इस प्रणाली के तहत सरकार और किसान के बीच सीधा संबंध नहीं था
रैयतवाड़ी व्यवस्था
- इस व्यवस्था में भूमि का कर किसान के द्वारा सीधा अंग्रेजी सरकार को जाता था
- इस व्यवस्था में जमींदार को बीच से हटाया गया था
7- स्वतंत्रता के बाद ग्रामीण समाज में परिवर्तन ?
- गहन कृषि के कारण कृषि मजदूरों की बढ़ोतरी
- भुगतान नकद में किया जाने लगा
- दिहाड़ी मजदूरी अधिक होने लगी
- समृद्ध राज्यों में मजदूरों का प्रवास
- भूस्वामियों और किसान के बीच पुस्तैनी संबंध में कमी आने लगी
8- 1960 का दशक भारत के लिए संकट का काल क्यों माना जाता है ?
- 1960 का दशक भारत के सामने कई समस्याएं आई थी इसलिए 1960 का दशक भारत के लिए संकट का काल माना जाता है
- 1962 में चीन से युद्ध
- 1965 में पाकिस्तान से युद्ध
- मानसून की असफलता
- खाद्यान्न संकट
- बिहार में अनाज का संकट
- 1964 में नेहरू जी की मृत्यु
- 1966 में लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु
- अकाल की स्थिति
9- हरित क्रांति से क्या अभिप्राय है ?
- 1960 के दशक को भारत के इतिहास में खतरनाक दशक के रूप में जाना जाता है क्योंकि इस दौरान भारत ने अनेक संकटों का सामना किया
- इसी दौरान भारत में खाद्यान्न संकट आया और इस समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा जो नीति लाई गयी
- उसे हरित क्रांति के नाम से जाना जाता है
- हरित क्रांति कृषि आधुनीकरण का एक सरकारी कार्यक्रम था
- इसके तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज , खाद , उर्वरक , कृषि यंत्र और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गयी जिससे कृषि पैदावार में बढ़ोतरी भी हुई
10- हरित क्रांति के लाभ बताओ ?
- हरित क्रांति से कृषि पैदावार में बढ़ोतरी हुई
- हरित क्रांति से पंजाब , पश्चिमी उत्तर प्रदेश , हरियाणा को अधिक लाभ हुआ
- माध्यम तथा बड़े किसानों को इसका लाभ मिला
- गेहूं और चावल का उत्पादन में वृद्धि हुई
11- हरित क्रांति के नकारात्मक प्रभाव बताओ ?
- हरित क्रांति का लाभ केवल मध्यम और बड़े किसानों को हुआ
- बढ़ती कीमतों और भुगतान के तरीके में बदलाव के कारण कृषि मजदूरों की आर्थिक स्थिति खराब हुई
- व्यवसायीकरण और बाजारोन्मुख में खेती ने आजीविका की असुरक्षा प्रदान की
- खेती के तरीकों और बीजों के पारंपरिक उपयोग की पारंपरिक प्रणाली का नुकसान हुआ
पर्यावरण को नुकसान हुआ
- इससे विभेदीकरण को बढ़ावा मिला अमीर और अमीर हो गया गरीब और गरीब हो गया
- इससे क्षेत्रीय असमानता में वृद्धि हुई जिन क्षेत्रों में तकनीक परिवर्तन हुआ वह ज्यादा विकसित हुए बाकी क्षेत्र पिछड़े रह गए
12- हरित क्रांति कृषि आधुनिकीकरण का एक सरकारी कार्यक्रम था
इसके तहत सरकार ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया
1- अच्छी गुणवत्ता के बीज
2- कीटनाशक
3- खाद
4- सिंचाई तकनीक किसानों को उपलब्ध कराई गई
इससे कृषि क्षेत्र को लाभ हुआ गेंहू का उत्पादन बढ़ा
हरित क्रांति से कुछ राज्यों को अधिक लाभ हुआ जैसे
1- पंजाब
2- पश्चिमी उत्तर प्रदेश
3- आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु
- नई तकनीक द्वारा कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई
- हरित क्रांति सरकार तथा इसमें योगदान देने वाले वैज्ञानिकों की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी गई है
- हरित क्रांति से अधिकतर क्षेत्रों में मध्यम तथा बड़े किसान ही नई तकनीक का लाभ उठा पाए
- छोटे किसानों को इसका लाभ नहीं मिला
- हरित क्रांति का अंतिम परिणाम विभेदीकरण की प्रक्रिया भी थी
- इसमें धनी किसान अधिक धनी हो गए और निर्धन किसान पहले से भी गरीब हो गए
13- मजदूरों का संचार (सरकुलेशन) से क्या अभिप्राय है ?
- समृद्ध राज्यों में कृषि मजदूरों का पलायन तेजी से होने लगा
- ऐसा इसलिए था क्योंकि वहां इन मजदूरों को अधिक पैसे और रोजगार मिल रहा था
- कृषि के व्यापारीकरण के कारण भी ऐसा हुआ
- समृद्ध राज्यों में मजदूरों का प्रवास
- मजदूरों का यह प्रवाह सूखाग्रस्त तथा कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों से कृषि संपन्न क्षेत्रों तथा महानगरों की तरफ हुआ
14- कृषि के भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताओ ?
- कृषि का भूमंडलीकरण की प्रक्रिया कृषि फसलों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में शामिल किए जाने की ओर संकेत है
- भूमंडलीकरण की प्रक्रिया का किसानों पर असर पड़ा
- पंजाब , कर्नाटक जैसे इलाकों में किसानों द्वारा कंपनियों ने कुछ निश्चित फसलें बेचने का कॉन्ट्रैक्ट किया है
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा संविदा खेती पद्धति के तहत उगाई जाने वाली फसलों की पहचान की जाती है
- बहुराष्ट्रीय कंपनियां किसानों से फसलें खरीद लेती हैं
- यह कंपनियां पूर्व निर्धारित मूल्य पर फसल खरीदने को आश्वासन देती है
- इससे किसान बाजार की तरफ से चिंतित नहीं रहता
- इसके अलावा
- कृषि के भूमंडलीकरण के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा
- कृषि मद जैसे
- बीज, कीटनाशक, खाद और उर्वरक के विक्रेता के रूप में बाजार में प्रवेश करती हे
- ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
- ग्राम उदय से भारत उदय अभियान एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसकी मदद से हम पंचायती राज को अधिक मजबूत और इसके माध्यम से गांवों में सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने, ग्रामीण विकास तथा किसानों के विकास के लिए करेंगे।
- इसकी शुरुआत 14 अप्रैल 2016 से की गई थी।
- राष्ट्रीय ग्रामीण - नगरीय मिशन
- कार्यक्रम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुरक्षा में केन्द्र सरकार की यह योजना 12 अप्रैल 2005 को शुरू की गयी। आरंभ में यह मिशन केवल सात साल (2005-2012) के लिए रखा गया, यह एक प्रमुख योजना है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के द्वारा संचालित होता है जिसके माध्यम से पूरे देश में किसानों के लिए एकीकृत सहायता के मार्ग खोले गये हैं। इसके अतिरिक्त इन कार्यक्रमों के द्वारा ग्रामीण लोगों के जीवन-यापन में गुणात्मक सुधार हुआ है।