अभिव्यक्ति और माध्यम ( पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया ) Important question- Term- 2
फीचर से क्या अभिप्राय है ? फीचर कितने प्रकार के होते हैं ? इनकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर : फीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देना शिक्षित करना और मुख्य रूप से मनोरंजन करना होता है।
( फीचर कई प्रकार के होते हैं जिनमें मुख्य हैं )
1. समाचार बैकग्राउंड फीचर
2. खोजपरक फीचर
3. साक्षात्कार फीचर
4. जीवन शैली फीचर
5. रूपात्मक फीचर
6. व्यक्तिचित्र फीचर
7.यात्रा फीचर
8. विशेषकार्य फीचर
[ फीचर की विशेषताएँ ]
फीचर की शैली कथात्मक शैली की तरह होती है। इसका आकार रिपोर्ट से बड़ा होता है। एक अच्छे एवं रोचक फीचर के साथ फोटो, रेखांकन या ग्राफिक्स का होना अनिवार्य है। फीचर में शब्दों की अधिकतम सीमा नहीं होती। फीचर बोझिल नहीं होते।
विशेष रिपोर्ट क्या है ? इसके प्रकार बताइए |
उत्तर : ( विशेष रिपोर्ट )
समाचार पत्र और पत्रिकाओं में गहरी छानबीन विश्लेषण और
व्याख्या के आधार पर जो रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है उसे विशेष रिपोर्ट कहते हैं।
विशेष रिपोर्ट के प्रकार : विशेष रिपोर्ट के मुख्य चार प्रकार हैं।
1) खोजी रिपोर्ट :
जिस रिपोर्ट में पत्रकार उन सूचनाओं और तथ्यों को छानबीन
करके जनता के सामने लाता है जो पहले सबके समक्ष न आए हों।
2) इन डेप्थ रिपोर्ट :
सार्वजनिक रूप से प्राप्त तथ्यों, सूचनाओं और आंकड़ों की
गहरी छानबीन कर महत्वपूर्ण पहलुओं को जनता के सामने लाने वाली रिपोर्ट।
3) विश्लेषणात्मक रिपोर्ट
जिस रिपोर्ट में घटना या समस्या से जुड़े तथ्यों का
विस्तार से विश्लेषण और व्याख्या की जाए।
4) विवरणात्मक रिपोर्ट :
जिस रिपोर्ट में समस्या का विस्तृत वर्णन और बारीक से बारीक तथ्य को उद्घाटित किया जाए।
इनके अलावा एक अन्य रिपोर्ट भी है।
फीचर रिपोर्ट :
सामान्यतः रिपोर्ट उल्टा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं। किंतु कुछ एक कथात्मक शैली में लिखी जाने वाली रिपोर्ट फीचर रिपोर्ट कहलाती है।
पत्रकारीय लेखन से आप क्या समझते हैं ? पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं ?
समाचार - पत्रों व समाचार के अन्य माध्यमों के पत्रकार अपने पाठकों , श्रोताओं तथा दर्शकों तक तथ्यों तथा सूचनाओं को पहुँचाने के लिए लेखन के विभिन्न रूपों का प्रयोग करते हैं । इसे ही पत्रकारीय लेखन कहा जाता है । पत्रकार के निम्न दो प्रकार हैं
( i ) पूर्णकालिक पत्रकार यह किसी समाचार संस्था में कार्य करने वाला नियमित वेतनभोगी कर्मचारी होता है ।
( ii ) अंशकालिक पत्रकार इसे स्ट्रिंगर भी कहा जाता है । यह पत्रकार किसी समाचार संगठन के लिए एक निश्चित मानदेय पर कार्य करने वाला कर्मचारी होता है ।
( iii ) फ्रीलांसर अर्थात् स्वतंत्र ऐसे पत्रकार का संबंध किसी विशेष समाचार संस्था या संगठन से नहीं होता , बल्कि यह अलग - अलग अखबारों के लिए भुगतान के आधार पर लिखता है ।
समाचार लेखन में छः ककारों का क्या महत्त्व है ?
किसी भी समाचार को लिखते समय उसमें कुछ मूलभूत सवाल होते हैं । संख्या में मुख्यतः छः होने के कारण इन्हें छः ककार कहा जाता है । किसी भी घटना , समस्या या विचार से संबंधित तथ्यों या जानकारी को लिखते समय इन छ : ककारों को ही ध्यान में रखा जाता है । ये छ : ककार इस प्रकार हैं
( i ) क्या अर्थात् क्या घटित हुआ ( क्या घटना घटी ) ?
( ii ) कब अर्थात् कब घटित हुआ ( घटना कब घटी ) ?
( iii ) कहाँ अर्थात् कहाँ घटित हुआ ( घटना कहाँ अर्थात् किस स्थान पर घटी ? )
( iv ) कौन अर्थात् घटना स्थल पर कौन था ( घटना किसके साथ घटित हुई ? )
( v ) क्यों अर्थात् क्यों घटित हुई ( घटना क्यों घटी ? )
( vi ) कैसे अर्थात् कैसे घटित हुई ( घटना कैसे घटी ? )
उल्टा पिरामिड शैली में समाचार लेखन किस प्रकार किया जाता है ?
समाचार लेखन की उल्टा पिरामिड शैली के अंतर्गत लिखे गए समाचारों को सुविधा की दृष्टि से तीन भागों में विभाजित किया जाता है
1. इंट्रो या मुखड़ा समाचार अथवा खबरें एक विशेष शैली में लिखी जाती हैं जिसके अंतर्गत सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्यों, सूचनाओं एवं जानकारी को सबसे पहले अर्थात् प्रारंभ के अनुच्छेद में लिखा जाता है ।
इस प्रकार प्रथम पैराग्राफ में दी जा रही जानकारी को इंट्रो या मुखड़ा कहा जाता है । इंट्रो में समाचार के संबंध में क्या कहाँ , कब और कौन र प्रश्नों के उत्तर देना आवश्यक होता है|
2. बॉडी या कलेवर समाचार के बाद दूसरे पैराग्राफ में कम महत्त्वपूर्ण जान्कारी, सूचना या तथ्यों को बताया जाता है, इसे बॉडी या समाचार का कलेवर ( Body of the Story ) कहा जाता है । समाचार के इस भाग में छः ककारों में से दो ककारों क्यों और कैसे का जवाब देने की कोशिश की जाती है ।
3. समापन समाचार का समापन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि न केवल उस समाचार के प्रमुख तथ्य आ गए हैं, बल्कि समाचार के मुखड़े और समापन के बीच एक तारत्म्यता भी होनी चाहिए ।
समाचार में तथ्यों तथा उसके विभिन्न पहलुओं को इस तरह से पेश करना चाहिए कि उससे पाठक को किसी निर्णय या निष्कर्ष पर पहुँचने में मदद मिले
समाचार लेखन हेतु आवश्यक तथ्यों का उल्लेख कीजिए |
( i ) समाचार लिखने से पूर्व उसकी पृष्ठभूमि का ज्ञान आवश्यक है ।
( ii ) समाचार प्राप्त होने के बाद उससे संबंधित अनेक पक्षों एवं तथ्यों को समाहित कर समग्रता के साथ लिखना अपेक्षित है । समाचार लेखन में चार ' सकारों ' का ध्यान रखना अपेक्षित है
सत्यता समाचार सच्चाई पर आधारित होना चाहिए ।
स्पष्टता समाचार अपने अर्थ को सरलता से समझा सके ।
संक्षिप्तता समाचार को अति विस्तार से बचना चाहिए ।
सुरुचि समाचार की भाषा , शैली एवं प्रस्तुति रोचक होनी चाहिए
( iv ) अनुच्छेद न तो अधिक बड़े तथा न ही अति संक्षिप्त या लघु होने चाहिए ।
( v ) एक अनुच्छेद में यथासंभव एक ही आयाम या पक्ष होना चाहिए ।
( vi ) समाचार में शब्दों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए ।
समाचार तथा फीचर में अंतर स्पष्ट करें |
समाचार
1. समाचार का कार्य पाठको को सूचना
देना होता है
2. इसका उद्देश्य पाठकों को ताज़ी
घटना से अवगत कराना होता है।
3. इसमें शब्द सीमा होती है।
4. इसमें लेखक के विचारों या कल्पना
के लिए कोई स्थान नहीं होता।
5. इसमें फोटो का होना अनिवार्य नहीं है।
फीचर
1. फीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक
और आत्मनिष्ठ लेखन है।
2. इसका उद्देश्य पाठकों को सूचना
खेला, शिक्षित करना, और मनोरंजन
करना होता है।
3.इसमें शब्द सीमा नहीं होती। अच्छे
फीचर 200 से 2000 तक शब्दों
के होते हैं।
4. इसमें लेखक की कल्पना और
विचारों को भी स्थान मिलता है।
5. अच्छे फीचर के साथ फोटो या
ग्राफिक्स होना अनिवार्य है।
संपादकीय से आप क्या समझते हैं ?
- संपादकीय को अखबार की आवाज़ माना जाता है | क्योंकि संपादकीय किसी व्यक्ति विशेष के विचार नहीं होते |
- संपादकीय के जरिए अखबार किसी घटना या मुद्दे पर अपनी राय प्रकट करता है |
- संपादकीय का दायित्व सम्पादक और उसके सहयोगियों के ऊपर होता है इसलिए इसके नीचे किसी का नाम नहीं लिखा जाता |