जहां कोई वापसी नहीं ( Antra ) chapter- 7 गद्य खण्ड- अंतरा- Summary

जहां कोई वापसी नहीं ( Antra ) chapter- 7  गद्य खण्ड- अंतरा- Summary

INTRODUCTION

'जहाँ कोई वापसी नहीं यात्रा वृतांत निर्मल वर्मा द्वारा रचित 'धुंध में उठती धुन' संग्रह से लिया गया है |
लेखक का मानना है की अंधाधुंध विकास तथा पर्यावरण संबंधी सुरक्षा के बीच संतुलन होना चाहिए
अगर ऐसा नहीं हुआ तो विकास हमेशा विस्थापन और पर्यावरण संबंधी समस्याओं को जन्म देता रहेगा |
औद्योगिक विकास के इस दौर में प्राकृतिक सौन्दर्य नष्ट होता जा रहा है |

( अमझर )

1- अमझर का शाब्दिक अर्थ है जहाँ आम झरते हैं।
2- अमझर सिंगरौली के क्षेत्र नवागांव का एक छोटा सा गाँव है।
3- इस गाँव के चारों ओर आम के वृक्ष हैं, जिनसे हमेशा आम झरते हैं।
4- अमरौली प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवागांव के अनेक गाँव उजाड़ दिए जाएँगे, और यहाँ के लोग
विस्थापित हो जाएँगे, इसी कारण अमझर गाँव में सूनापन है |

( आधुनिक भारत के नए शरणार्थी )

1- आधुनिक भारत में औद्योगिकीकरण की आंधी ने सिंगरौली के नवागांव क्षेत्र के अनेक गाँव के
लोगों को उनके घर तथा परिवेश से उखाड़कर सदा के लिए निरसित कर दिया |
2- अब ये लोग भी अनेक शरणार्थीयों की तरह यहाँ वहां भटककर शरण की राह देखेंगे |
3- लेखक ने इन्ही लोगों को आधुनिक भारत के 'नए शरणार्थी' कहा है |

( प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में अंतर )

1- प्रकृति के कारण विस्थापन प्राकृतिक रूप से दिया जाता है, जबकि औद्योगीकरण के कारण
विस्थापन सोची समझी नीतियों के द्वारा दिया जाता है।
2- प्राकृतिक विस्थापन में कोई स्वार्थ नहीं होता, जबकि औद्योगीकरण के कारण विस्थापन पूरी
तरह स्वार्थ पर आश्रित होता है।
3- औद्योगीकरण के कारण विस्थापन को पूंजीपति और उद्योगपति लोग विकास का नाम देते हैं,
जबकि प्राकृतिक विस्थापन का ऐसा कोई नाम नहीं होता है।
4- प्राकृतिक विस्थापन के कारण लोग घर परिवेश को छोड़ कर कुछ समय के लिए जाते हैं, तथा
सामान्य स्थिति होने पर वे वापस लौट आते हैं, लेकिन औद्योगीकरण के कारण विस्थापन के
कारण लोग सदा के लिए बेघर हो जाते हैं।

( यूरोप और भारत की चिंता )

1- यूरोप और भारत की पर्यावरण संबंधी चिंताएं एक दूसरे से भिन्न हैं |
2- यूरोप में पर्यावरण का प्रश्न मनुष्य और भूगोल के बीच संतुलन बनाये रखने का है, जबकि भारत
मैं यही प्रश्न मनुष्य और उसकी संस्कृति के बीच पारंपरिक सम्बन्ध बनाये रखने का होता है |
3- यूरोप की सांस्कृतिक विरासत म्यूजियम्स तथा संग्रहालयों में जमा है, जबकि भारत की
सांस्कृतिक विरासत उन रिश्तों में है जो आदमी को उसकी धरती, जंगलो, नदियों तथा पूरे
परिवेश से जोडती है।

स्वातंत्र्योत्तर भारत की ट्रेजिडी (त्रासदी )

1- लेखक के अनुसार स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रेजिडी यही है की हमारे देश के पश्चिम
शिक्षित सत्ताधारियों का ध्यान कभी नहीं गया की पश्चिम की देखादेखी और नक़ल में योजनायें
बनाते समय प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच का नाजुक संतुलन को किस तरह नष्ट होने से
बचाया जा सकता है।
2- हम पश्चिम को मॉडल बनाए बिना अपनी शर्तों और मरियादाओं के आधार पर औदयोगिक विकास
का भारतीय स्वरूप निर्धारित कर सकते हैं और विस्थापन और पर्यावरण समस्याओं को रोक सकते
3- कभी यह ख्याल भी हमारे शासकों के मन में नहीं आया |

( औद्योगीकरण और पर्यावरण संकट )

1- औद्योगीकरण ने पर्यावरण का संकट इसलिए पैदा कर दिया है क्योंकि उद्योगों की स्थापना के
लिए चारों ओर पेड़ और पौधे, वन और आदि संपदा का विनाश हो रहा है।
2- खनिज संसाधन नष्ट हो रहे हैं।
3- कृषि योग्य भूमि उजड़ रही है ।
4- लोगों को उजाड़कर विस्थापित किया जा रहा है।
5- हरे भरे पेड़ पौधों को काटा जा रहा है इस कारण पूरे पर्यावरण में संकट है।

VIDEO WATCH

ASK ANY QUESTION CLICK HERE

What's Your Reaction?

like
224
dislike
24
love
61
funny
21
angry
13
sad
19
wow
70