खेल तथा पोषण- Physical Education chapter 2nd Notes in hindi

खेल तथा पोषण- Physical Education chapter 2nd Notes in hindi

BALANCED DIET ( संतुलित आहार )

संतुलित आहार वह आहार होता है जिस भोजन में सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में उपलब्ध होते हैं |
1- CONTAINS  
2- NUTRIENTS 
3- BALANCED DIET  

NUTRITION  (पोषण)
पोषण एक प्रक्रिया होती है, जिसमे आहार (खाने की चीज़) को ग्रहण कर उन्हें पचाया जाता है |
इस प्रक्रिया में भोजन के अन्दर जो भी पौष्टिक पदार्थ होते हैं उन्हें सोख लिया जाता है और फिर उन्हें शरीर के दूसरे अंगों तक पहुँचाया जाता है | 
1- NUTRITION 
2- DIGESTED   
3- NUTRITIOUS

वृहत् पोषक तत्व (macro)
आहार के वृहत पोषक तत्व ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में चाहिए होते हैं , 
जैसे : कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन |
1- वृहत पोषक तत्व 
2- कार्बोहाइड्रेट
3- वसा (fat)  
4- प्रोटीन
5- जल 
( कार्बोहाइड्रेट )
कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण भाग होता है, और इसी से हमारे शरीर को विभिन्न कार्य करने के लिए ऊर्जा (energy) प्राप्त होती है |
कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार के होते है : साधारण कार्बोहाइड्रेट, जटिल कार्बोहाइड्रेट 
( साधारण कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 
यह अनाज (गेहूँ, चावल आदि ) और रसीले फलों जैसे गन्ना, चुकंदर, आम, अनानास आदि में पाया जाने वाला स्वाभाविक मिठास है |
यह स्वाद में मीठे होते है |
यह पानी में घुलनशील होते हैं | 
( जटिल  कार्बोहाइड्रेट )
यह स्वाद में मीठे नहीं होते |
 यह पानी में घुलनशील नहीं होते |
 इनमे स्टार्च, ग्लाइकोजन और सेल्युलोज प्रमुख हैं |
 जो की आलू, शकरकंदी, गाजर,  मक्का, गेहूं, चावल में मुख्य रूप से पाया जाता है | 

वसा (fat) 

वसा भी हमारे शरीर और हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है | 
वसा से हमें सबसे ज्यादा ऊर्जा प्राप्त होती है |
वसा हमारे शरीर हो सुंदर तथा आकर्षक बनाता है |
लेकिन अगर शरीर में ज्यादा वसा हो तो मोटापा बढ़ जाता है | 

वसा के स्त्रोत

1- पनीर
2- मूंगफली
3- सरसों
4- आइसक्रीम

( वसा (fat)   के कार्य :- )
कोमल अंगों को सुरक्षा प्रदान करना |
हारमोंस उत्पादन में सहायता करना |
त्वचा को खुरदुरा होने से बचाना |
( प्रोटीन )
प्रोटीन भी हमारे भोजन और हमारे शरीर का महत्वपूर्ण भाग होता है |
प्रोटीन हमारे शरीर के निर्माण में हमारी मदद करता है और हमारी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और नई कोशिकाओं का निर्माण करता है | 
इसलिए बढ़ती उम्र के बच्चो और खिलाडियों के लिए यह बहुत जरुरी होता है |  
( प्रोटीन  के कार्य :- )
 रक्त में हीमोग्लोबिन, मांसपेशियों, नाखूनों, त्वचा, बालों और आंतरिक अंगों का निर्माण 
 नए ऊतकों का निर्माण 
 टूटे ऊतकों की मरम्मत 
 एंटी बॉडीज उत्पन्न करना 

प्रोटीन  के स्त्रोत 
1- दूध
2- सोयाबीन
3- दालें
4- बादाम 

( जल (Water) 
हमारे शरीर की विभिन्न आंतरिक क्रियाएँ तरल माध्यम में ही होती हैं इसलिए जल को वृहत (macro) पोषक तत्वों की श्रेंणी में रखा जाता है |
इसे आवश्यक तत्त्व माना जाता है |  
( जल   के कार्य :- )
रक्त का 90% भाग जल 
पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक ले जाने में सहायता 
शरीर के तापमान को नियंत्रित रखना 
अपशिष्ट पदार्थों के शरीर से निष्कासन में महत्वपूर्ण |

सूक्ष्म पोषक तत्व 
खनिज 
Calcium 
Iron 
Sodium 
Iodine 
Phosphorus 
Potassium 
Magnesium   
विटामिन 
1- जल में घुलनशील 
2- वसा में घुलनशील 
खनिज  (minerals)  :- 
हमारे कुल body weight  का लगभग 4% खनिज तत्वों से ही बना होता है |
कुल 24 प्रकार के खनिज body में 
विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिए आवश्यक होते हैं   
खनिज  
1- अधिक मात्रा में 
2- कम मात्रा में 

अधिक मात्रा में पाए जाने वाले खनिज  (minerals)  :-

calcium 
calcium की मात्रा body में सबसे अधिक होती है |
calcium का अधिकतर भाग दांतों और हड्डियों में पाया जाता है |
calcium दांतों और हड्डियों का निर्माण करता है और मजबूती प्रदान करता है |
शरीर में लगभग 50% calcium होता है |
स्त्रोत : दूध, दही, हरी सब्जियां, अंडा, मांस 
Magnesium 
यह कोशिकाओं का रख रखाव करता है |
कोशिकाओं की टूट फूट में मरम्मत भी करता है |
स्त्रोत : साबुत अनाज, ब्राउन राइस, मीट 
( Phosphorus )
यह दांतों और हादियों के निर्माण में सहायक होता है |
यह मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र की क्रियाओं को सामान्य बनाए रखता है |
स्त्रोत : मछली , दूध , अंडा 
( Sodium )
स्नायु तंत्र को ठीक तरीके से कार्य करने के लिए मदद करता है |
कोशिकाओं के द्रव्यों में संतुलन बनाता है | 
 स्त्रोत : आयोडीन नमक 
( Potassium )
शरीर कोशिकाओं में द्रवों की ठीक दर को बनाए रखना 
तंत्रिका तंत्र को नियमित करना / स्नायु तंत्र को मजबूत रखना 
स्त्रोत : केला, पत्तेदार सब्जी, खट्टे फल, टमाटर 

आहार के गैर पोषक घटक

गैर पोषक घटक होने के बावजूद हमारे लिए आवश्यक 
इनका प्रयोग स्वाद या रंग देने के लिए किया जाता है 
( Fabre / फोक )
भोजन का वह भाग जिसे मनुष्य की आँतों द्वारा पचाया नहीं जा सकता |
फोक से आँतों के विकार दूर होते हैं |
इससे आँतों में सुधार आता है जिससे कब्ज़ नहीं होती | 
इससे हृदय संबंधी रोग होने की सम्भावना भी कम होती है |

जल (water)
शरीर का लगभग 70% भाग जल से निर्मित 
शरीर की अधिकतर जैविक और रासायनिक क्रियाएं तरल माध्यम में होती हैं 
कमी होने पर यकृत (liver)  सही तरीके से काम नहीं कर पाता 
जिससे पसीना कम निकलता है और शरीर का तापमान बढ़ जाता है |
इसके कारण शरीर के विकार नहीं निकल पाते जिससे रक्त विषाक्त होता है |
जिससे मृत्यु भी हो सकती है 
( स्वाद यौगिक (flavour compounds ) 
स्वाद और गंध के लिए use 
जैसे : बिना कैलोरी वाली मीठी चीनी 
ये हमारे लिए हानिकारक भी हो सकते हैं 
इसलिए प्राकृतिक स्वाद ही अच्छा होता है  
( रंग  यौगिक (colour  compounds ) 
हर खाद्य पदार्थ का अपना एक रंग होता है 
बाज़ार में इन्हें अच्छे दाम में बेचने के लिए कई बार इन पर chemical colour भी चढ़ा दिया जाता है 
ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं 

भार नियंत्रण- Weight control 

Healthy weight 
वह भार जिस पर व्यक्ति बिना किसी बीमारी के भय के जीवन व्यतीत कर सकता है |
National institute of health  के अनुसार 19 से 25 B.M.I  के बीच स्वस्थ भार होता है |
25 – 29 BMI अधिक भार 
30 BMI  से अधिक मोटापा ग्रस्त   
BODY MASS INDEX  - मापने की विधि  
BMI – BODY WEIGHT / BODY HEIGHT X BODY HEIGHT 
( भार नियंत्रण उपाय )
दैनिक कैलोरी उपभोग को कम करें 
 Active lifestyle 
 Avoid fatty foods 
 Exercise 
 Avoid alchohol 
 Avoid rich  carbs  (chocolates, मिठाई )

अल्पाहार- (dieting )

बहुत से खिलाड़ी तथा व्यक्ति पतले होने की इच्छा में अपना खाना पीना बहुत ज्यादा कम कर देते हैं 
तथा बहुत बार तो रोटी तक खाना छोड़ देते हैं इसका बहुत बुरा प्रभाव उनके शरीर पर पड़ता है
तथा इससे उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमीं हो जाती है
और वे लोग कुपोषण का शिकार बन जाते हैं |  
( अल्पाहार (dieting) के नुकसान )
रक्त से जुड़े विकार
नेत्र से जुड़े विकार
सूखापन
याद करने की शक्ति में कमीं  
( रक्त से जुड़े विकार )
ज़रूरत से ज्यादा dieting करने से हमारे शरीर में खून की कमीं हो जाती है 
तथा बहुत सारे रक्त से जुड़े विकार तथा बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है
और रक्तहीनता भी बढ़ जाती है |
( नेत्र से जुड़े विकार )
Dieting करते समय मनुष्य अपना खाना पीना छोड़ देता है 
जिसके कारण उसके शरीर को बहुत नुकसान पहुँचता है
और उसे आँखों से जुडी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है |  
( सूखापन)
अगर कोई व्यक्ति बिना मार्गदर्शन के डाइटिंग करता है , तो इससे उस व्यक्ति को बहुत से नुकसान हो सकते हैं |
जैसे की व्यक्ति को सूखेपन का रोग हो सकता है और 
उसके चेहरे पर झुर्रियां पड़ सकती हैं |  
( याद करने की शक्ति में कमीं  )
अगर कोई व्यक्ति हद से ज्यादा डाइटिंग करता है तो उस व्यक्ति की स्मरण शक्ति जिसे याद करने की शक्ति भी कहा जाता है|
उसमे कमीं आ सकती है और उस व्यक्ति को भूलने की बीमारी हो सकती है |

खाद्य सहिष्णुता- Food intolorence

शरीर की वह स्थिति जब हमारा शरीर भोजन के विशेष तत्वों को अवशोषित करना बंद कर दे |
इसका मुख्य कारण  - किसी विशेष तत्व से एलर्जी 
कई बार जरुर से अधिक खाने पर भी ऐसा हो सकता है  
हमेशा fresh खाना ही खाएं 
तले हुए खाने का परहेज़ करें 
उचित मात्रा में पानी पीयें 
जरूरत से ज्यादा भोजन न करें 
( लक्षण )
 सिरदर्द 
 उलटी 
 दस्त / गैस 
 मितली   (nausea)
 सीने में जलन / एसिडिटी 

भोजन संबंधी मिथक- Myths

खाद्य मिथक भ्रम फ़ैलाने वाली जानकारियाँ होती हैं ,
 जो भोजन से और खाने की चीज़ों से सम्बन्धित होती हैं
जैसे : खाते समय पानी नहीं पीना चाहिए |
मीठा खाने से sugar की बीमारी हो सकती है  |
मछली खाने के बाद दूध न पियें |
heavy breakfast  नहीं करना चाहिए 
देसी घी नहीं खाना चाहिए 
vegetarian  लोग body नहीं बना सकते 

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