असगर वजाहत- चार हाथ ( Antra ) गद्य खण्ड- अंतरा- Summary
INTRODUCTION
यह लघुकथा पूंजीपतियों द्वारा मजदूरों के शोषण को उजागर करती है।
पूंजीपति अपने लाभ में वृद्धि करने के लिए नए नए तरीकों को अपनाते हैं |
अपने लाभ के लिए वे मजदूरों का शोषण करते हैं |
( मजदूरों का शोषण )
1- पूंजीपति अपने लाभ के लिए मजदूरों का शोषण करते हैं और कई बार उनके
स्वाभिमान को भी ठेस पहुंचाते हैं, मजदूर अपनी निर्धनता और मज़बूरी के
कारण विरोध की स्थिति में नहीं होते |
2- मजदूर विवशता के कारण आधी मजदूरी में भी काम करने को राजी हो जाते हैं।
( मजदूरों के चार हाथ )
1- एक मिल मालिक ने अपना मुनाफा बढ़ने के लिए, मिल के मजदूरों के चार हाथ
लगाने की एक योजना बनार्थी |
2- मिल मालिक ने बड़े बड़े वैज्ञानिकों को अच्छी कीमत देकर नौकरी पर रखा |
3- इस काम में वैज्ञानिकों के असफल होने पर उसने यह कार्य स्वयं करने का
निश्चय किया |
4- मिल मालिक ने कटे हुए हाथ मजदूरों के फिट करने चाहे परन्तु वह असफल रहा
एवं उसके इस प्रयास से बहुत सारे मजदूरों की मत्यु भी हो गयी |
5- चार हाथ न लगा पाने की स्थिति में मिल मालिक की समझ में यह बात आयी
की मजदूरों का वेतन आधा कर दो और दुगने मजदूर काम पर रख लो |
6- इससे मुनाफा वैसे ही दुगना हो जायेगा |
7- यह कार्य भी मजदूरों के चार हाथ लगाने जैसा ही होगा |