Geography ( भुगोल ) Class 10th Chapter- 2nd ( कृषि ) ( Agriculture ) Notes in Hindi

Geography ( भुगोल ) Class 10th Chapter- 2nd ( कृषि  ) ( Agriculture ) Notes in Hindi

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. कौन सी फसल मानसून के आरंभ होने पर बोई जाती है और सितम्बर - अक्टूबर में काट ली जाती है? 
उत्तर : खरीफ की फसलें । 

प्रश्न 2. दो शुष्क फसलों के नाम लिखो
 उत्तर : ( i ) ज्वार, ( ii ) बाजरा । 

प्रश्न 3. उत्तर और उत्तरी - पश्चिमी भारत में कौन सी प्रमुख खाद्य फसल है ?
 उत्तर : गेहूँ । 

प्रश्न 4. किस राज्य में भौगोलिक क्षेत्र ( Geographical area ) में शुद्ध बोए गए क्षेत्र ( net sown area ) का अनुपात अधिक है ?
 उत्तर : पंजाब ( 84 % ) में । 

प्रश्न 5. कौन - सा राज्य भारत में गेहूँ का सबसे बड़ा उत्पादक 
उत्तर : उत्तर प्रदेश । 

प्रश्न 6. किस राज्य में भौगोलिक क्षेत्र में शुद्ध बोए गए क्षेत्र का अनुपात कम है ?
 उत्तर : अरुणाचल प्रदेश ( 3.4 % ) । 

प्रश्न 7. रबी की फसलें कब बोई जाती हैं और इनको कब काटा जाता है ? रबी की मुख्य फसलें कौन - सी हैं ? 
उत्तर : रबी की फसलें नवम्बर में बोई जाती अप्रैल - मई में काट ली जाती हैं । गेहूँ , चना और सरसों तथा तोरिया जैसे तिलहन रबी की मुख्य फसलें हैं । 

प्रश्न 8. रोपण कृषि क्या है ? ( V. Imp . ) 
उत्तर : यह एक विशेष प्रकार की वृक्ष अथवा झाड़ी कृषि है जिसका प्रचलन अंग्रेजों ने 19 वीं शताब्दी में शुरू किया । रबड़, चाय, कहवा, नारियल और फलों की फसलें जैसे सेब, अंगूर, संतरा आदि फसलें इसमें उगाई जाती हैं अत्यधिक पूँजी का विनियोग तथा कृषि और व्यापार में अति आधुनिक प्रौद्योगिकी की तकनीक अपनाई जाती है । यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का मुख्य साधन है । 

प्रश्न 9 भारत में तीन महत्त्वपूर्ण गेहूँ उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए ।
 उत्तर : भारत के मुख्य गेहूँ उत्पादक राज्य - पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश हैं ।

प्रश्न 10. वाणिज्यिक कृषि का एक लक्षण बताएँ ।
उत्तर : वाणिज्यिक कृषि का मुख्य लक्षण आधुनिक निवेशों जैसे अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से उच्च पैदावार प्राप्त करना है । 

लघु उत्तरात्मत प्रश्न

प्रश्न 1. वाणिज्यिक कृषि तथा रोपण कृषि   में अंतर बताये
उत्तर: वाणिज्यिक कृषि (commercial agriculture) 
1. फसलों व्यापार की दृष्टि से बोई जाती ।
 2. अधिक उपज लेने के लिये वैज्ञानिक विधि और तकनीक का प्रयोग किया 
3. चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मसाले, कपास, जूट आदि प्रमुख फसलें हैं । 
रोपण कृषि (plantation agriculture) 
1. केवल एक प्रकार की फसल व्यवसायिक स्तर पर या कारखाने में किए जाने वाले  निर्माण की दृष्टि से उगाई जाती है ।
2. बड़े क्षेत्र पर बड़ी मात्रा  में पूंजी लगाकर  कृषि की जाती है । सस्ता श्रम, परिवहन सुविधा  प्रणाली तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार इसकी विशेषताएँ हैं ।
3 . रबर, चाय, कहव, कोक, गन्ना आदि प्रमुख फसलें हैं।

प्रश्न 2. आदिकालीन निर्वाह कृषि तथा गहन निर्वाह कृषि में अंतर बतायें ।
 उत्तर : आदिकालीन निर्वाह कृषि ( ( Primitive subsistence Agriculture ) 
1. यह भूमि के छोटे टुकड़ों पर की जाती है
2. प्राचीन औजारों जैसे , कुदाली , हँसिया , खुरपा आदि तथा परिवार के सदस्यों के साथ की जाती है । 
3. इस प्रकार की कृषि में किसान वर्षा और मृदा की उर्वरा शक्ति पर निर्भर करते है । 
4. इस प्रकार की कृषि में उत्पादन कम होता है । 
गहन निर्वाह कृषि ( Intensive Subsistence Agriculture )
 1. यह बड़े फार्मों पर की जाती है ।
 2. आधुनिक मशीनों, उच्च उत्पादकता घाले बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक आदि का उपयोग किया जाता है ।
 3. गहन निर्वाह कृषि में सिंचाई के लिए नलकूप और नहरे उपयोग में आती हैं ।
 4. इसमें उत्पादन अधिक होता है । 

प्रश्न 3. रबी और खरीफ की फसलों में अन्तर बताओ । उत्तर : खरीफ फसल ( Kharif Crop ) 
1. यह मानसून के प्रारंभ पर बोई जाती है ।
2. जून या जुलाई के पहले सप्ताह में बीज बोया जाता है ।
3. फसल सितंबर या अक्टूबर में काट ली जाती है ।
4. फसलें मानसून पर निर्भर करती है ।
5. चावल, मोटा अनाज, मवका, मूंगफली, कपास, जूट तथा दालें इस मौसम में उगाई जाती है । 
रबी फसल ( Rabi Crop ) 
1. यह अक्टूबर में मानसून की समाप्ति पर आरंभ होती है 
2. बीज का बोया जाना अक्टूबर- नवंबर में आरंभ होता है।
3. फसलें अप्रैल और मई में काट ली जाती हैं । 
4. फसलें मृदा की नगी पर निर्भर करती हैं । 
5. गेहूँ, चना तथा तिलहन से सरसों आदि इस पातु में उगाए जाते हैं । 

प्रश्न 4 . शुष्क भूमि कृषि और आर्द भूमि कृषि में अंतर बतायें । 
उत्तर: शुष्क भूमि कृषि  ( Dry Land Agriculture )
1. वह कृषि, है जिसमें विशेष प्रकार की फसलों जिनमें आर्दता बनी रहती है, उगाई जाती हैं ।
2.वह कृषि सिंचाई पर निर्भर करती है । 
3.यह देश के शुष्क भागों में की जाती है।
4. पाना, ज्वार, बाजरा आदि पैदा किया जाता है । 
आर्द भूमि कृषि(wet land agriculture) 
1. आर्द  भूमि कृषि यह कृषि है जो मुख्यतः वर्षा पर निर्भर करती है ।
2. इस प्रकार की खेती उत्तरी - पूर्वी भारत में की जाती है । 
3. इसके लिए सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती । 
4. इस प्रकार की कृषि में चावल, जूट, सरसों आदि उगाई जाती है । 

प्रश्न 5. वाणिज्यिक कृषि और निर्वाह कृषि में अंतर बतायें। 
उत्तर : 1.फसलें बड़े पैमाने पर निर्यात की दृष्टि से पैदा की जाती  है । केवल नकदी फसलें जैसे गन्ना, रबर, चाय आदि ।
2. खेतों का आकार बड़ा होता है । 
3. आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधि से कृषि की जाती है । 
4. यह मुख्य रूप से गुजरात, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र में की जाती है । 
निर्वाह कृषि( Subsistence Crops ) 
1. किसान तथा उसका परिवार अपने लिये अनाज उत्पन्न करता है । केवल खाद्यान्न उगाए जाते हैं ।
2 खेतों का आकार छोटा और बिखरा होता है । 
3. यह श्रम प्रधान कृषि।
4. यह भारत के कई पिछड़े भागों में अब भी की जाती है । 

प्रश्न6. खाद्यान्न उत्पादन में लगातार गिरावट के कारण लिखिए? 
खाद्यान्न उत्पादन में लगातार गिरावट के कारण । 
( 1 ) भूमि निम्नीकरणा 
( 2) भूमिगत जल का अति उपयोग जिससे जलसोत में जल को कमी का होना । 
( 3) वितरण पर प्रभाय ।
( 4 ) अपर्याप्त भंडारण तथा बाजार सुविधायें । 
( 5 ) उच्च उत्पादक बीजों का अधिक मूल्य । 
( 6) फसल कटने के बाद तुरंत अनाज का बाजार में पहुंचना जिससे कालाबाजारी आरंभ हो जाती है । 

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. भारत में चावल उत्पादन के लिए चार प्रमुख विशेषताएँ लिखिए?  ( M. Imp . ) 
उत्तर: भारत में चावल उत्पादन के लिए चार प्रमुख  characteristics of rice cultivation in India ) : 1. चावल भारत में खरीफ की महत्त्वपूर्ण फसल है । यह भारत में सर्वाधिक लोगों का खाद्यान्न है ।
2. यह गर्म और आर्द्र जलवायु में अधिक उत्पन्न होता है । इसके लिए उच्च तापमान लगभग 25 ° सेल्सियस और 100 सेमी . वर्षा की आवश्यकता होती है ।
3. भारत में प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं- तटीय प्रदेश, गंगा का मैदान, ब्रह्मपुत्र घाटी, गोदावरी डेल्टा । उच्च उत्पादकता वाले बीज, उन्नत पौध तकनीक, सिंचाई सुविधाएँ तथा खाद के उपयोग द्वारा भारत चावल का उत्पादन बढ़ाने में सफल रहा है ।
4. नहरी सिंचाई और नलकूप के सघन जाल ने कम वर्षा वाले क्षेत्रों में चावल उत्पादन करने में संभव बना दिया है, जैसे पंजाब, हरियाणा अदि में ।

प्रश्न 2. भारत में कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए सरकार के द्वारा किए गए कोई चार संस्थागत सुधारों को स्पष्ट कीजिए।
 उत्तर : ( 1 ) भूमि पर पुश्तैनी अधिकार के कारण यह टुकड़ों में बँटती जा रही थी जिसकी चकबंदी करना अनिवार्य था । इसलिए देश में संस्थागत सुधार करने के लिए जोतों की चकबंदी, सहकारिता तथा जमींदारी आदि समाप्त करने को प्राथमिकता दी गई ।
( 2 ) पैकेज टेक्नोलॉजी पर आधारित हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति ( ऑपरेशन फ्लड ) जैसी कृषि सुधार के लिए कुछ रणनीतियाँ आरंभ की गई थीं ।
( 3 ) भूमि विकास कार्यक्रम शुरू किया गया । इस दिशा में उठाए गए कुछ महत्त्वपूर्ण कदमों में सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग तथा बीमारी के लिए फसल बीमा के प्रावधान और किसानों को कम दर पर ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए ग्रामीण बैंकों, सहकारी समितियों और बैंकों की स्थापना सम्मिलित थे । 
( 4 ) किसानों के लाभ के लिए भारत सरकार ने ' किसान क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना ' ( पीएआईएस ) भी शुरू की ।
( 5 ) आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किसानों के लिए मौसम की जानकारी के बुलेटिन और कृषि कार्यक्रम प्रसारित किए गए । किसानों को बिचौलियों और दलालों के शोषण से बचाने के लिए न्यूनतम सहायता मूल्य और कुछ महत्वपूर्ण फसलों के लाभदायक खरीद मूल्यों की सरकार ने घोषणा की । 

    
प्रश्न 3. भारतीय कृपि में खाद्य उत्पादन में गिरावट क्यों आरंभ हुई ? हम इस समस्या पर कैसे नियंत्रण पा सकते हैं ? 
उत्तर : कारण ( Reasons ) : भारतीय कृषि में खाद्यान्नों की उत्पादन में गिरावट निम्न कारणों से आरंभ हुई :
 1. किसानों ने खाद्य फसलों के स्थान पर नकदी फसलों का उत्पादन आरंभ कर दिया । 
 2. खाद्य फसलों की कृषि का स्थान फल, सब्जी , तिलहन आदि की कृषि ने ले लिया । 
 3. किसानों ने पशुपालन आरंभ किया जिससे तुरंत आय होती। 
 4. अपनी आय बढ़ाने के लिए किसानों ने उद्यान कृषि को अपना लिया ।
 समस्या का हल ( Solution of Problem ) : इस समस्या को हल करने के लिए निम्न सुझाव हैं : 
 1. किसानों को खाद्य फसलों को उगाने के लिए आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए । 
 2. खाद्य फसलों के उत्पादन के लिए खाद आदि के लिए आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए । 
 3.  खाद्य फसलों का मूल्य फसल से पहले ही घोषित कर देना चाहिए जिससे किसानों को जानकारी हो जाए कि उन्हें अपनी फसल का क्या मूल्य मिलेगा ।  
 4. किसी प्राकृतिक आपदा आदि से फसल के नुकसान की स्थिति में पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए 

 प्रश्न 4. कृषि के महत्त्व का ध्यान रखते हुए भारत में कृषि के आधुनिकीकरण के लिए कई कदम उठाये हैं । 100 शब्दों में वर्णन करें ।
  उत्तर 1. संस्थागत सुधार ( Institutional Improvements ) : स्वतंत्रता के पश्चात् सरकार ने कई संस्थागत उपाय किए हैं । इसके लिए चकबंदी, सहकारिता को लागू किया गया तथा जमींदारी प्रथा को समाप्त        किया गया । 
  2. हरित तथा श्वेत क्रांति ( Green and White Revolutions ) : 1960 और 1970 के दशकों में कई भूमि सुधार कार्यक्रम चलाए गए । हरित क्रांति और श्वेत क्रांति ऐसे ही कार्यक्रम थे । :
  3. फसल बीमा तथा किसानों को ऋण सुविधा ( Crop Insurance and loan Facilities to farmers ) : 1980 और 1990 के दशकों में एक संक्षिप्त भूमि सुधार कार्यक्रम चलाया गया । सूखा, बाढ़, चक्रवात,     आग और बीमारी के लिए फसल बीमा का प्रस्ताव किया गया । सहकारी समितियों और बैंकों द्वारा किसानों को कम ब्याज पर ऋण प्रदान करना कुछ इसी प्रकार के कार्यक्रम थे ।
 4. किसान क्रेडिट कार्ड तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य ( Kisan Credit Card and Minimum Support Price ) : भारत सरकार द्वारा किसानों के लिये किसान क्रेडिट कार्ड तथा निजी दुर्घटना बीमा योजना जैसे कई कार्यक्रम चलाए गए । सरकार द्वारा प्रमुख फसलों जैसे गेहूँ, चावल और गन्ना आदि के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है ।

प्रश्न 5. हरित क्रांति मुख्यतः उत्तरी - पश्चिमी भारत तक ही क्यों सीमित रही ? चार कारण दीजिए ।
  उत्तर : हरित क्रांति अधिकतर उत्तरी - पश्चिमी भारत में ही सीमित रही क्योंकि यहाँ पर इसके लिए आवश्यक दशाएँ उपलब्ध थीं ।
    1. उपजाऊ दोमट मिट्टी ।
    2. उत्तरी भारत के विस्तृत जलोढ़ मैदान । 
    3. सदानीरा नदियों से निकलने वाली नहरों का जाल ।. कुएँ और नलकूप द्वारा सिंचाई । 
    4. आदर्श जलवायु की दशायें ।  
    5. लम्बा वर्धन काल । 
    6.  परिश्रमी और धनी किसान । उपरोक्त हरित क्रांति का श्रीगणेश पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी हुआ । 

प्रश्न 6. भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल उत्पादक क्यों नहीं है जबकि इसके पास चावल उत्पादन के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र है ? दो कारण दीजिए । ( V. Imp . )
उत्तर : 1. भारत में धान की पौध लगाने की पुरानी विधि रोपाई है जो हाथ से की जाती है । 
2. भारत में चावल की कृषि के लिये मशीनों का प्रयोग नहीं किया जाता जबकि चीन में मशीनों से चावल की कृषि की जाती है । इसलिए चीन में प्रति एकड़ पैदावार भारत से अधिक है । 
3. श्रम प्रधान तथा लंबी समय प्रक्रिया के कारण भारत में चावल का प्रति एकड़ उत्पादन कम है ।
4. भारत में रासायनिक खाद का उपयोग अभी लोकप्रिय नहीं हुआ है । उन्नत बीजों का प्रचलन भी कम है ।

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