Class 11th Geography Chapter- 16th Term- 2 ( जैव विविधता एवं संरक्षण ) Important question Book- 2nd

Class 11th Geography Chapter- 16th Term- 2 ( जैव विविधता एवं संरक्षण ) Important question Book- 2nd

1- जैव विविधता को किन तीन स्तरों पर समझा जा सकता है । समीक्षा कीजिए ।  ?

जैव विविधता को निम्नलिखित तीन स्तरों पर समझा जा सकता है ।

1. अनुवांशिक विविधता ( Genetic Biodiversity ) : -

अनुवांशिक जैव विविधता में किसी प्रजाति के जीवों का वर्णन किया जाता है । जीवन निर्माण के लिए जीन ( Gene ) एक मूलभूत इकाई है । किसी प्रजाति में जीव की विविधता ही अनुवांशिक जैव - विविधता है । 

2. प्रजातीय विविधता ( Species Biodiversity ) : - 

प्रजातीय विविधता किसी निर्धारित क्षेत्र में प्रजातियों की अनेक रूपता बताती है और प्रजातियों की संख्या से सम्बन्धित है । जिन क्षेत्रों में प्रजातीय विविधता अधिक होती है , उन्हे विविधता के हॉट - स्पॉट ( Hot Spots ) कहते हैं ।

3. पारितंत्रीय विविधता ( Eco System Diversity ) : - 

पारितंत्रीय विविधता पारितंत्रो की संख्या तथा उनके वितरण से सम्बन्धित है । पारितंत्रीय प्रक्रियाएं , आवास तथा स्थानों की भिन्नता ही पारितंत्रीय विविधता बनाते हैं ।

2- आई.यू.सी. एन . द्वारा पौधों व जीवों की प्रजातियों को उनके संरक्षण के उद्देश्य से कौन से तीन वर्गों में विभाजित किया गया है ।  

( 1 ) संकटापन प्रजातियां ( Endangered Species ) : - 

इसमें वे सभी प्रजातियाँ सम्मिलित हैं , जिनके लुप्त हो जाने का खतरा है । इंटरनेशनल यूनियन फॉर द कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचरल रिसोर्सेज ( आई यू सी एन ) विश्व की सभी संकटापन्न प्रजातियाँ के बारे में रेड लिस्ट ( Red List ) के नाम से सूचना प्रकाशित करता है ।

( 2 ) सूभेद्य प्रजातियां ( Vulnerable Species ) : -

इसमें वे सभी प्रजातियाँ सम्मिलित हैं , जिन्हें यदि संरक्षित नहीं किया गया या उनके विलुप्त होने में सहयोगी कारक यदि जारी रहे तो निकट भविष्य में उनके विलुप्त होने का खतरा है । इनकी संख्या अत्यधिक कम होने के कारण  इनका जीवित रहना सुनिश्चित नहीं है ।

( 3 ) दुर्लभ प्रजातियां ( Rare Species ) : -

संसार में इन प्रजातियों की संख्या बहुत कम है । ये प्रजातियाँ कुछ ही स्थानों पर सीमित हैं या बड़े क्षेत्र में विरल रूप से बिखरी हैं |

3- जैव विविधता के सम्मेलन में लिए गए संकल्पों में जैव - विविधता संरक्षण के कौन से उपाय सुझाए गए हैं किन्ही पांच को सूचीबद्ध करें ?  

( 1 ) संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिए ।

 ( 2 ) प्रजातियों को लुप्त होने से बचाने के लिए उचित योजनाएं व प्रबंधन अपेक्षित हैं । 

( 3 ) खाद्यानों की किस्में , चारे संबंधी पौधों की किस्में , इमारती लकड़ी के पेड़ , पशुधन , जंतु व उनकी वन्य प्रजातियों की किस्मों को संरक्षित करना चाहिए ।

 ( 4 ) प्रत्येक देश को वन्य जीवों के आवास को चिन्हित कर उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए ।

 ( 5 ) प्रजातियों के पलने - बढ़ने तथा विकसित होने के स्थान सुरक्षित व संरक्षित होने चाहिए ।

 ( 6 ) वन्य जीवों व पौधों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार , नियमों के अनुरूप हो ।

4- जैव - विविधता के महत्व को आर्थिक परिस्थितियों तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्पष्ट करें ।  

जैव विविधता का महत्व

जैव विविधता मनुष्य के अस्तित्व के लिए अत्यधिक आवश्यक है| यह सभी प्राणियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है| हमारी रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए जरूरी संसाधनों की प्राप्ति जैव विविधता ही कराती है| जैव विविधता हमारे संसार के जीवन का आधार है|

जैव विविधता का आर्थिक मूल्य

जैव विविधता से ही अत्याधिक उत्पादों की प्राप्ति होती है जिससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ मिलता है, उद्योगों के लिए कच्चा माल जैव विविधता से प्राप्त होता है, आयुर्वेदिक दवाइयों के लिए जैव विविधता महत्वपूर्ण है, इमारती लकड़ियों को हम जैव विविधता से ही प्राप्त करते हैं

जैव विविधता का सामाजिक मूल्य

जैव - विविधता को एक बड़े पैमाने पर पारंपरिक समाजों ने संभाल कर रखा है जंगलों में निवास करने वाले आदिवासी जंगल की पूजा करते हैं पेड़-पौधों और जंगली जानवरों की रक्षा करते हैं यह समाज जंगल को अपने अभिन्न अंग के रूप में देखते हैं इन्होंने जैव विविधता का हास होने से बचाया है भारत में पेड़-पौधों नदियों जीव जंतुओं को पवित्र मानकर उनकी पूजा की जाती है जैसे - तुलसी ,पीपल , गंगा नदी, गाय , सांप आदि

वैज्ञानिक महत्त्व :- वैज्ञानिकों के अध्ययनों से वर्तमान में मिलने वाली जैव प्रजाति से हम यह जान सकते हैं कि जीवन का आरम्भ कैसे हुआ तथा भविष्य में यह कैसे विकसित होगा? पारितंत्र को कायम रखने में प्रत्येक प्रजाति की भूमिका का मूल्यांकन भी जैव-विविधता के अध्ययन से किया जा सकता है।

5- भारत सरकार ने विभिन्न प्रकार की प्रजातियों को बचाने , संरक्षित करने तथा उनके विस्तार के लिए कौन से उपाय किए हैं ? 

भारत सरकार ने प्राकृतिक सीमाओं के भीतर विभिन्न प्रकार की प्रजातियों को बचाने , संरक्षित करने तथा उनके विस्तार के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं : 

( 1 ) वन्य जीवन सुरक्षा अधिनियम 1972 पारित किया है । जिसके अंतर्गत नेशनल पार्क , पशुविहार स्थापित किए हैं ।

( 2 ) जीवमंडल आरक्षित क्षेत्रों ( Biosphere Reserves ) की घोषणा की गई है जहाँ वन्य जीव अपने प्राकृतिक आवास में निर्भय होकर रह सकते हैं । तथा प्रजाति का विकास कर सकते हैं ।

6- जैव विविधता के विनाश के क्या कारण हैं ? 

जैव विविधता विनाश के निम्नलिखित कारण हैं : 

  1. आवास मे परिवर्तन
  2. जनसंख्या में वृद्धि 
  3. प्रदूषण
  4. वनों का अतिदोहन 
  5. शिकार
  6.  बाढ़ व भूकंप आदि

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