Class 12th History Chapter 11th ( Term- 2 ) विद्रोही और राज- Important Questions

Class 12th History Chapter 11th ( Term- 2 )  विद्रोही और राज- Important Questions

 1857 के विद्रोह की शुरुआत कब और कहां से हुई थी ?

  • 1857 का विद्रोह 10 मई 1857 की दोपहर बाद मेरठ से शुरू हुआ
  • इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नाम से भी जाना जाता है

मेरठ के बाद विद्रोही कहां गए थे ?

  • विद्रोही 11 मई 1857 को तड़के लाल किले ( दिल्ली ) अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह के पास पहुंच गए थे

विद्रोहियों ने अपनी कार्यवाही किस विशेष संकेत के साथ शुरू की ?

  • सिपाहियों ने किसी ना किसी विशेष संकेत के साथ अपनी कार्यवाही शुरू की थी
  • शाम के समय तोप का गोला दागा गया 
  • कहीं बिगुल बजाकर विद्रोह का संकेत दिया गया

लखनऊ , कानपुर और बरेली जैसे बड़े शहरों में साहूकार और अमीर भी विद्रोहियों के गुस्से का शिकार क्यों बने ?

  • क्योंकि किसान इन लोगों को अंग्रेजो का पिट्ठू मानते थे यह लोग किसानों का शोषण करते थे

मई - जून 1857 में अंग्रेजों के पास विद्रोहियों की कार्यवाही का कोई जवाब क्यों नहीं था ?

( अथवा )

ब्रिटिश शासन ताश के किले की तरह बिखर गया  इस कथन को स्पष्ट कीजिये  ?

  • क्योंकि 1857 के विद्रोह ने जल्द ही एक चौतरफा विद्रोह का रूप ले लिया था 
  • शासन की सत्ता और नियमों की सरेआम अवहेलना होने लगी थी 
  • मई - जून के महीने में अंग्रेजों के पास विद्रोहियों की कार्यवाही का कोई जवाब नहीं था 
  • अंग्रेज अपनी जिंदगी और घर - बार बचाने में फंसे हुए थे 
  • एक अंग्रेज अफसर ने लिखा - ब्रिटिश शासन ताश के किले की तरह बिखर गया

रेजिडेंट कौन थे ?

  • रेजिडेंट गवर्नर जनरल के प्रतिनिधि को कहा जाता था 
  • उसे ऐसे राज्य में तैनात किया जाता था जो अंग्रेजों के प्रत्यक्ष शासन के अंतर्गत नहीं था

सहायक संधि कब और किसके द्वारा तैयार की गई योजना थी ?

  • सहायक संधि लॉर्ड वेलेजली द्वारा 1798 में तैयार की गई एक व्यवस्था थी

विद्रोह के दौरान अवध मिलिट्री पुलिस का प्रमुख कौन था ?

  • विद्रोह के दौरान अवध मिलिट्री पुलिस का प्रमुख कैप्टन हियर्से थे
  • इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सिपाहियों पर थी 

1857 के प्रारंभ में उत्तर भारत में कौन सी अफवाह फैली थी ?

  • एनफील्ड राइफल्स के कारतूस में  गाय और सूअर की चर्बी का लेप लगा था 
  • अंग्रेजों ने बाजार में मिलने वाले आटे में गाय और सूअर की हड्डियों का चूरा मिलवा दिया है

अवध पर सहायक संधि कब थोपी गई थी ? 

  • 1801 में अवध पर सहायक संधि थोपी गई थी ,  इस संधि में शर्त थी कि नवाब अपनी सेना खत्म कर दे 
  • रियासत में अंग्रेज टुकड़ियों को तैनाती की इजाजत दें 
  • और दरबार में मौजूद ब्रिटिश रेजीडेंट की सहायता पर काम करें

अवध को बंगाल आर्मी की पौधशाला क्यों कहा जाता था ?

  • बंगाल आर्मी के सिपाहियों में बहुत सारे अवध और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांव से भर्ती होकर आए थे 
  • उनमें से बहुत सारे ब्राह्मण या ऊंची जाति के थे

1857 के विद्रोह के प्रमुख कारण क्या थे ?

( राजनीतिक कारण )

  • अंग्रेजों द्वारा कई राजाओं के राज्य हड़प लिए गए
  • लॉर्ड वेलेजली और लॉर्ड डलहौजी ने विस्तारवादी नीतियों के अंतर्गत भारतीय शासकों के राज्य छीन लिए 
  • अंग्रेजी सरकार ने निःसंतान शासकों द्वारा बच्चे गोद लिए जाने की परंपरा को अवैध घोषित कर उनके राज्यों पर कब्जा किया 
  • अंग्रेजों का अत्याचार जनता पर काफी था

( धार्मिक कारण )

  • ईसाई मिशनरियों ने भारत में ईसाई धर्म प्रसार हेतु लालच देकर लोगों का धर्म परिवर्तन किया 
  • ईसाई धर्म स्वीकार करने वालों को नौकरियां दी जाती थी 
  • एक कानून यह भी बना दिया गया कि ईसाई धर्म स्वीकार करने वालों को पैतृक संपत्ति में भी हिस्सा दिलवा दिया जाएगा यह हिंदू धर्म एवं कानून पर खुला प्रहार था
  • अंग्रेज सरकार ने भारतीय सैनिकों को गाय और सुअर की चर्बी चढ़े कारतूस दिए जिन्हें मुंह से काटना पड़ता था इससे सैनिकों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंची

( सामाजिक कारण )

  • अंग्रेजों ने बाल विवाह, सती प्रथा, तथा पर्दा प्रथा पर रोक लगा दी तथा विधवा विवाह शुरू करा दिया जिससे हिंदूओं - मुसलमानों की सामाजिक मान्यताओं को चोट पहुंची उनके मन में विद्रोह की भावना पनपने लगी 
  • पाश्चात्य शिक्षा के आने से भारतीयों की रुचि परंपरागत शिक्षा प्रणाली से हटने लगी
  • अंग्रेज अधिकारी भारतीयों के प्रति तिरस्कार पूर्ण दृष्टिकोण रखते थे उनसे अपमानजनक व्यवहार करते थे

( आर्थिक कारण )

  • अंग्रेजों ने जागीरदारों की जागीर छीन ली,  जमींदारों की जमीनों की नीलामी करवा दी 
  • भू - राजस्व बढ़ा दिया 
  • अंग्रेजों ने अपने यहां बने माल की खपत हेतु भारत पर कब्जा किया था उससे उनका व्यापार तो फल - फूल रहा था लेकिन भारतीय उद्योग धंधे को चौपट कर दिया 
  • शिक्षित भारतीयों को अंग्रेजों के समान उच्च पद तथा सम्मान नहीं दिया जाता था
  • भारत के आर्थिक शोषण ने समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया तथा उनमें असंतोष की भावना भर दी

( सैनिक कारण )

  • सेना में अंग्रेज सैनिकों तथा भारतीय सैनिकों के बीच भेदभाव किया जाता था 
  • भारतीय सैनिकों को निम्न पद दिए जाते थे 
  • भारतीय सैनिकों को अंग्रेजों की अपेक्षा कम वेतन दिया जाता था
  • उन्हें जानबूझकर चर्बी लगे कारतूस प्रयोग हेतु दिए गए थे

( विद्रोह के तात्कालिक कारण )

  • सैनिकों के बीच यह अफवाह फ़ैल गई थी कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी मिली हुई है जिससे हिंदू और मुस्लिम सैनिकों में भयंकर रोष उत्पन्न हो गया
  • भारतीयों को यह लगा कि अंग्रेज उनका धर्म भ्रष्ट कर के उन्हें ईसाई बनाना चाहते हैं

1857 के विद्रोह की असफलता के प्रमुख कारण बताइए ?

( योग्य नेतृत्व का अभाव )

  • विद्रोह की असफलता का प्रमुख कारण योग्य नेतृत्व का अभाव है 
  • विद्रोही नेता एकजुट एवं संगठित होकर विद्रोहियों का नेतृत्व नहीं कर सके 
  • विद्रोह के प्रमुख नेता अपने अपनी इच्छा अनुसार एवं अपने - अपने राज्यों की रक्षा करने में व्यस्त रहें

( विद्रोह का सीमित जगह पर होना )

  • विद्रोह के स्थानीय एवं सीमित स्वरूप ने भी इसकी असफलता में योगदान दिया 
  • यह विद्रोह उत्तरी एवं मध्य भारत के कुछ हिस्सों तक ही सीमित रह गया 
  • इस क्रांति का असर दिल्ली, मेरठ ,कानपुर ,लखनऊ ,झांसी ,ग्वालियर, बिहार आदि के स्थानों में ही अधिक दिखा I देश के एक बहुत बड़े भाग बंगाल ,पंजाब, कश्मीर ,उड़ीसा एवं दक्षिण भारत में यह क्रांति नहीं फैल पाई 
  • अंग्रेजों ने सीमित क्षेत्र होने के कारण इस विद्रोह को कुचल दिया

( भारतीय राजा और सामंत की गद्दारी )

  • 1857 के विद्रोह में कई भारतीय राजाओं और सामंतों ने अंग्रेजों का साथ दिया 
  • यह सामंत कंपनी के प्रति अधिक वफादार थे

( विद्रोहियों के पास सीमित साधन )

  • अंग्रेजों की तुलना में विद्रोहियों के पास साधन कम थे 
  • उनके पास धन, जन एवं शस्त्रों का अभाव था 
  • विद्रोह में जितने भी राजा और जमींदारों ने भाग लिया वे छोटे सामंत थे 
  • जिनकी शक्ति और साधन पहले से ही अंग्रेजों ने सीमित कर दिए थे

( मजबूत संगठन का अभाव )

  • 1857 का विद्रोह बिना किसी पूर्व निश्चित योजना के ही शुरू हो गया था 
  • क्रांति के कुछ प्रमुख नेता घूम-घूम कर जनता को अपने साथ कर रहे थे 
  • लेकिन फिर भी उनके पास कोई ठोस संगठन नहीं था

( सबके उद्देश्य अलग होना )

  • क्रांतिकारियों का कोई निश्चित उद्देश्य नहीं था 
  • विद्रोह में भाग लेने वाले लोग अलग-अलग वर्ग से थे 
  • जो अपने स्वार्थों की पूर्ति हेतु इसमें शामिल हुए थे 
  • उनके सामने यह निश्चित नहीं था कि क्रांति की सफलता के बाद वो क्या करेंगे 
  • सैनिकों का भी कोई निश्चित उद्देश्य नहीं था

( जन समर्थन का अभाव )

  • क्रांति की असफलता का एक मुख्य कारण जन सहयोग का अभाव था 
  • भारतीय समाज का उच्च एवं मध्यम शिक्षित वर्ग तथा धनी तबके के लोग इससे अलग रहे 
  • व्यापारी विद्रोहियों के खिलाफ थे बहुत से सामंत अपनी जमींदारी पर अधिकार करने के पश्चात क्रांति से अलग हो गए 
  • इस तरह विद्रोहियों को व्यापक जन समर्थन प्राप्त नहीं हो सका

( अंग्रेजों की अनुकूल परिस्थिति तथा सैन्य संचालन )

  • जिस समय 1857 का विद्रोह हुआ उस समय अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां अंग्रेजों के अनुकूल थी 
  • विद्रोहियों को सहायता देने वाला कोई विदेशी शासक भी नहीं था 
  • ऐसी स्थिति में अंग्रेज आसानी से विद्रोहियों पर काबू पा सके 
  • अंग्रेजों के सेनापति भी सैन्य संचालन में कुशल थे उनके पास आधुनिक हथियार थे 
  • इस प्रकार अंग्रेजों ने विद्रोह को कुचल दिया गया

( राष्ट्रीयता की भावना का अभाव )

  • 1857 के विद्रोह के समय तक भारत में राष्ट्रीयता की भावना का विकास नहीं हो सका था 
  • अंग्रेजी शासन के विरुद्ध असंतोष जरूर था लेकिन यह असंतोष एक व्यापक राष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त नहीं कर सका 

विद्रोही क्या चाहते थे ? विभिन्न सामाजिक समूहों की दृष्टि में कितना फर्क था ?

  • 1857 का विद्रोह एक ऐसा विद्रोह था जिसने अंग्रेजों की नींव को हिला कर रख दिया था 
  • यह विद्रोह सैनिक विद्रोह से शुरू हुआ था लेकिन धीरे-धीरे यह राष्ट्रीय विद्रोह बन गया 
  • समाज के अन्य वर्ग के लोग भी इसमें शामिल होने लग गए थे 
  • विद्रोही जानते थे कि समाज का प्रत्येक वर्ग किसी ना किसी रूप से अंग्रेजों के शोषण का सामना कर रहा है इसलिए उन्होंने एकता और समन्वय की भावना उत्पन्न करने का प्रयास किया 
  • इसमें अलग-अलग वर्ग के लोग शामिल थे इसलिए उनका स्वार्थ भी अलग - अलग था 

विभिन्न सामाजिक समूहों की दृष्टि में कितना फर्क था ?

( शासक वर्ग  )

  • इस विद्रोह में सैनिकों के आह्वान पर बहादुर शाह जफर, नानासाहेब, कुवर सिंह , लक्ष्मीबाई आदि 
  • शासकों ने अपना नेतृत्व प्रदान किया 
  • लेकिन इनके विद्रोह में शामिल होने का उद्देश्य खोई हुई सत्ता को पुनः प्राप्त करना था

(जमीदार और तालुकदार वर्ग )

  • अंग्रेजी सरकार ने तालुकदार वर्ग के भूभाग तथा संपदा छीन ली 
  • तथा जमींदार  की जमीनें नीलाम कर दी थी 
  • इसलिए वह अंग्रेजी राज को समाप्त करके अपनी संपदाओं को दोबारा प्राप्त करना चाहते थे

( किसान वर्ग )

  • किसान अंग्रेजों के शोषण का शिकार हो रहे थे 
  • उन्हें उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा था 
  • उनसे अधिक कर लिया जाता था 
  • उनकी फसलों के उचित मूल्य नहीं मिलते थे 
  • किसान साहूकारों तथा ऋणदाताओं के चंगुल में फंस जाते थे

( व्यापारी वर्ग )

  • अंग्रेजी सरकार ने कीमती उद्योग को अपने हाथ में ले रखा था 
  • जिस के कारण व्यापारियों को छोटे - मोटे व्यापार करने पड़ रहे थे 
  • भारतीय उद्योग भी नष्ट हो रहे थे इसलिए व्यापारी अंग्रेजों का विरोध कर रहे थे

( धार्मिक नेता ( पंडित तथा मौलवी) 

  • पंडित और मौलवी भारत में ईसाई धर्म फैलाने के विरुद्ध थे 
  • वे मानते थे कि अंग्रेज भारतीय संस्कृति और सभ्यता को खत्म करके पश्चिमी सभ्यता का प्रचार कर रहे हैं 
  • और यहां के लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं

1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं में मुगल साम्राज्य के तहत विभिन्न समुदायों के बीच में सह-अस्तित्व के मूल्यों को महत्व दिया जाता था ? स्पष्ट कीजिए ?

( OR )

1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं के माध्यम से समाज के सभी वर्गों की एकता प्राप्ति का अनुमान कैसे लगाया था ? स्पष्ट कीजिए ?

  • 1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं में जाति और धर्म के भेद किए बिना समाज के सभी वर्गों का आह्वान किया जाता था 
  • बहुत सारी घोषणाएं मुस्लिम राजकुमारों या नवाबों की तरफ से या उनके नाम से जारी की गई थी परंतु उनमें भी हिंदूओं की भावनाओं का ख्याल रखा जाता था 
  • इस विद्रोह को ऐसे युद्ध बताया गया जिसमें हिंदू और मुसलमानों दोनों का लाभ हानि बराबर था 
  • इश्तहारों में अंग्रेजों से पहले के हिंदू - मुस्लिम अतीत की ओर संकेत किया जाता था और मुगल साम्राज्य के तहत विभिन्न समुदायों के सह-अस्तित्व का गौरव गान किया जाता था

अंग्रेजों ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्या कदम उठाए ?

(OR )

1857 के विद्रोह का दमन किस प्रकार किया गया ?

  • अंग्रेजों ने इस विद्रोह को दबाने के लिए ब्रिटेन से बड़ी संख्या में सेना मंगवाई 
  • इस विद्रोह को दबाने के लिए अंग्रेजों ने कई ने कानून बना दिए 
  • भारत में मार्शल लॉ लागू कर दिया
  • फौजी अफसरों और आम अंग्रेजों को भी ऐसे हिंदुस्तानियों पर मुकदमा चलाने और उनको सजा देने का अधिकार दे दिया गया जिन पर विद्रोह में शामिल होने का शक था
  • विद्रोह की केवल एक ही सजा थी -  सजा-ए-मौत
  • नए कानूनों के तहत विद्रोही सैनिकों को पकड़कर तोप से उड़ा दिया गया

1857 के विद्रोह के बाद औपनिवेशिक शहरों के भवनों का स्वरूप किस प्रकार बदल दिया गया ?

  • 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने अपना घर स्थानीय देसी लोगों के घरों से अलग एक नई बस्ती का निर्माण कर उसमें बनाएं जिसे सिविल - लाइंस कहा गया 
  • इस बस्ती में सिर्फ अंग्रेजों को ही रहने का अधिकार था 
  • पुराने कस्बों के पास के चरागाह और खेतों को साफ कर दिया

1857 के विद्रोह के दौरान ब्रिटिश सरकार ने अवध के  ताल्लुकदारों की सत्ता किस प्रकार छीनी ?

  • अवध अधिग्रहण के बाद 1857 में ताल्लुकदारों को भी अपना सब कुछ छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया 
  • अवध के समस्त गांव में ताल्लुकदारों की जागीर और किले बिखरे हुए थे 
  • यह लोग पीढ़ियों से अपने क्षेत्रों में जमीन और सत्ता पर नियंत्रण रखते थे 
  • अंग्रेजों के आने से पहले ताल्लुकदारों के पास हथियारबंद सिपाही होते थे 
  • इनके पास अपने किले भी थे 
  • अंग्रेज इन ताल्लुकदारों की सत्ता को बर्दाश्त करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे 
  • इसलिए उन्होंने अधिग्रहण के तुरंत बाद ताल्लुकदारों की सेनाएं भंग कर दी तथा उनके किले ध्वस्त कर दिए 
  • ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणाली ने ताल्लुकदारों की हैसियत एवं सत्ता को नुकसान पहुंचाया 
  • अधिग्रहण के बाद एकमुश्त बंदोबस्त के नाम से ब्रिटिश भू - राजस्व व्यवस्था लागू कर दी गई 
  • यह बंदोबस्त इस मान्यता पर आधारित था कि तालुकदार बिचौलिए थे जिनके पास जमीन का मालिकाना हक नहीं था 
  • एकमुश्त बंदोबस्त लागू होने के बाद तालुकदार को उनकी जमीनों से बेदखल कर दिया गया 

सहायक संधि के तहत क्या शर्तें रखी गई थी ?

  • सहायक संधि लॉर्ड वेलेजली द्वारा 1798 में तैयार की गई एक व्यवस्था थी
  • सहायक संधि के तहत निम्न  शर्तें रखी गई थी -- 
  • अंग्रेज अपने सहयोगी की बाहरी और आंतरिक चुनौतियों से रक्षा करेंगे 
  • सहयोगी पक्ष के भू क्षेत्र में एक ब्रिटिश सैनिक टुकड़ी तैनात रहेगी 
  • सहयोगी पक्ष को इस टुकड़ी के रखरखाव की व्यवस्था करनी होगी 
  • सहयोगी पक्ष ना तो किसी और शासक के साथ संधि कर सकेगा और ना ही अंग्रेजों की अनुमति के बिना किसी युद्ध में हिस्सा लेगा

अवध पर अधिकार करने में अंग्रेजों की दिलचस्पी का मुख्य कारण क्या था ?

  • क्षेत्रीय विस्तार की जो प्रक्रिया बंगाल की जीत के साथ शुरू हुई थी 
  • वह 1856 में अवध के अधिग्रहण के साथ मुकम्मल होने वाली थी 
  • अवध की जमीन नील और कपास की खेती के लिए उत्तम थी 
  • इस इलाके को वे उत्तर भारत के एक बड़े व्यापार क्षेत्र के रूप में विकसित करना चाहते थे

1857 की क्रांति भड़काने में अफवाहों की महत्वपूर्ण भूमिका थी ?

(OR )

क्या अफवाह महत्वपूर्ण हो सकती है ? तर्क दीजिए ?

  • 1857 के विद्रोह के संदर्भ में अफवाहों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है क्योंकि जब विद्रोही सिपाही दिल्ली से मेरठ पहुंचे तो उन्होंने बहादुर शाह को बताया कि उन को दी जाने वाली बंदूक की कारतूस  पर गाय तथा सूअर की चर्बी लगी हुई है जिसके कारण उनका धर्म खतरे में आ रहा है 
  • अंग्रेज अधिकारियों ने सिपाहियों को यह समझाने का प्रयत्न किया कि ऐसा कुछ नहीं है लेकिन यह अफवाह तेजी से फैल चुकी थी 
  • एक और अफवाह में यह कहा गया कि अंग्रेजों ने बाजारों में बेचे जाने वाले आटे में सूअर तथा गाय की हड्डियों को पीसकर मिलवा दिया इन अफवाहों से लोगों में डर और रोष का माहौल उत्पन्न हुआ

“ कला , साहित्य और चित्रों ने 1857 की स्मृति को जीवित रखने में योगदान दिया “ कथन को भारतीय राष्ट्रवाद के संदर्भ में न्यायसंगत ठहराइए ?

  • कलाकारों और साहित्यकारों ने विद्रोही नेताओं को ऐसे नायकों के रूप में पेश किया जो देश के गौरव को बनाए रखने के लिए अपनी जान तक न्यौछावर करने को तैयार थे 
  • इन्होंने दमनकारी साम्राज्यवादी शासन के खिलाफ पूरी कौम को जागृत करते हुए अत्याचार और अन्याय के खिलाफ क्रान्ति  की 
  • साहित्यकारों ने इनके गौरव गान में कविताएं लिखी 
  • एक हाथ में घोड़े की रास और दूसरे हाथ में तलवार थामें रानी लक्ष्मीबाई के बारे में  सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता  बच्चे - बच्चे के मानस में समा जाती है 
  • “ खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी “  
  • दूसरी तरफ ब्रिटेन में छप रहे चित्रों में वहां की जनता विद्रोहियों को भयानक बर्बरता की शक्ल दे रही थी  और आम जनता के दिलों दिमाग में इस स्थिति के लिए इन स्वतंत्रता सेनानियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं 
  • भारत में राष्ट्रवादी चित्रों का सर्जन हो रहा है जो हमारी राष्ट्रवादी कल्पना को निर्धारित करने में मदद कर रहे हैं

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