Class 12th Political Science chapter- 9th ( Term- 2 ) वैश्वीकरण- Important questions
वैश्वीकरण का अर्थ बताइए ?
- वैश्वीकरण का अर्थ है प्रवाह
- प्रवाह कई तरह का हो सकता है.
- विचारो का एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुँच जाना.
- वस्तुओं का एक से अधिक देशों में पहुँचना.
- पूंजी का एक से ज्यादा जगह पर पहुँचना.
- बेहतर आजीविका की तलाश में लोगों की एक देश से दूसरे देश में आवाजाही.
वैश्वीकरण के कारण बताएं ?
- प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति
- टेलीफोन
- टेलीग्राफ़ का आविष्कार
- मुद्रण तकनीक ( छपाई तकनीक )
विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव से क्या अभिप्राय है ? इसके कौन – कौन से घटक हैं ?
- विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव से अभिप्राय विश्व के देशों का आपस में जुड़ना है आज विश्व वैश्वीकरण के कारण आपस में जुड़ गया है
- विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव के निम्नलिखित चार घटक है – जो प्रवाह के रूप में जाने जाते हैं
- विचारों का प्रवाह
- पूंजी का प्रवाह
- वस्तुओं का प्रवाह
- बेहतर आजीविका की तलाश में लोगों का प्रवाह
वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है ?
- वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है
- आज टेलीग्राफ, टेलीफोन और माइक्रोचिप आदि के नवीनतम आविष्कार के परिणाम स्वरुप विचार , पूंजी , वस्तु और लोगों की आवाजाही में बहुत आसानी हुई है
- जिससे वैश्वीकरण के प्रसार में सहायता मिली है
- इसके परिणाम स्वरूप आज विश्व के एक क्षेत्र में होने वाली घटना की न केवल जानकारी प्राप्त होती है बल्कि उसका प्रभाव अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ता है
- उदाहरण - बर्ड फ्लू अथवा सुनामी किसी एक राष्ट्र की हदों में सिमटी नहीं रहती
- यह घटनाएं राष्ट्रीय सीमाओं का जोर नहीं मानती
- ठीक इसी तरह जब बड़ी आर्थिक घटनाएं होती हैं तो उनका प्रभाव उनके मौजूदा स्थान अथवा क्षेत्रीय प्रवेश तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि विश्व भर में महसूस किया जाता है
- प्रौद्योगिकी की सहायता से आज खाद्य पदार्थ भी एक देश से दूसरे देश में आसानी से भेजे जा सकते हैं
- इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़ी सेवाओं के विस्तार से वस्तुओं और पूंजी के प्रवाह में तेजी आई है
- अब राज्यों में आधुनिक प्रौद्योगिकी मौजूद है जिसकी सहायता से राज्य अपने नागरिकों के बारे में सूचनाएं जुटा सकते हैं इस सूचना के दम पर राज्य ज्यादा कारगर ढंग से काम कर सकते हैं उनकी क्षमता बढ़ी है
वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव / परिणाम का वर्णन कीजिए ?
( अथवा )
वैश्वीकरण के संदर्भ में विकासशील देशों में राज्य की बदलती भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए ? ( 2012 )
( अथवा )
वैश्वीकरण की राजनीतिक परिणतियाँ क्या हुई है ?
- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण होती है
- क्योंकि इन देशों में गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव शिक्षा का अभाव जैसी कई समस्याएं विद्यमान होती हैं
- इन समस्याओं का समाधान करना राज्य का प्रथम कर्तव्य होता है
- इसीलिए राज्य का स्वरूप कल्याणकारी राज्य का होता है
- लेकिन वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप विकासशील देशों में राज्य की भूमिका में बदलाव आया है जो कि इस प्रकार है --
- राज्य की शक्ति में कमी आई है और कल्याणकारी राज्य की धारणा का स्थान न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य ने ले लिया है
- राज्य अब कुछेक मुख्य कामों तक ही अपने को सीमित रखते हैं, जैसे कानून व्यवस्था बनाना और नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना
- राज्य अब कल्याणकारी कार्य की ओर कम ध्यान देते हैं
- राज्य के स्थान पर अब बाजार आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का प्रमुख निर्धारक है
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से विकासशील देशों में सरकारों द्वारा अपने दम पर फैसला लेने की क्षमता में कमी आई है
- लेकिन इसके साथ यह भी सत्य है कि वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप अब राज्यों के पास अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी होने से
- राज्य अपने नागरिकों के बारे में हर प्रकार की सूचनाएं जुटा सकते हैं और अधिक कारगर ढंग से काम कर सकते हैं
वैश्वीकरण के आर्थिक परिणाम बताइए ?
- वैश्वीकरण के कारण संपूर्ण विश्व में वस्तुओं के व्यापार में वृद्धि हुई है
- क्योंकि अब पहले की तरह आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाए जाते
- पूंजी की आवाजाही में वृद्धि हुई है अब निवेशकर्ता अपना धन किसी भी देश में निवेश कर सकता है
- विशेषकर विकासशील देशों में जहां उन्हें अधिक लाभ हो
- विचारों का विस्तार हुआ है, इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़ी सेवाओं का विस्तार
- विकसित देश अपनी वीजा नीति कठोर बना रहे है.
- निजीकरण और पूँजीवाद को बढ़ावा मिल रहा है.
- लाखो लोगो को रोजगार मिल रहा है.
- बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है.
- बाजार में विभिन्न देशों के उत्पाद आसानी से उपलब्ध है.
वैश्वीकरण के सांस्कृतिक परिणाम बताइए ?
- खान–पान में बदलाव.
- रहन सहन में बदलाव.
- संस्कृतियों का हास हो रहा है.
- अमेरिकी संस्कृतियों की तरफ झुकाव बढ़ रहा है.
- महिलाओं की स्थिति में कमी तथा सुधार.
- विदेशी फिल्मों, त्योहारों, संगीत का रुझान बढ़ रहा है.
- रूढ़िवादिता खत्म हो रही है.
- लोगों के विचारों में बदलाव आ रहा है.
- विदेशी संस्कृति का प्रसार हुआ है.
वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है और भारत कैसे वैश्वीकरण को प्रभावित कर रहा है ?
वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया
- वैश्वीकरण के कारण भारत ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे - व्यापार और निवेश पर बाधाएं हटा दी इसके परिणाम स्वरूप विदेशी कंपनियों ने यहां निवेश किया है
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कई प्रकार की सुविधाएं दी गई ताकि विदेशी निवेश में वृद्धि हो सके
- वैश्वीकरण से उपभोक्ताओं के लिए बाजार में वस्तुओं की पसंद - नापसंद करने का दायरा बढ़ गया है इससे उनको उच्च कोटि की स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्राप्त होने लगी
- सुविधाओं के कारण जीवन के स्तर में सुधार हुआ है
भारत कैसे वैश्वीकरण को प्रभावित कर रहा है
- भारत में वैश्वीकरण के अंतर्गत उदारीकरण की नीति अपनाकर स्वतंत्रता के बाद आयात पर जो प्रतिबंध लगाए थे उन्हें समाप्त कर दिया
- विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार की सुविधाएं भारत द्वारा प्रदान की गई जैसे विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना
- वैश्वीकरण आर्थिक व्यवस्था में विकासशील देशों के हितों को समुचित महत्व देना भारत की नीति है
- भारत ने समय-समय पर विकासशील देशों के हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाकर वैश्वीकरण के अंतर्गत गतिविधियों को प्रभावित
सामाजिक सुरक्षा कवच से क्या अभिप्राय है ?
- सामाजिक सुरक्षा कवच से अभिप्राय ऐसी व्यवस्था से होता है जिसके अंतर्गत वैश्वीकरण के परिणामस्वरुप सरकार पर आश्रित लोगों के लिए नौकरी और जनकल्याण के लिए संस्थानिक उपाय करने पर बल दिया जाता है
- ताकि वह वैश्वीकरण के दुष्प्रभाव से बच सकें
सांस्कृतिक समरूपता एवं सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण में क्या अंतर है ?
( सांस्कृतिक समरूपता )
- सांस्कृतिक समरूपता का अर्थ है पश्चिमी संस्कृति का पूरे विश्व में फैलना
- आज पूरे विश्व में पश्चिमी संस्कृति का प्रसार इतनी तेजी से हो रहा है कि यह एक वैश्विक संस्कृति के रूप ले रही है
( सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण )
- सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण में विभिन्न संस्कृतियां, दूसरी संस्कृतियों की अच्छी बातों को अपनी संस्कृति में शामिल करती है जिस कारण प्रत्येक संस्कृति अनूठी बन जाती है
वैश्वीकरण के विरोध में चलाए गए आंदोलन के बारे में बताइए ?
- वैश्वीकरण विरोधी कई आंदोलन चले परंतु यह आंदोलन किसी एक विशेष कार्यक्रम के विरुद्ध जिन्हें साम्राज्यवाद का एक रूप में माना जाता है
- 1999 में सिएटल में विश्व व्यापार संगठन की मंत्री स्तरीय बैठक के समय आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों द्वारा, व्यापार के गलत तौर तरीकों को अपनाने के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया
- नव - उदारवादी वैश्वीकरण के विरोध में गठित विश्वव्यापी मंच “ वर्ल्ड सोशल फोरम “ में
- मानवअधिकार कार्यकर्ता, पर्यावरणवादी, मजदूर, युवा आदि शामिल हुए
- इनकी कई बैठक ब्राजील, मुंबई, कीनिया में हुई है
वैश्वीकरण के विरोध में किन्हीं चार कारणों का स्पष्ट कीजिए ?
- वैश्वीकरण के विरोध के लिए वामपंथियों ने तर्क दिया कि वर्तमान वैश्वीकरण विश्वव्यापी पूंजीवाद की एक विशेष व्यवस्था है जो अमीरों को और अमीर बना रही है जबकि गरीबों की स्थिति बदतर होती जा रही है
- दक्षिणपंथी आलोचक इसके राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभावों के कारण चिंतित हैं इनका कहना है कि राजनीतिक रूप से राज्य के कमजोर होने से जनता को नुकसान होता है
- इनके अनुसार कम से कम कुछ क्षेत्रों में आर्थिक निर्भरता का होना आवश्यक है दक्षिणपंथी कहते हैं कि वैश्वीकरण ने संस्कृति को नुकसान पहुँचाया है
- पश्चिमी संस्कृति विश्व पर लादी जा रही है दुनिया भर की संस्कृति, अमरीकी संस्कृति के अनुसार ढल रही है इससे प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर धीरे-धीरे समाप्त हो रही है इसलिए यह केवल गरीब देशों के लिए नहीं बल्कि समूची मानवता के लिए खतरनाक है
- वैश्वीकरण से राज्यों की क्षमता में कमी आई है अब कल्याणकारी राज्य की अवधारणा का स्थान न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य ने ले लिया है राज्य अब अपने आप को कुछ मुख्य कार्य जैसे कानून व्यवस्था बनाए रखना नागरिकों को सुरक्षा देने तक ही सीमित
भारत और वैश्वीकरण का प्रतिरोध
- इंडियन सोशल फोरम और वामपंथी आर्थिक वैश्वीकरण के विरुद्ध
- औद्योगिक मजदूरों और किसान संगठनों द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विरोध
- नीम को अमेरिकी और यूरोपीय फर्मों द्वारा पेटेंट कराने का विरोध
- दक्षिणपंथी द्वारा सांस्कृतिक प्रभावों का विरोध जैसे - वैलेंटाइन डे मनाना