Class 12th Home science- Chapter- 13th ( संस्थाओं में वस्त्रों की देखभाल और रखरखाव ) Term- 2

Class 12th Home science- Chapter- 13th ( संस्थाओं में वस्त्रों की देखभाल और रखरखाव ) Term- 2
  •  संस्थाओं में प्रयोग किए जाने वाले कपड़ो की देखभाल करना |
  • ताकि लम्बे समय तक उनका प्रयोग किया जा सके |
  • कुछ तरीकों द्वारा यह कार्य किया जाता है |  

वस्त्रों की देखरेख एवं रखरखाव के लिए प्रयोग में आने वाले उपकरण 

  1. धुलाई के उपकरण 
  2. सुखाने  के उपकरण 
  3. प्रेस के उपकरण 

धुलाई की machine के 2 मोडल 

  • Top loading   
  • Front loading   

धुलाई के उपकरण 

  1. Manually operated 
  2. Semi-automatic machine 
  3. Fully automatic machine 

हस्त चलित

इन मशीनों में 50% या अधिक काम प्रचालक को हाथ से करना पड़ता है।

अर्ध स्वचालित

 ये दो टब वाली मशीन होती है। इन मशीनों में समय समय पर वस्त्र धोने वाले व्यक्ति कं हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। प्रत्येक चक्र के साथ खंगालने का पानी मशीन में भरना पड़ता है और निकालना पड़ता है। 

पूर्णतया स्वचालित-

  • मशीन इन मशीनों में वस्त्रों के धुलने, खंगालने व निचोड़ने का कार्य मशीन द्वारा एक ही ड्रम में किया जाता है और व्यक्ति के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं पड़ती। मशीन में पानी भरने, निश्चित ताप तक गर्म करने, धुलाई चक्र और खंगालने की
  • संख्या के सभी नियंत्रणों को एक ही बार सेट कर दिया जाता है, और वस्त्र डालकर छोड़ देते हैं। निश्चित समय के बाद मशीन अपने आप बंद हो जाती है।
  • कपड़ो को खुले / धुप में सुखाना, कपड़ो को सुखाने की सबसे प्रचलित विधि है |
  • बड़े स्तर पर कपड़ो को सुखाने के लिए dryer का प्रयोग किया जाता है |
  • Dryer मुख्य रूप से 2 प्रकार से कार्य करता है | 

i) अपेक्षाकृत निम्न तापमान की वायु का उच्च वेग से परिचालन: इस प्रणाली में कमरे में उपस्थित वायु शुष्कक में सामने के पैनल के नीचे से प्रवेश करके, ऊष्मा के स्त्रोत के ऊपर से प्रवाहित होती है। गरम वायु वस्त्रों में से होती हुई निकास नली से बाहर निकल जाती है। इससे कमर का तापमान और आर्द्रता सामान्य बनी रहती है। 

ii) उच्च तापमान की वायु का धीमी गति से परिचालनः इस प्रणाली में जब वायु शुष्कक में प्रवेश करते हुए ऊष्मा के स्त्रोत के ऊपर से निकलती है, तब इस वायु को शुष्कक के ऊपरी हिस्से में स्थित छेदों में से एक छोटे पंखे के द्वारा खींच लिया जाता है। यह वायु फिर नीचे की ओर वस्त्रों के बीच से निकलते हुए निकास नली से बाहर चली जाती है। निष्कासित वायु की आर्द्रता अधिक होती है।

प्रेस करने के उपकरण 

  • प्रेस करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे वस्त्रों पर प्रयोग के दौरान या धोते समय पढ़ने वाली सिलवटों को समतल किया जाता है |

प्रेस के उपकरण 

1] बिजली से चलने वाली प्रेस 

2] कोयले की प्रेस 

बिजली से चलने वाली प्रेस 

  • ज्यादातर घरों में 
  • चिकनी धात्विक सतह 
  • 1.5 से 3.5 kg  वजन 

कोयले की प्रेस 

कोयले से चलने वाली प्रेस एक ढक्कनदार धातु के बक्से की तरह होती है जिसे गर्म करने के लिए जलते हुए कोयले के टुकड़े डाले जाते हैं |आजकल कई लोग गैस से चलने वाली प्रेस का भी प्रयोग कर रहे हैं |

संस्थाओं में वस्त्र रखरखाव की व्यवस्था 

1] अस्पताल

2] Hotel   

( अस्पताल )

अस्पताल की ढुलाई घर में स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा विसंक्रमण का विशेष ध्यान रखा जाता है |

कई अस्पताल जिनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है , उपयोग के बाद फेंक देने वाली सामग्री का प्रयोग किया जाता है जिन्हें जलाकर नष्ट कर दिया जाता है |

[ अस्पतालों में धुलाई विभाग के कार्य करने की प्रक्रिया के चरण ]

  • अस्पताल के विभिन्न विभागों से गंदे कपड़े एकत्र करना और धुलाई घर संयंत्र तक ले जाना।
  •  गंदे कपड़ों को छांट कर अलग अलग करना। वस्त्रों की धुलाई। जल निष्कर्षण।
  • नमी युक्त वस्त्रों को सुखाना।
  • प्रेस करना व तह लगाना और अलग-अलग ढेर लगाना। आवश्यकता हो तो वस्त्र की मरम्मत या सुधार करना। 
  • अनुपयोगी सामग्री का निपटान करना।
  • साफ वस्त्रों को पैक करना।
  • संबंधित विभागों में साफ कपड़ों का वितरण।

( Hotel )

  • होटलों में अतिथि सत्कार सर्वोपरि होता है | होटल के कमरों में दिखाई गई प्रत्येक वस्तु का साफ एवं आकर्षक होना बहुत जरूरी होता है |
  • होटलों की सजावट में विभिन्न प्रकार की बुनावट और तथा रेशोंs वाले वस्त्रों का प्रयोग किया जाता है | 
  • इसके अतिरिक्त होटल के अतिथियों के द्वारा प्रयोग किए जाने वाले धुले हुए वस्त्रों जैसे की- तौलियों,  चादर, गाउन इत्यादि की  प्रेस करना और सही तरह से   तह लगाने पर विशेष बल दिया जाता है |
  • ज़रूरत पड़ने पर मेहमान के व्यक्तिगत कपड़ों की धुलाई की भी व्यवस्था रखी जाती है |  

[ जीविका के लिए तैयारी ]

( प्राथमिक आवश्यताएँ: )

i) वस्त्रों की आवश्यक देखभाल के लिए उसके रेशों के प्रकार व मात्रा, धागा, कपड़ा उत्पादन तकनीक, कपड़ों की रंगाई और अन्य परिसज्जाओं का ज्ञान होना।

ii) अंतर्निहित प्रक्रियाओं का जान। विभिन्न प्रक्रियाओं में प्रयोग में लाए जाने वाले रसायनों और अभिकर्मकों का और उनका विभिन्न प्रकार के वस्त्रों पर होने वाले प्रभाव का ज्ञान।

iv) वस्त्रों की देखरेख में प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनों की आवश्यकताओं और इनकी कार्यप्रणाली का व्यवहारिक ज्ञान।

[ शैक्षणिक योग्यता ]

i) धुलाई प्रबन्धन में लघु अवधि पाठ्यक्रम 

इन पाठ्यक्रमों के द्वारा अनुशिक्षण, रोजगार प्राप्ति सहायता, व्यापार प्रारम्भ करने हेतु सहायता आदि के साथ उच्च तकनीक वाले धुलाई घरों में व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। 

ii) विभिन्न संस्थाओं जैसे विमान कम्पनी, जलयान, रेलवे, होटल,अस्पतालों आदि में व्यवाहारिक प्रशिक्षण अथवा इंटर्नशिप।

ii) वस्त्र विज्ञान, वस्त्र रसायन, वस्त्र और परिधान में स्नातक डिग्री के पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध हैं।

[ कार्य क्षेत्र ] 

i) स्वउद्यमी गतिविधियों में प्रवेश।

ii) उपचार घर, छोटे अस्पताल, दिवस देखभाल केंद्र में सेवारत।

ii) रेलवे, विमान कंपनियां, पोत परिवहन कंपनियों, होटलों, अस्पतालों जैसी बड़ी संस्थाओं के धुलाई घरों में विभिन्न पदों पर नौकरी।

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