Geography ( भुगोल ) Class 10th Chapter 1st ( संसाधन एवं विकास ) ( Resources And Development ) Notes in Hindi

Geography ( भुगोल ) Class 10th Chapter 1st ( संसाधन एवं विकास ) ( Resources And Development ) Notes in Hindi

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. संसाधनों का एक महत्त्वपूर्ण लक्षण क्या है ?
 उत्तर : उपयोगिता 

प्रश्न 2. चरागाह क्या होता है ? 
उत्तर : प्राकृतिक घास से ढकी भूमि

प्रश्न 3. मृदा अपरदन क्या होता है ? 
उत्तर : मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहा जाता है । 

 प्रश्न 4. मरुस्थलीय ( शुष्क ) मिट्टी को कृषि के लिए उपयोगी कैसे बनाया जा सकता है ? 
 उत्तर: सिंचाई की सुविधाएँ जुटा कर मरुस्थलीय मिट्टी को कृषि के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है । 

प्रश्न 5. जैविक संसाधन ( Biotic resources ) क्या हैं ? 
उत्तर : जैविक संसाधन वे हैं , जो जीवित हैं । वन तथा  उनके उत्पाद, कृषि फसलें, जीव - जन्तु तथा जल - जीव जैविक संसाधनों के उदाहरण हैं । 

प्रश्न 6. एजेंडा 21 के एक उद्देश्य का उल्लेख कीजिए । 
उत्तर : भूमंडलीय सतत पोषणीय विकास प्राप्त करना ।

 प्रश्न 7. गाँधी जी ने संसाधनों के संरक्षण के संबंध में या कहा था ? 
 उत्तर : " हमारे पास हर व्यक्ति की आवश्यकता पूर्ति के ए बहुत कुछ है, लेकिन किसी के लालच की संतुष्टि के लिए नहीं । अर्थात् हमारे पास पेट भरने के लिए बहुत है , लेकिन पेटी करने के लिए नहीं ।

 प्रश्न 8. झारखंड , छत्तीसगढ़ , मध्य प्रदेश और ओडिशा भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण क्या है ? 
  उत्तर : वनोन्मूलन ।

 प्रश्न 9. नवीकरणीय संसाधन ( Renewable resources ) क्या हैं ? 
 उत्तर : वे अनन्त साधन , जिनका एक निश्चित अवधि में भौतिक , यांत्रिक तथा रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बार - बार प्रयोग हो कता है तथा पुनः उत्पादन हो सकता है । सौर ऊर्जा , वन , एंव उत्पाद कुछ नंवीकरण संसाधन हैं ।

प्रश्न 10. मरुस्थली मवाओं का रंग क्या होता है ? 
उत्तर : लाल और भूरा ।

 प्रश्न 11. अनवीकरणीय संसाधन ( Non - renewable resources ) क्या हैं ? 
 उत्तर : ये वे संसाधन हैं , जो एक बार उपयोग कर लेने पर दुबारा से बनाए नहीं जा सकते । कोयला, तेल, खनिज, लौह - अयस्क, तांबा - अयस्क आदि अनवीकरणीय संसाधनों के र उदाहरण हैं । 

प्रश्न 12. संसाधन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, जो आर्थिक रूप से संभाव्य और सांस्कृतिक रूप से मान्य है, एक संसाधन है ।

 प्रश्न 13. लाल मिट्टी की दो विशेषताएँ बताएँ ।
  उत्तर : ( 1 ) लाल मिट्टी में फॉस्फोरिक अम्ल, जैविक पदार्थों तथा नाइट्रोजन पदार्थों की कमी होती है । 
  ( 2 ) इस मिट्टी में लाल तथा पीले रंगों की अनेक आभाएँ दिखाई देती हैं तथा इसका निर्माण प्राचीन क्रिस्टलीय शैलों से हुआ है ।

 प्रश्न 14. उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण बताओ? 
 उत्तर : जैविक और अजैविक ।

प्रश्न 15. सतत पोषणीय विकास से क्या अभिप्राय है? 
  उत्तर : विकास पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की अवहेलना न करे । 

प्रश्न 16. समोच्च जुताई का क्या अर्थ है ? 
उत्तर : समोच्च रेखाओं के साथ - साथ जुताई ।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. संसाधन क्या हैं ? संसाधनों की प्रमुख विशेषताएँ बतायें । 
 उत्तर : सभी उपयोगी पदार्थ जो मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं , संसाधन कहलाते हैं ।  
 विशेषताएँ ( Characteristics ) : 
1.ये प्रकृति के निःशुल्क उपहार हैं तथा पर्यावरण के उपयोगी तत्व हैं ।
2.ये तकनीक द्वारा प्राप्त किये जाते हैं । 
3.ये आर्थिक रूप से साध्य हैं । 
4.ये मनुष्य की आवश्यकताओं को संतुष्ट करते हैं ।
5.ये सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य हैं । 
6. ये सीमित मात्रा में मिलते हैं ।

 प्रश्न 2. संसाधनों के छः वर्ग बतायें जिन्हें रेनर ने संरक्षणात्मक विधि के आधार पर सुझाया है । 
 उत्तर : रेनर द्वारा सुझाये गये संसाधनों के छः वर्ग निम्नलिखित  है।
  1. असमाप्य और अपरिवर्तनीय संसाधन 
  2. असमाप्य और अचक्रणीय संसाधन
  3. आपूरणीय तथा नवीकरणीय संसाधन
  4.आपूरणीय परंतु अनवीकरणीय संसाधन
  5. समाप्य और नवीकरणीय संसाधन 
  6. समाप्य तथा पुनः उपयोगी संसाधन

 प्रश्न 3. नवीकरणीय संसाधनों के दो उप प्रकारों का वर्णन कीजिए । 
 उत्तर : नवीकरणीय संसाधनों के दो उप प्रकार हैं 
 1. प्रवाह संसाधन, 2. निरंतर या नियमित संसाधन 
 1 : प्रवाह संसाधन ( Flow Resources ) : ये वे संसाधन हैं जो समाप्त हो सकते हैं परन्तु मानव द्वारा बढ़ाये जा सकते हैं जैसे भूमिगत जल, मृदा और वन ।
 2 : निरंतर संसाधन ( Continuous Resources ) : वे संसाधन जो सदैव उपलब्ध रहते हैं, जैसे सौर ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा । 

प्रश्न 4. संसाधन संरक्षण के तीन उपाय बतायें । 
उत्तर : संसाधनों के संरक्षण के तीन उपाय निम्नलिखित हैं।
1. संसाधनों का सावधानी और न्यायोचित उपभोग । 
2. संसाधनों की बर्बादी रोकना या अनुचित उपयोग रोकना 3. अनवीकरण संसाधनों के लिये प्रतिस्थापन साधनों का उपयोग करना

 प्रश्न 5. संसाधन नियोजन क्या है ? संसाधनों का नियोजन क्यों आवश्यक है ? कोई दो कारण दें ।
 उत्तर : संसाधन नियोजन ( Resource Planning ) : देश में मौजूदा संसाधनों का पता लगाना, भंडार की मात्रा ज्ञात करना तथा उनका कुशल उपयोग करके मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करना ही संसाधन   नियोजन है ।
 संसाधनों का नियोजन ( Planning of Resources ) : संसाधन नियोजन निम्न कारणों से आवश्यक है क्योंकि :
 1. संसाधन सीमित हैं इसलिए नियोजन बहुत आवश्यक है जिससे उनका उपयोग उचित ढंग से किया जा सके तथा भविष्य के लिये बचाया जा सके । 
 2. संसाधन न केवल सीमित हैं बल्कि उनका वितरण भी असमान है । कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ कुछ संसाधन अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं जबकि दूसरे संसाधन उपलब्ध नहीं हैं लेकिन देश का समान विकास करने के लिये सभी संसाधनों का नियोजन अत्यंत आवश्यक है । 

प्रश्न 6. प्राकृतिक संसाधन और मानवकृत संसाधनों में अंतर स्पष्ट करो । दो अतर बतायें । 
उत्तर : प्राकृतिक संसाधन  (Natural Resources ) 
 1. ये संसाधन प्रकृति के  उपहार हैं । 
2. ये दो प्रकार के होते हैं जैविक और अजैविक । 
जैविक, जैसे- पौधे ,जानवर आदि । 
अजैविक, जैसे - शैल और खनिज ।  
मानवकृत संसाधन ( Manmade Resources ) 
1. ये संसाधन मनुष्य द्वारा बनाये गये हैं ।  
2. ये मनुष्य द्वारा उसकी  दक्षता और ज्ञान का  उपयोग करके बनाये  जाते हैं । जैसे - मशीन,  प्रौद्योगिकी । 

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions )

प्रश्न 1. भूमि निम्नीकरण से क्या तात्पर्य है ? उद्योग किस प्रकार भूमि निम्नीकरण के कारण हैं ?
 उत्तर : मानव कार्यकलापों द्वारा भूमि की उपजाऊ क्षमता का नष्ट होना भूमि निम्नीकरण कहलाता है । 
 उद्योग निम्नलिखित कार्यों से भूमि क्षरण का कारण हैं
 (1) खनन ( Mining ) : खनन के कारण व्यापक रूप से भूमि का क्षरण होता है । खनन से बस्ती, सड़क, फैक्ट्री, वनस्पति समाप्त हो जाती है और परिणामस्वरूप भूमिक्षरण होता है ।
 ( ii ) खनिज प्रसंस्करण ( Mineral Processing ) : चूना पत्थर तोड़ना, खान खोदना, पत्थर तोड़ने आदि से वायुमंडल में धूल उड़ती है जिससे पर्यावरण क्षरण होता है ( iii ) भूमि भराव ( Land Fills ) : उद्योग बहुत सा कचरा तथा खतरनाक अपशिष्ट खुले में फेंक देते हैं अथवा जमीन में दबा देते हैं जो नष्ट नहीं होता तथा इनसे मृदा का क्षरण होता है ।
  iv ) तरल अपशिष्ट ( Effluents ) : उद्योग नदियों में प्रयोग किया गया गंदा पानी डालते हैं । इससे जल तथा मृदा प्रदूषण होता है । 

प्रश्न 2. किन्ही धार मानव क्रियाओं का वर्णन करें  जोप्रमुख रूप से भारत में भूमि क्षरण के लिये उत्तरदायी हैं ।
 ( V. Imp . ) 
या
भूमि क्षरण के क्या कारण है ?  
उत्तर : कुछ मानव क्रियाओं जैसे निर्धनीकरण , अति चराई , खनन ने भूक्षरण में काफी सहयोग दिया है ।
 ( 1) निर्वनीकरण भूक्षरण का प्रमुख कारण है । वनों या वृक्षों से रहित भूमि की ऊपरी परत पानी बहाव के तेज से . बह जाती है ।  
 ( 2) जल भराव तथा अति चराई भू - क्षरण का कारण है । अति चराई से भूमि की ऊपरी परत ढीली हो जाती है परिणामस्वरूप वह हवा द्वारा उड़ा ली जाती है या जल के साथ बह जाती है ।  
  (3)औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ तथा तरल अपशिष्ट भूक्षरण का प्रमुख स्रोत है । 
 ( 4 ) खनिज प्रसंस्करण जैसे सिरेमिक उद्योग के लिये चूना पत्थर की पिसाई आदि से भारी मात्रा में धूल भूमि पर जमा हो जाती है जो भूक्षरण का कारण है । 

प्रश्न 3. मृदा अपरदन क्या है ? भारत में प्रचलित मृदा अपरदन के दो प्रमुख प्रकारों का वर्णन करें ।
उत्तर : पवन तथा जल जैसी प्राकृतिक शक्तियों द्वारा भूमिः को ऊपरी परत के तेजी से वहाव को मृदा अपरदन कहते हैं। सामान्यतया मृदा के बनने और अपरदन की क्रियाएँ साथ - साथ चलती है तथा दोनों में संतुलन होता है । प्राकृतिक तथा मानवीय कारकों द्वारा यह संतुलन बिगड़ जाता है ।
मृदा अपरदन के प्रकार : 
1. चादर अपरदन ( Sheet erosion ) : जब मृदा की ऊपरी परत विस्तृत क्षेत्र में बहते जल द्वारा बह जाती है , तो उसे चादर अपरदन कहते है । चादर अपरदन का दूसरा चरण होता है । यदि अपरदन बिना रुके काफी समय के लिए होता रहे,  तो छोटी उंगली के आकार की नालियाँ विकसित हो जाती हैं ; जो कुछ सेमी . गहरी होती है । समय के साथ - साथ इन नदियों की संख्या बढ़ती जाती है तथा ये गहरी और चौड़ी हो जाती हैं और पेड़ की शाखाओं तथा तने के समान लगने लगती हैं । इसे छोटी नदी अपरदन कहते हैं ।
2. अवनालिका अपरदन ( Gullyerosion ) : यह पाहा अपरदन का तीसरा चरण है । म्रदा के अधिक अपरदन के मा छोटी नदियों गहरी तथा यडी हो जाती हैं और अन्तत : अवनतिका में परिवर्तित हो जाती हैं । अवनालिका अपरदन का प्रमुख कारण जिनकी जड़ें मिट्टी को बाँधे रखती हैं । अवनलिकाएँ कृषि भूमि का कटाव कर देती हैं तथा पूरा क्षेत्र उत्खात भूमि म बदल जाता है । अवनालिका अपरदन बीहड़ - खड्डों के निर्माण के लिए भी उत्तरदायी है । 

प्रश्न 4. " जलोढ़ मृदा भारत की आधे से अधिक जनसंख्या को भोजन देती है । " इस कथन के  पक्ष में चार कारण लिखिए? 
इसमें विभिन्न प्रकार के जीवाश्म होते वनस्पति का नष्ट होना है । विशेष रूप ,  
 उत्तर : ( i ) जलोढ़ मृदा भारत की प्रमुख मृदा है और विस्तृत रूप से फैली है । यह मृदा उत्तरी भारत में अधिक विस्तृत है । इसके अतिरिक्त राजस्थान तथा गुजरात में भी फैली है । 
( ii ) यह मृदा दक्षिण भारत के पूर्वी तटीय मैदान विशेषका महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टाओं में मिलती है । 
( iii ) इस मृदा में पोटाश . फास्फोरस और चूना पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जिससे यह गन्ना, धान, गेहूँ, दालें आदि के उत्पादन के लिये उपयुक्त है।
( iv ) अधिक उपजाऊ होने से जलोढ़ मृदा के क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती और ये क्षेत्र अधिक घने बसे हैं ।
 इसलिये यह कहना सही है कि जलोढ़ मृदा आधी से अधिक जनसंख्या को भोजन प्रदान करती है । 

प्रश्न 5. ' भारत में मृदा एक संसाधन के रूप में ' पर एक निबंध लिखें ।
 उत्तर : भारत में मृदा एक संसाधन के में ( Soil as a Resource in India ) : मृदा एक प्रमुख नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है । यह वनस्पति उत्पादन का साधन है तथ  मृदा एक जीवित प्रणाली है । एक सेन्टीमीटर मोटी परत बनने में लाखों वर्ष लग हैं । उच्चावच, पैतृक शैल, जलवायु, वनस्पति और समय इसके निर्माण के प्रमुख कारक हैं । प्रकृति की अन्य शक्तियाँ जैसे तार परिवर्तन, बहते जल का कार्य, पवन और हिम नदी जैसे विघटक का कार्य मृदा निर्माण में सहयोग देते हैं । रासायनिक और जैविय परिवर्तन जो मृदा में होते रहते हैं का समान महत्त्व होता है मृदा में जैविक और अजैविक पदार्थ भी होते हैं ।

प्रश्न 6. संसाधनों का वर्गीकरण उनके विकास की स्थिति के आधार पर किस प्रकार किया जा सकता है ? 
उत्तर : विकास के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण निम्न चार वर्गो में किया जा सकता है  
1.संभाव्य संसाधन ( Potential Resources ) : वे संसाधन  जो किसी प्रदेश में पाये जाते हैं लेकिन इनका उपयोग नहीं हुआ । उदाहरण के लिये सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा जो राजस्थान और गुजरात में उपलब्ध है 
2.विकसित संसाधन ( Denveloped Resources ) : वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया गया है तथा उनके गुण और  मात्रा उपयोग के लिये निर्धारित हो गई है । उदाहरण के लिये कोयला, लोहा, मैगनीज आदि । 
3. भंडार संसाधन ( Stock Resources ) : पर्यावरण के पदार्थ जो मनुष्य की आवश्यकताओं को संतुष्टि के लिये सम्भाव्य है लेकिन मनुष्य के पास उनका उपयोग करने की तकनीक नहीं है, भंडार संसाधन कहलाते हैं । उदाहरण के लिये हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से जल बनता है जो ऊर्जा का साधन है लेकिन इन दो गैसों को . पृथक करके अन्य उपयोग में लेना हम अभी तक नहीं जान पाए । इसी कारण ये भंडार संसाधन हैं ।
4. आरक्षित या संचित संसाधन ( Reserve Resources ) : यह भंडार का वह भाग है जो तकनीकी ज्ञान के द्वारा उपयोग किया जा सकता है लेकिन उसका उपयोग भविष्य के लिये छोड़ दिया गया है । उदाहरण के लिये नदियों का जल, वन आदि आरक्षित संसाधन हैं ।

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