Class 12th History Chapter- 13th ( महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन ) Term- 2 Important questions
1] गांधी जी विदेश कब गए थे और भारत वापिस कब आए ?
- गांधी जी 1893 में विदेश गए
- और अपना अधिकतर समय उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में बिताया था वह भारत 1915 में वापिस आए थे
2] चंपारण सत्याग्रह कब और क्यों हुआ था ?
- चंपारण सत्याग्रह 1917 में हुआ था, बिहार के चंपारण में किसानों से जबरन नील की खेती कराई जाती थी
- इसका विरोध चंपारण सत्याग्रह में किया गया था
3] अहमदाबाद और खेड़ा आंदोलन कब और किस मुद्दे पर हुआ था ?
- यह दोनों आंदोलन 1918 में हुए थे
- अहमदाबाद आंदोलन -कपड़े की मीलों में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए यह विरोध किया गया था
- खेड़ा आंदोलन - यह विरोध खेड़ा में किसानों की फसल चौपट होने पर राज्य से किसानों के लगान माफ करने के मुद्दे पर हुआ था
- चंपारण, खेड़ा और अहमदाबाद में की गई पहल से गांधीजी एक ऐसे राष्ट्रवादी नेता के रूप में उभरे जिनमें गरीबों के लिए गहरी सहानुभूति थी
4] लाल बाल पाल के रूप में कौन से नेता जानें जाते थे ?
- लाल - लाला लाजपत राय ( पंजाब )
- बाल - बाल गंगाधर तिलक ( महाराष्ट्र )
- पाल - विपिन चंद्र पाल ( बंगाल )
- इन नेताओं ने औपनिवेशिक शासन के प्रति लड़ाकू विरोध का समर्थन किया
5] गांधी जी के राजनीतिक गुरु कौन थे ?
- गोपाल कृष्ण गोखले गांधी जी के राजनीतिक गुरु थे,
- इन्होंने गांधी जी को एक वर्ष तक ब्रिटिश भारत की यात्रा करने की सलाह दी थी
- जिससे कि वह इस भूमि और इसके लोगों को जान सकें
6] रॉलेट एक्ट क्या था ? इसका भारतीय नेताओं के द्वारा विरोध क्यों हुआ ?
- रॉलेट एक्ट के तहत सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने और राजनीतिक कैदियों को 2 साल तक बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया था
- ब्रिटिश सरकार द्वारा किसी भी राजनीतिक कैदी को बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने के अधिकार के विरोध में भारतीय नेता आ गए
- इन्होंने रॉलेट एक्ट का विरोध किया
- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया था और बिना जांच के कारावास की अनुमति दे दी थी
- सर सिडनी रोलेट की अध्यक्षता वाली एक समिति की संस्तुतियों के आधार पर इन कठोर उपायों को जारी रखा गया
- इसके जवाब में गांधी जी ने देश भर में रौलट एक्ट के खिलाफ एक अभियान चलाया
- उत्तरी और पश्चिमी भारत के कस्बों में चारों तरफ बंद के समर्थन में दुकान और स्कूलों के बंद होने के कारण जीवन ठहर गया
- पंजाब में विशेष रूप से इसका कड़ा विरोध हुआ क्योंकि यहां के बहुत से लोगों ने युद्ध में अंग्रेजों के पक्ष में सेवा की थी और अब अपनी सेवा के बदले हुए ईनाम की अपेक्षा कर रहे थे
- लेकिन इसकी जगह उन्हें रॉलेक्ट एक्ट दे दिया गया
7] जलियांवाला बाग काण्ड के बारे में विस्तार से चर्चा कीजिए ?
- 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग की घटना हुई, उस दिन बहुत सारे गांव वाले वैशाखी मेले में शामिल होने के लिए जलियांवाला बाग के बंद अहाते में इकट्ठा हुए, काफी लोग सरकार द्वारा लागू किए गए दमनकारी कानून का विरोध प्रकट करने के लिए इकट्ठा हुए थे, यह मैदान चारों तरफ से बंद था शहर से बाहर होने के कारण वहां जुटे लोगों को यह पता नहीं था
- कि इलाके में मार्शल लॉ लागू किया जा चुका है
- जनरल डायर हथियारबंद सैनिकों के साथ वहां पहुंचा और आते ही उसने मैदान से बाहर निकलने के सारे रास्ते बंद कर दिए, इसके बाद उसके सिपाहियों ने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चला दी
- सैकड़ों लोग मारे गए, बाद में उसने बताया कि वह सत्याग्रहियो के जहन में दहशत उत्पन्न करना चाहता था
8] असहयोग आंदोलन कब आरंभ हुआ और क्यों चलाया गया ? इसके स्थगित करने के कारणों का वर्णन कीजिए ?
- रोलेट सत्याग्रह से गांधी जी एक सच्चे राष्ट्रीय नेता बन गए इसकी सफलता से उत्साहित होकर गांधीजी ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ असहयोग अभियान की मांग कर दी
- जो भारतीय उपनिवेशवाद का खात्मा करना चाहते थे उनसे आग्रह किया गया कि वह स्कूलों कॉलेज और न्यायालय ना जाएं तथा कर ना चुकाए, गांधीजी ने कहा कि यदि असहयोग का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो भारत 1 वर्ष के भीतर स्वराज प्राप्त कर लेगा
- इस प्रकार गांधी जी ने 192० में असहयोग आंदोलन की शरुआत कर दी थी
- और इस के साथ खिलाफत आंदोलन को भी शामिल कर लिया
9] असहयोग आंदोलन को स्थगित करने के कारण
- फरवरी 1922 में किसानों के एक समूह ने संयुक्त प्रांत के चौरी-चौरा क्षेत्र में
- एक पुलिस स्टेशन पर आक्रमण करके उसमें आग लगा दी
- इस अग्निकांड में कई पुलिसवालों की जान चली गई
- हिंसा की इस कार्यवाही से गांधी जी को असहयोग आंदोलन तत्काल वापस लेना पड़ा
10] असहयोग आंदोलन के दौरान लोगों ने क्या किया ?
- आंदोलन की शुरुआत शहरी मध्यवर्ग की हिस्सेदारी के साथ हुई
- हजारों विद्यार्थियों ने स्कूल कॉलेज छोड़ दिए
- हेड मास्टर और शिक्षकों ने इस्तीफे सौंप दिए
- वकीलों ने मुकदमे लड़ना बंद कर दिया
- मद्रास के अलावा ज्यादातर प्रांतों में परिसद चुनावों का बहिष्कार किया गया
- विदेशी सामानों का बहिष्कार किया गया
- शराब की दुकानों की पिकेटिंग की गई और विदेशी कपड़ों की होली जलाई जाने लगी
- लोगों ने भारतीय कपड़ा मीलों और हथकरघा का कपड़े खरीदने शुरू किए
- असहयोग आंदोलन गांव में भी पहुंचा किसानों का आदिवासियों का समर्थन भी इस आंदोलन को मिला
11] गांधी जी की पहली महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपस्थिति के बारे में बताइए ?
( अथवा )
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में गांधी जी की उपस्थिति का वर्णन कीजिए ?
( अथवा )
गांधी जी का पहला भाषण जिसने गांधीजी को भारत में एक पहचान दी इसका वर्णन कीजिए ?
( अथवा )
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में गांधी जी ने अपने विचारों को जनता के समक्ष किस प्रकार रखा ?
- गांधीजी की पहली महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपस्थिति फरवरी 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में हुई
- इस समारोह में आमंत्रित प्रतिष्ठित व्यक्तियों के बीच में गांधीजी अपेक्षाकृत अज्ञात थे
- इन्हें यहां भारत के अंदर इनकी प्रतिष्ठा के कारण नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका में उनके द्वारा किए गए कार्य के आधार पर आमंत्रित किया गया था
- जब गांधी जी ने बोलना शुरू किया तब उन्होंने मजदूरों , गरीबों की ओर ध्यान ना देने के कारण भारतीय विशिष्ट वर्ग को आड़े हाथों लिया
- उन्होंने कहा कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना निश्चय ही अत्यंत शानदार है
- लेकिन उन्होंने वहां धनी और सजे संवरे भद्रजनों की उपस्थिति और लाखों गरीब भारतीयों
- की अनुपस्थिति के बीच की विषमता पर अपनी चिंता जाहिर की
- गांधी जी ने विशेष सुविधा प्राप्त मंत्रियों से कहा कि भारत के लिए मुक्ति तब तक संभव नहीं है
- जब तक आप अपने को इन अलंकरण से मुक्त ना कर ले और इन्हें भारत के अपने हमवतनों की भलाई में ना लगा दे
- हमारी मुक्ति केवल किसानों के माध्यम से ही हो सकती है ना तो वकील, ना डॉक्टर, ना ही जमीदार,
- इसे सुरक्षित रख सकते हैं
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना एक उत्सव का अवसर था क्योंकि यह भारतीय धन और भारतीय प्रयासों से संभव एक राष्ट्रवादी विश्वविद्यालय की स्थापना कब तक था
12] गांधी जी ने खुद को आम लोगों जैसा दिखाने के लिए क्या किया ?
- गांधीजी ने साधारण सादगी भरा जीवन अपनाया
- उन्होंने अन्य नेताओं की तरह पश्चिमी परिधान नहीं अपनाया
- वह आम जनता द्वारा पहने जाने वाले परिधान जैसे , धोती कुरता पहनते थे
- गांधी जनता के बीच उनके जैसी ही भाषा बोलते थे आम लोगों के समान प्रतिदिन चरखा कातते थे
- लोग भी गांधी जी को अपने जैसा समझते थे और उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ पाए
13] गांधीजी की चमत्कारी शक्तियों की अफवाएं क्या-क्या थी ? स्पष्ट कीजिए ?
( अथवा )
किसान गांधी जी को किस तरह देखते थे ?
- किसान गांधी जी को महात्मा के रूप में देखते थे
- उनका मानना था कि उनको भगवान के द्वारा जनता के दुखों को दूर करने और पाप का नाश करने के लिए भेजा गया है
- लोगों में यह विश्वास था कि गांधीजी के पास चमत्कारी शक्तियां हैं और जो उनका विरोध करता है
- उसे परिणाम भुगतना पड़ता है किसानों का मानना था कि गांधीजी के पास ऐसी शक्तियां हैं
- जो उन्हें ब्रिटिश अत्याचारी अंग्रेजी राज्य से मुक्ति दिला देगी
- और भी कई अफवाहें गांधीजी के बारे में फैली हुई थी
14] राष्ट्रीय आंदोलन के अध्ययन के लिए अखबार महत्वपूर्ण स्रोत क्यों है ?
- गांधीजी के जीवन के बारे में समकालीन अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं जैसे गुजराती, बंगाली, मराठी आदि के अख़बारों में बहुत कुछ लिखा गया
- यह समाचार पत्र महात्मा गांधी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के महत्वपूर्ण स्रोत हैं
- यह गांधीजी के गतिविधियों पर निगाह रखते थे इनसे गांधीजी के बारे में जनता की आम राय का भी पता चलता है
- इन समाचार पत्रों में समय-समय पर गांधी जी की विचारधारा पर टिप्पणी लिखी जाती थी
- भारत में घटने वाली घटनाओं की रिपोर्टिंग जिस प्रकार भारतीय समाचार पत्र द्वारा की जाती थी
- लंदन में समाचार पत्र की रिपोर्टिंग उससे अलग होती थी
15] साइमन कमीशन कब बना ? इसके अध्यक्ष कौन थे ?
- साइमन कमीशन का गठन 8 नवंबर 1927 को हुआ था, सर जॉन साइमन इसके अध्यक्ष थे
- साइमन कमीशन में कुल 7 सदस्य थे इसके सातों सदस्य अंग्रेज थे
- जिस कारण इसे श्वेत कमीशन नाम कांग्रेस द्वारा दिया गया था
16] साइमन कमीशन का उद्देश्य क्या था ?
- साइमन कमीशन उपनिवेश की स्थितियों की जांच पड़ताल के लिए इंग्लैंड से भेजा गया था
17] साइमन कमीशन भारत कब आया ? इसका विरोध क्यों हुआ था ?
- साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत आया था
- साइमन कमीशन का विरोध -
- इस कमीशन में 7 सदस्य थे जिनमें से एक भी भारतीय नहीं था, इस आयोग से जिन बातों पर विचार करने को कहा गया उनसे भारतीय जनता को स्वराज पाने की कोई उम्मीद नहीं थी
18] भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रथम स्वतंत्रता दिवस कब और कहां मनाया ?
- 1929 के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन
- पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था
- 26 जनवरी 1930 को विभिन्न स्थानों पर
- राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर और देशभक्ति के गीत गाकर
- स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था
19] प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस का आह्वान किसने कब, कहां और क्यों किया ?
- प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस 16 अगस्त 1946 को मुस्लिम लीग द्वारा अलग इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए चलाए जाने वाला हिंसक आंदोलन था
- 16 अगस्त 1946 को मोहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिमों को सीधी कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया
- जिसमें सिर्फ बंगाल में मुस्लिमों ने 20000 हिंदुओं को मार डाला
- सड़कों पर बिखरी हुई हिंदुओं की लाशों को गिद्ध नोचते थे
- इतिहास में यह दिन प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस DIRECT ACTION DAY के रूप में दर्ज है
20] लॉर्ड माउंटबेटन की योजना की विवेचना कीजिए ?
- फरवरी 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन को वायसराय नियुक्त किया गया
- उन्होंने ऐलान कर दिया कि ब्रिटिश भारत को स्वतंत्रता दे दी जाएगी
- लेकिन उसका विभाजन भी होगा औपचारिक सत्ता हस्तांतरण के लिए 15 अगस्त का दिन तय किया गया
- बंगाल और पंजाब का विभाजन किया जाएगा
- पाकिस्तान के लिए संविधान निर्माण हेतु एक अलग संविधान सभा का गठन किया जाएगा
- रियासतों को छूट होगी कि वह भारत या पाकिस्तान किसी में भी मिल सकते हैं
21] गांधीजी जितने समाज सुधारक थे उतने ही राजनीतिज्ञ थे ? इस कथन को स्पष्ट कीजिए ?
- फरवरी 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन को वायसराय नियुक्त किया गया
- उन्होंने ऐलान कर दिया कि ब्रिटिश भारत को स्वतंत्रता दे दी जाएगी
- लेकिन उसका विभाजन भी होगा औपचारिक सत्ता हस्तांतरण के लिए 15 अगस्त का दिन तय किया गया
- बंगाल और पंजाब का विभाजन किया जाएगा
- पाकिस्तान के लिए संविधान निर्माण हेतु एक अलग संविधान सभा का गठन किया जाएगा
- रियासतों को छूट होगी कि वह भारत या पाकिस्तान किसी में भी मिल सकते हैं
22] गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ किस महत्वपूर्ण घटना के साथ किया था ?
- गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ नमक कानून तोड़कर किया था
- गांधीजी ने साबरमती से दांडी तक पैदल यात्रा करके नमक बनाकर
- अंग्रेजों द्वारा बनाया नमक कानून तोड़ा था
23] अवध को बंगाल आर्मी की पौधशाला क्यों कहा जाता था ?
- 1] बंगाल आर्मी के सिपाहियों में बहुत सारे अवध और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांव से भर्ती होकर आए थे
- 2] उनमें से बहुत सारे ब्राह्मण या ऊंची जाति के थे
24] 1857 के विद्रोह के बाद औपनिवेशिक शहरों के भवनों का स्वरूप किस प्रकार बदल दिया गया ?
- 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने अपना घर स्थानीय देसी लोगों के घरों से अलग एक नई बस्ती का निर्माण कर उसमें बनाएं जिसे सिविल - लाइंस कहा गया
- इस बस्ती में सिर्फ अंग्रेजों को ही रहने का अधिकार था
- पुराने कस्बों के पास के चरागाह और खेतों को साफ कर दिया