Class 12th Geography chapter- 7th खनिज तथा ऊर्जा संसाधन ( Term- 2 & Book 2 ) Important questions

Class 12th Geography chapter- 7th  खनिज तथा ऊर्जा संसाधन ( Term- 2 & Book 2 ) Important questions

 खनिज से क्या अभिप्राय है ?

  • खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है 
  • खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं

खनिजों की विशेषता बताइए ?

  • खनिज विभिन्न क्षेत्रों में असमान रूप से वितरित होते हैं 
  • खनिजों की गुणवत्ता और मात्रा के बीच प्रतिलोम संबंध पाया जाता है 
  • जैसे - अधिक गुणवत्ता वाले खनिज, कम गुणवत्ता वाले खनिज की तुलना में कम पाए जाते हैं 
  • सभी खनिज समय के साथ समाप्त हो जाते हैं 
  • भूगर्भिक दृष्टि से इन्हें बनने में लंबा समय लगता है इसलिए इन्हें संरक्षित करना चाहिए 
  • इनका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इन्हें दोबारा उत्पन्न नहीं किया जा सकता

तांबे के लाभ बताइए ? भारत के चार मुख्य तांबा क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए ? 

  • तांबे का प्रयोग बिजली की मोटर, ट्रांसफार्मर तथा जनरेटर आदि बनाने में किया जाता है तांबा एक अपरिहार्य धातु है तांबा एक मिश्रधातु योग्य आघातवर्धनीय धातु है 
  •  सोने के आभूषणों को मजबूती प्रदान करने के लिए उसमें तांबा मिलाया जाता है

भारत के चार मुख्य तांबा क्षेत्र 

  1. झारखंड - सिंहभूमि जिला
  2. मध्य प्रदेश - बालाघाट जिला
  3. राजस्थान - झुंझनु , अलवर , खेतड़ी
  4. आंध्र प्रदेश - गुंटूर जिला

मैंगनीज के लाभ बताइए ? भारत के चार मुख्य मैंगनीज क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए ? 

  • मैंगनीज का प्रयोग लौह - अयस्क के प्रगलन के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल के रूप में किया जाता है 
  • इसका उपयोग लौह मिश्रधातु तथा विनिर्माण में भी किया जाता है
  • खनन क्षेत्र - उड़ीसा , कर्नाटक , महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश , झारखंड आदि* उड़ीसा मैंगनीज का अग्रणी उत्पादक है

भारत में खनिजों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ? हम उनका संरक्षण किस प्रकार कर सकते हैं ?

  • खनिज समय के साथ समाप्त हो जाते हैं भूगर्भिक दृष्टि से इन्हें बनने में लंबा समय लगता है 
  • आवश्यकता के समय तुरंत इनको पुनर्भरण नहीं किया जा सकता है 
  • सतत पोषणीय विकास तथा आर्थिक विकास के लिए खनिजों का संरक्षण करना आवश्यक होता है 
  • इसके लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन, तरंग पर भूतापीय ऊर्जा का प्रयोग करना चाहिए 
  • खनिजो का सूझबूझ से तथा मितव्यवस्था से प्रयोग करना चाहिए 
  • ताकि वर्तमान आरक्षित भंडारों का लंबे समय तक प्रयोग किया जा सके

खनिजों का संरक्षण निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है

खनिज निश्चित और सीमित मात्रा में है जबकि उनका उपयोग समय के साथ बढ़ रहा है सतत पोषणीय विकास तथा आर्थिक विकास के लिए खनिजों का संरक्षण करना बहुत जरूरी है देश में खनिजों का असमान वितरण है कुछ भागों में खनिज अधिक तो कुछ भागों में सीमित मात्रा में है

सतत पोषणीय विकास से क्या अभिप्राय है ?

( अथवा )

सतत पोषणीय विकास की चुनौती के लिए आर्थिक विकास की चाह का पर्यावरणीय मुद्दों में समन्वय आवश्यक है ? कथन को स्पष्ट कीजिए ?

  • सतत पोषणीय विकास भावी पीढ़ियों के लिए संसाधनों के संरक्षण पर जोर देता है संसाधनों का संरक्षण बहुत आवश्यक है
  • इसलिए सतत पोषणीय विकास की चुनौती के लिए आर्थिक विकास की चाह का पर्यावरणीय मुद्दों से समन्वय आवश्यक है 
  • क्योंकि संसाधनों का तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके कारण यह संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए समाप्त हो सकते हैं ऐसे में हमें कुछ अन्य विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए 
  • जैसे - सौर ऊर्जा, पवन, तरंग, भूतापीय आदि ऊर्जा के आसमाप्य स्रोतों पर ध्यान देना चाहिए

ऊर्जा संसाधन से क्या अभिप्राय है ?

  • ऊर्जा सभी क्रियाकलापों के लिए आवश्यक है 
  • खाना पकाने में, रोशनी व ताप के लिए, गाड़ियों के संचालन तथा उद्योगों में मशीनों के संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता होती है 
  • ऊर्जा का उत्पादन ईंधन खनिजों जैसे – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, यूरेनियम तथा विद्युत से किया जाता है ऊर्जा की आवश्यकता कृषि, उद्योग, परिवहन, अर्थव्यवस्था के अन्य खंडों में होती है

विशेषताओं के आधार पर ऊर्जा के परंपरागत एवं गैर परंपरागत साधनों में अन्तर स्पष्ट करें।

पवन - ऊर्जा  पर टिप्पणी लिखें ?

  • पवन ऊर्जा पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त और ऊर्जा का असमाप्य स्रोत है इसमें पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है सम्मार्गी पवन, पछुवा पवन, मानसून पवनों को ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रयोग किया गया है 
  • इसके अलावा स्थानीय हवाओं, स्थलीय और जलीय पवन  को भी विद्युत पैदा करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है 
  • भारत में पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियां विद्यमान है

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत पर टिप्पणी लिखिए ?

( अथवा )

भारत में अपरंपरागत ऊर्जा के 5 स्रोतों के नाम बताइए और प्रत्येक स्रोतों का एक संभावित क्षेत्र भी बताइए ?

( अथवा )

असमाप्य संसाधन से आप क्या समझते हैं ? इनके बारे में बताइए ?

ऊर्जा के अपरंपरागत स्रोत -

  • पवन ऊर्जा,  सौर ऊर्जा,  ज्वारीय ऊर्जा,   भूतपीय ऊर्जा,   जैव ऊर्जा
  • भारत में पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियां विद्यमान है
  • भारत के पश्चिमी भागों गुजरात पर राजस्थान में सौर ऊर्जा के विकास के लिए अधिक संभावनाएं हैं
  • भारत में तटों के साथ ज्वारीय ऊर्जा विकसित करने की व्यापक संभावनाएं हैं 
  • भूतापीय ऊर्जा के लिए हिमालय प्रदेश में विकसित होने की व्यापक संभावनाएं हैं
  • जैव ऊर्जा के लिए भारत में काफी संभावनाएं है

जैव ऊर्जा की परिभाषा देते हुए इसके लाभ बताइए ?

( अथवा )

जैव ऊर्जा, ऊर्जा का संभावित स्रोत है भारत जैसे विकासशील देश में यह ग्रामीण एवं शहरी जीवन को बेहतर बना सकता है ? स्पष्ट कीजिए ?

  • जैव ऊर्जा, उस ऊर्जा को कहा जाता है जिसे जैविक उत्पादों से प्राप्त किया जाता है इसमें कृषि अवशेष, नगरपालिका, औद्योगिक तथा अन्य अपशिष्ट शामिल होते हैं जैव ऊर्जा, ऊर्जा परिवर्तन का एक संभावित स्रोत है इसे विद्युत ऊर्जा , ताप ऊर्जा अथवा खाना पकाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जा सकता है 
  • यह विकासशील देशों में ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक जीवन को भी बेहतर बनाएगा तथा पर्यावरण प्रदूषण घटेगा 
  • उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ाएगा तथा जलाऊ लकड़ी पर दबाव कम करेगा 
  • नगर पालिका कचरे को ऊर्जा में बदलने वाली ऐसी ही एक परियोजना नई दिल्ली के ओखला में स्थित है

नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले खनिज कौन से हैं ? भारत में इन के वितरण के बारे में बताइए ?

  • नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले महत्वपूर्ण खनिज यूरेनियम और थोरियम है यूरेनियम निक्षेप धारवाड़ शैल में पाए जाते है
  • राजस्थान के उदयपुर, झुंझनु, अलवर   मध्य प्रदेश - दुर्ग जिला  महाराष्ट्र - भंडारा जिला हिमाचल प्रदेश - कुल्लू
  • थोरियम मुख्य रूप से केरल के पुलिन तट की बालू में मोनाजाइट एवं इलमेनाइट से प्राप्त होता है

भारत में पाए जाने वाले खनिजों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?

( अथवा )

भारत में खनिज तथा ऊर्जा संसाधनों के असमान वितरण का वर्णन कीजिए ?

  • भारत में अधिकांश धात्विक खनिज प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र की प्राचीन क्रिस्टलीय शहरों में पाए जाते हैं 
  • कोयले का लगभग 97% भाग दामोदर, सोन ,महानदी और गोदावरी नदियों की घाटियों में पाया जाता है 
  • पेट्रोलियम के आरक्षित भंडार असम, गुजरात तथा मुंबई हाई अर्थात अरब सागर के अपतटीय क्षेत्र में पाए जाते हैं 
  • अधिकांश प्रमुख खनिज मंगलौर से कानपुर को जोड़ने वाले रेखा के पूर्व में पाए जाते हैं
  • भारत में खनिज मुख्यतः तीन विस्तृत पट्टियों में है
  • उत्तर पूर्वी पठारी प्रदेश - छोटा नागपुर ( झारखंड ), उड़ीसा के पठार , पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़
  • दक्षिण पश्चिमी पठारी प्रदेश - कर्नाटक, गोवा, तमिलनाडु , केरल 
  • उत्तर पश्चिमी प्रदेश - राजस्थान में अरावली तथा गुजरात

"ऊर्जा के अपरंपरागत स्रोत्र अधिक आरंभिक लागत के बावजूद अधिक टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल तथा सस्ती उर्जा उपलब्ध कराते है" कथन की जाँच कीजिए।

  1. सौर, पवन, जल, भूतापीय ऊर्जा तथा जैव ऊर्जा के अपरंपरागत ( स्त्रोत )
  2. ये सभी साधन पर्यारवरण अनुकूल है |
  3. ये समान रूप से वितरित है।
  4. ये अधिक आरंभिक लागत से प्रभावित होते है।
  5. ये साधन पारिस्थतिक-अनुकूल होते है।
  6. पवन ऊर्जा पूर्ण रूप से प्रदुषण मुक्त है।
  7. महासागरीय धाराएं ऊर्जा का अपरिमित भंडार- -गृह है।
  8. जैव ऊर्जा ग्रामीण लोंगों की आत्मनिर्भरता बढ़ाएगा जलाऊ लकड़ी पर दबाव कम करेगा।

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