जहां कोई वापसी नहीं - Class 12th hindi ( Aroh ) Term- 2 Important question

जहां कोई वापसी नहीं - Class 12th hindi ( Aroh )  Term- 2 Important question

1-  आधुनिक भारत के नए शरणार्थी किन्हें कहा गया है ?  

  • औद्योगिकरण और विकास के नाम पर जिन लोगों को उनके निवास स्थान और घरों से उखाड़कर हमेशा के लिए भेज दिया गया और इनकी जमीनों को भी सरकार द्वारा छीन लिया गया और ऐसे लोग हमेशा के लिए बेघर हो गए | इन्ही लोगों को आधुनिक भारत के नए शरणार्थी कहा गया है | 

2- लेखक के अनुसार स्वातंत्रयोत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रेजेडी क्या है ?  

  • सबसे बड़ी ट्रेजेडी यह है की हमारे देश के पश्चिम शिक्षित सत्ताधारियों का ध्यान कभी नहीं गया की पश्चिम की देखा देखी में और नक़ल में योजनाएं बनाते समय प्रकृति , मनुष्य और संस्कृति के मध्य का नाजुक संतुलन को नष्ट होने से किस तरह बचाया जा सकता है | हम पश्चिम को मॉडल बनाए बिना भी अपनी मर्यादाओं के आधार पर औद्योगिक विकास का भारतीय स्वरूप निर्धारित कर सकते हैं | पर ऐसी सोच कभी शासकों के मन में नहीं आई |  

3- प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगिकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है ?

  • बाढ़ या भूकंप जैसी आपदाएं प्राकृतिक आपदाएं होती हैं पर अगर प्रकृति के कारण विस्थापन होता है तो वह अस्थायी होता है | आपदा के टलने के बाद सभी लोग वापस लौट कर अपने घरों की तरफ आ सकते हैं | और पहले की तरह ही आकर रह सकते हैं | परन्तु जब औद्योगिकरण के कारण विस्थापन होता है तो लोगों के घर हमेशा के लिए उजड़ जाते हैं |

4- औद्योगिकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, क्यों और कैसे

  • यह कथन सत्य है की औद्योगिकरण ने पर्यावरण के लिए संकट पैदा कर दिया है क्योंकि औद्योगिकरण के नाम पर पेड़ पौधों और जंगलों को काटा जा रहा है | उद्योगों से निकले वाले धुंए से हमारा वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है | हमारे खनिज संसाधन दिन प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं | 

5- यूरोप और भारत की पर्यावरण संबंधी चिंताएं किस प्रकार भिन्न हैं ?  

  • यूरोप में पर्यावरण का प्रश्न मनुष्य और भूगोल के बीच संतुलन बनाएं रखने का है जबकि  भारत में यही प्रश्न मनुष्य और उसकी संस्कृति के बीच संबंध बनाए रखने का है इसलिए दोनों देशों की पर्यावरण की चिंताओं में अंतर है | 

6- आधुनिक औद्योगीकरण की आंधी में सिर्फ मनुष्य ही नहीं उखड़ता बल्कि उसका परिवेश संस्कृति और आवास स्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं | जहाँ कोई वापसी नहीं पाठ के आधार पर इस कथन की समीक्षा करें | 

  • आधुनिक औद्योगीकरण की आंधी में सिर्फ मनुष्य ही नहीं उखड़ता बल्कि उसका परिवेश संस्कृति और आवास स्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं | बाढ़ भूकम्प या अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण लोग कुछ समय के लिए अपने घर वालो को छोड़ कर चले जाते हैं और संकट के समाप्त होते ही लौट भी आते हैं | उन्हें अपना जाना पहचाना परिवेश फिर से मिल जाता है पर औद्योगीकरण के कारण उमड़े लोग कभी अपनी जगह पर फिर से नहीं लौट पाते प्रगति और विकास के नाम पर इतिहास जब लोगों को उजाड़ता है तब उनकी स्थिती बड़ी विचित्र हो जाती है |
  • यह एक विडंबना ही है कि आधुनिक औद्योगीकरण की आंधी केवल मनुष्यों को ही नहीं उड़ती बल्कि यह उसके समस्त परिवेश और आवास स्थल को भी सदा के लिए छीन लेती है| 

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