History supporting material solution chapter 5th-यात्रियों के नजरिए से (Through the eyes of travellers ) Class 12th notes in hindi

History supporting material solution chapter 5th-यात्रियों के नजरिए से (Through the eyes of travellers ) Class 12th notes in hindi

लघु उत्तरीय प्रश्न  ( 1 अंक वाले )

प्रश्न 1 . इब्न बतूता का नारी दासों के बारे में कोई एक विचार लिखिए ?

उत्तर - इब्न बतूता बताता है की दासियों को अमीरों पर नजरे रखने के लिए नियुक्त किया जाता था 

प्रश्न 2 . अल बिरूनी को संस्कृतवादी परंपरा को समझने में भाषा अवरोध क्यों लगी ? 

उत्तर – संस्कृत, अरबी और फारसी से इतनी भिन्न थी कि विचारों और सिद्धांतों को एक भाषा से दूसरी में अनुवादित करना आसान नहीं था  

प्रश्न 3 . अल बिरूनी का जन्म सन _____ में ख्वारिज्म में हुआ ?

उत्तर – अल बिरूनी का जन्म सन 973 में ख्वारिज्म में हुआ

प्रश्न 4 . उदाहरण देकर दर्शाइए कि भारतीय सूती वस्त्रों की मांग पश्चिम व दक्षिण एशिया में बहुत अधिक क्यों थी ?

उत्तर - भारतीय कपड़े विशेष रूप से सूती कपड़े की मांग बहुत ज्यादा थी क्योंकि भारत इसके उत्पादन का एक बड़ा केंद्र था और अच्छी गुणवत्ता के सूती वस्त्र यहाँ उपलब्ध थे  

प्रश्न 5 . बर्नियर ने मुगल शासन के अंतर्गत शिल्पकारों की जटिल सामाजिक वास्तविकता का वर्णन किस प्रकार किया ? कोई एक कारण स्पष्ट कीजिए ? 

उत्तर –  शिल्पकारों के पास अपने उत्पादों को बेहतर बनाने का कोई प्रोत्साहन नहीं था  क्योंकि मुनाफे का अधिग्रहण राज्य  द्वारा कर लिया जाता था

प्रश्न 6 . प्रसिद्ध यूरोपीय लेखक दुआर्ते बरबोसा का यात्रा वृतांत किस से संदर्भ में है ?

उत्तर - दुआर्ते बरबोसा ने दक्षिण भारत में व्यापार और समाज का एक विस्तृत विवरण लिखा

प्रश्न 7. इब्न बतूता द्वारा वर्णित दो प्रकार की डाक - व्यवस्था के नाम बताइए ? 

1- अश्व डाक व्यवस्था 
2- पैदल डाक व्यवस्था

प्रश्न 8. मार्कोपोलो कौन था ?

उत्तर – मार्कोपोलो इटली का यात्री, व्यापारी, खोजकर्ता  था 

प्रश्न 9 . बर्नियर का शिविर नगर से क्या अभिप्राय था ? 

उत्तर –  बर्नियर मुगल कालीन शहरों को शिविर नगर कहता है
उसका आशय उन नगरों से जो अपने अस्तित्व और बने रहने के लिए राजकीय शिविर पर निर्भर थे 

प्रश्न 10 . इब्नबतूता ने भारत आने से पूर्व किन-किन देशों की यात्रा की ? 

उत्तर – इब्नबतूता ने भारत आने से पूर्व मक्का की तीर्थ यात्रा, सीरिया, इराक, फारस, यमन, ओमान और पूर्वी अफ्रीका के कई तटीय व्यापारिक बंदरगाहों की यात्राएं कर चुका था

बहुविकल्पीय प्रश्न ( 1 अंक वाले )

प्रश्न 11- 17 वी शताब्दी में निम्न में से कौन सा यूरोपीय यात्री भारतीय उपमहाद्वीप में आया था ?

क ) अल बिरूनी
ख ) इब्नबतूता 
ग ) अबुल फजल 
घ ) फ्रांस्वा बर्नियर

ANS- घ )

प्रश्न 12- रिहला के अनुसार उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा शहर था ? 

क ) सूरत
ख ) दिल्ली
ग ) दौलताबाद
घ ) आगरा

ANS- ख )

प्रश्न 13 - दसवीं के सत्रहवी सदी के बीच लोग निम्न उद्देश्यों से प्रेरित होकर यात्राएं करते थे ? 

क ) कार्य की तलाश में
ख ) साहस की भावना से प्रेरित होकर
ग ) व्यापारियों, सैनिकों, पुरोहित और तीर्थ यात्रियों के रूप में
घ ) उपरोक्त सभी

ANS- घ )

प्रश्न 14 . बर्नियर का विवरण उपमहाद्वीप की कौन सी जटिल सामाजिक सच्चाई की ओर इशारा करता है? 

क ) यद्यपि शिल्पकारों को अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए राज्य द्वारा कोई प्रोत्साहन नहीं था तथापि पूरे विश्व में भारतीय उत्पादों की बहुत मांग थी
ख ) उपमहाद्वीप के शहर भी विनष्ट तथा खराब हवा से दूषित थे 
ग ) भारत के मध्य की स्थिति के लोग नहीं थे
घ ) उपरोक्त में से कोई नहीं

ANS- क )

प्रश्न 15 - अल बिरूनी की कृति किताब-उल-हिंद के संबंध में कौन सा कथन असत्य है ? 

क ) इसकी भाषा सरल और स्पष्ट है 
ख ) इसमें भारतीय धर्म, दर्शन, त्यौहारों, खगोल विज्ञान कीमिया, मूर्तिकला आदि के विषय में जानकारी दी गई है
ग ) यह फारसी भाषा में लिखी गई है
घ ) विभिन्न विषयों के आधार पर 80 अध्यायों में विभाजित है

ANS- ग )

प्रश्न 16 . इब्न-बतूता के संबंध में कौन सा कथन सत्य है ? 

क ) इब्न-बतूता के यात्रा वृतांत का नाम ट्रैवल इन द मुगल एंपायर है
ख ) इसका जन्म तैन्जियर के सबसे सम्मानित तथा शिक्षित परिवार में हुआ
ग ) 1017 ई. में सुल्तान महमूद कई अन्य विद्वानों और कवियों के साथ इब्न-बतूता को गजनी ले आया 
घ ) उपरोक्त में से कोई नहीं

ANS- ख )

प्रश्न 17  - फ्रांस्वा बर्नियर के संबंध में कौन सा कथन असत्य है? 

क ) वह यूरोप का रहने वाला था
ख ) वह मुगल दरबार के संग चिकित्सक, बुद्धिजीवी तथा वैज्ञानिक रूप से जुड़ा रहा
ग ) उसने भारत का चित्रण  द्वि - विपरीता के नमूने के आधार पर किया
घ ) उसने अपने वृतांत में दास प्रथा का विवेचन किया

ANS- घ )

प्रश्न 18  युग्म सुमेलित कीजिए :

सूची 1    सूची 2
उलुक  सती प्रथा का विवरण 
दावा अश्व डाक व्यवस्था
बर्नियर अपवित्रता की मान्यता को अस्वीकृत करना
अल-बिरूनी पैदल डाक व्यवस्था

निम्न युग्मों में से सही युग्म चुनिए 

क )  I-A , ll-C , III-D , IV-B
ख )  I-B , ll-A , III-D , IV-C 
ग )  I-B , ll-D , III-A , IV-C 
घ )  I-D , ll-B , III-A , IV-C

ANS- ग )

प्रश्न 19  युग्म सुमेलित कीजिए :

सूची 1  सूची 2
अल-बिरूनी नारियल और पान का विवरण 
इब्न- बतूता  भारत में राज्य ही भूमि का एकमात्र स्वामी 
बर्नियर भारत में जाति व्यवस्था को प्रतिरूपों के माध्यम से समझने का प्रयास 

निम्न युग्मों में से सही युग्म चुनिए 

क )  I-C , ll-A , III-B 
ख )  I-A , ll-C , III-B
ग )  I-C , ll-B , III-A
घ )  I-B , ll-C , III-A

ANS- क )


प्रश्न 20-   कथन : अल बिरूनी अपने लिए निर्धारित उद्देश्य में निहित समस्याओं से परिचित था
कारण : अवरोध थे भाषा धार्मिक अवस्था और प्रथा में भिन्नता तथा अभिमान

क ) केवल कथन सही है
ख ) केवल कारण सही है
ग ) कथन और कारण दोनों सही है और कारण कथन का स्पष्टीकरण करता है
घ ) कथन और कारण दोनों सही है किंतु कारण कथन का स्पष्टीकरण नहीं करता

ANS- ग )

लघु उत्तरीय प्रश्न  ( 3 अंक वाले )

प्रश्न 1. मध्यकालीन इतिहास लेखन में यात्रा वृतांत का क्या महत्व है अपने उत्तर की पुष्टि उदाहरण देकर कीजिए ?

  • मध्यकालीन इतिहास लेखन में यात्रा वृतांत का महत्वपूर्ण योगदान है
  • क्योंकि मध्यकालीन भारत में कई विदेशी यात्री भारत आए उन्होंने भारतीय व्यवस्था को देखा , समझा और उस पर अपने वृतांत लिखें 
  • इन वृतांत के आधार पर ही भारतीय इतिहास का पुनर्निर्माण किया गया है
  • उदाहरण –  किताब उल हिंद, रिहला, ट्रेवल इन द मुग़ल एम्पायर जैसे यात्रा वृतांत से मध्यकालीन इतिहास लेखन में सहायता मिली है    

प्रश्न 2 . भारत संबंधी विवरण को समझने में अल-बिरूनी के समक्ष कौन सी बाधाएं थी ? तीन बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट कीजिए ?

  • भारत संबंधी विवरण को समझने में अल-बिरूनी के समक्ष तीन प्रकार की बाधाएं थी
  • पहली बाधा –  भाषा 
  • दूसरी बाधा - धार्मिक अवस्था और प्रथा में भिन्नता 
  • तीसरी बाधा - अभिमान 

प्रश्न 3. इब्नबतूता के विवरण से गांव की कृषि अर्थव्यवस्था तथा उपमहाद्वीपीय व्यापार एवं वाणिज्य के बारे में क्या झलक मिलती है?

  • इब्नबतूता ने बताया कि भारतीय कृषि के अधिक उत्पादनकारी होने का कारण मिट्टी का उपजाऊपन था  जो किसानों के लिए वर्ष में दो फसलें उगाना संभव करता था 
  • इब्नबतूता ने यह भी ध्यान दिलाया कि उपमहाद्वीप व्यापार तथा वाणिज्य के अंतर एशियाई तंत्रों से भलीभांति जुड़ा हुआ था 
  • भारतीय माल की मध्य तथा दक्षिण-पूर्व एशिया दोनों में बहुत मांग थी 
  • जिससे शिल्पकार तथा व्यापारियों को भारी मुनाफा होता था 
  • भारतीय कपड़ा खासकर सूती कपड़े, महीन मलमल, रेशम, जरी तथा साटन की अत्याधिक मांग थी

प्रश्न 4 . बर्नियर 17 वी शताब्दी के नगरों के बारे में क्या कहते हैं उनका यह विवरण किस प्रकार संशय पूर्ण है ?

  • बर्नियर ने जो भी भारत में देखा उसकी तुलना यूरोपीय देशों से की 
  • भारत को यूरोपीय देशों के मुकाबले दयनीय स्थिति वाला देश बताया
  • बर्नियर ने बताया की भारत में भूस्वामित्व केवल सम्राट को था 
  • बर्नियर के विवरण को संशय पूर्ण इसलिए माना जाता है 
  • क्योंकि सरकारी मुगल दस्तावेज में यह कहीं भी नहीं मिला 
  • कि राज्य ही भूमि का एकमात्र स्वामी था

प्रश्न 5 . सती प्रथा के संबंध में बर्नियर के क्या दृष्टिकोण थे?

  • बर्नियर ने लाहौर में सती प्रथा को अपनी आंखों के सामने देखा
  • बर्नियर इस घटना को देखकर बहुत ही विचलित हो गया
  • बर्नियर के सती प्रथा के विवरण के अनुसार यह एक सामाजिक कुप्रथा थी

प्रश्न 6 . अबुल फजल ने भूमि राजस्व को राजत्व का पारिश्रमिक क्यों बताया है ? स्पष्ट कीजिए ?

  • 16 वी शताब्दी में अकबर के काल का सरकारी इतिहासकार अबुल फजल भूमि राजस्व को राजत्व का पारिश्रमिक बताता है 
  • जो राजा द्वारा अपनी प्रजा को सुरक्षा प्रदान करने के बदले की गई मांग प्रतीत होती है 
  • इससे ऐसा कहीं भी प्रतीत नहीं होता कि यह अपने स्वामित्व वाली भूमि पर लगान है

प्रश्न 7 . इब्नबतूता के वृतांत के आधार पर तत्कालीन संचार प्रणाली की अनूठी व्यवस्था की व्याख्या कीजिए ?

  • इब्नबतूता भारतीय संचार प्रणाली को देखकर आश्चर्यचकित था उसके अनुसार व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य ने लगभग सभी व्यापारिक मार्गों पर सराय तथा विश्रामगृह स्थापित किए थे
  • वह यहां की डाक प्रणाली को देखकर भी हैरान था
  • यहां दो प्रकार की डाक व्यवस्था थी 
  • अश्व डाक व्यवस्था और पैदल डाक व्यवस्था इनके कारण संचार आसानी से हो सकता था
  • सिंध से दिल्ली की यात्रा में 50 दिन लगते थे लेकिन गुप्तचरों की खबरें सुल्तान तक डाक व्यवस्था के माध्यम से मात्र 5 दिन में पहुंच जाती थी

प्रश्न 8 . किताब-उल-हिंद पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ?

  • किताब-उल-हिंद अल बिरूनी ने लिखी थी | 
  • यह किताब अरबी भाषा में लिखी गयी थी |
  • इसकी भाषा बहुत सरल थी |
  • किताब-उल-हिंद में : धर्म, दर्शन, त्यौहार, खगोल विज्ञान, रीति रिवाज, प्रथाओं, भार - तौल, मूर्तिकला, कानून के बारे में लिखा गया था |
  • किताब-उल-हिंद 80 अध्यायों में विभाजित थी |

प्रश्न 9. इब्नबतूता के अनुसार यात्रा करना अधिक असुरक्षित क्यों था ?

  • उस समय यात्रा करने में अधिक समय लगता था 
  • यात्रा करना जोखिमपूर्ण होता था 
  • लंबी यात्रा में लुटेरों का खतरा बना रहता था 
  • यात्री बीमार हो सकता था

प्रश्न 10 . इब्नबतूता ने दिल्ली शहर को व्यापक अवसरों से भरपूर पाया अपने उत्तर की पुष्टि उसके द्वारा दिए गए तथ्यों के आधार पर कीजिए?

  • इब्न बतूता ने भारतीय शहरों को अवसरों से भरपूर बताया था |
  • इब्न बतूता ने बताया की अगर किसी के पास कौशल है और इच्छा है तो इस शहर में अवसरों की कमी नही है |
  • शहर घनी आबादी वाले और भीड़ - भाड़ वाले थे , सड़कें बहुत ही चमक - धमक वाली थी 
  • इब्न बतूता ने दिल्ली को एक बड़ा शहर बताया और बताया की यह भारत में सबसे बड़ा है 
  • इब्न बतूता बताता है की दौलताबाद भी दिल्ली से कम नहीं था और आकार में दिल्ली को चुनौती देता था |
  • बहुत सारे बाजारों में मंदिर और मस्जिद दोनों होते थे |

प्रश्न 11  इब्नबतूता और बर्नियर ने 16वीं और 17वीं शताब्दी की महिलाओं के जीवन की किस प्रकार रोचक झांकी प्रस्तुत की है स्पष्ट कीजिए?

  • इब्न बतूता ने बताया की महिलाएं घरेलू कार्य में निपुण थी  
  • महिलाएं गायिका भी होती थी 
  • सम्राट महिला सफाई कर्मचारियों को नियुक्त करता था
  • दासिया जासूसी करने के लिए भी रखी जाती थी
  • महिलाएं व्यापार में भी शामिल होती थी
  • बर्नियर ने सती प्रथा का वर्णन किया

प्रश्न 12 . बर्नियर के शाही भू-स्वामित्व के विवरण ने पश्चिमी विचारको जैसे कि फ्रांसीसी दार्शनिक मांटेस्क्यू और जर्मन कार्ल मार्क्स को प्रभावित किया इस कथन की न्यायसंगत पुष्टि कीजिए ?

  • बर्नियर के के शाही भू-स्वामित्व के विवरण ने पश्चिमी विचारक मांटेस्क्यू और जर्मन कार्ल मार्क्स प्रभावित किया 
  • फ्रांसीसी दार्शनिक मोंटेस्क्यू ने उसके वृतांत का प्रयोग प्राचीन निरंकुशवाद के सिद्धांत को विकसित करने में किया
  • कार्ल मार्क्स ने इस विचार को एशियाई उत्पादन शैली के सिद्धांत के रूप में और आगे बढ़ाया 
  • उसने यह तर्क दिया कि भारत में उपनिवेशवाद से पहले अधिशेष का अधिग्रहण राज्य द्वारा होता था 
  • ग्रामीण समुदायों पर राजकीय दरबार का नियंत्रण था, वहां की स्थिति अच्छी नहीं थी 

प्रश्न 13. बर्नियर ने भू स्वामित्व के विषय में क्या वर्णन किया है ?

  • बर्नियर के अनुसार भारत में भूमि का स्वामी मुगल सम्राट था
  • जो इसे अपने अमीरों के बीच में बांटता था और इसके अर्थव्यवस्था और समाज के लिए बुरे परिणाम होते थे
  • उसने भूमि पर राज्य के स्वामित्व को राज्य तथा उसके निवासियों दोनों के लिए हानिकारक माना 
  • बर्नियर का मानना था की राजकीय भूस्वामित्व के कारण भूधारक अपने बच्चों को भूमि नहीं दे सकते थे 
  • इसलिए वे उत्पादन के स्तर को बनाए रखने और उसमें बढ़ोतरी के लिए अधिक निवेश के प्रति उदासीन थे 

प्रश्न 14 . बर्नियर के विवरणों ने 18 वी शताब्दी के पश्चिमी विचारको को किस प्रकार प्रभावित किया ?

  • बर्नियर के विवरणों ने 18 वी शताब्दी से पश्चिमी विचारको को प्रभावित किया 
  • फ्रांसीसी दार्शनिक मोंटेस्क्यू ने उसके वृतांत का प्रयोग प्राचीन निरंकुशवाद के सिद्धांत को विकसित करने में किया 
  • इस सिद्धांत के अनुसार एशिया के शासक अपनी जनता को दयनीय स्थिति में रखते हैं
  • सारी भूमि का स्वामी राजा और उसके अमीर वर्ग होते हैं

प्रश्न 15. बर्नियर अपने विवरणों में यूरोपीय शासकों को क्या चेतावनी देता है ?

  • बर्नियर यूरोपीय शासकों को चेतावनी देता है कि यदि मुगल ढांचे का अनुसरण किया तो यूरोप को भी यही नुकसान उठाना पड़ेगा
  • बर्नियर को ऐसा लगता था कि भारत का भू स्वामित्व व्यवस्था जिसमें शासक के पास भू स्वामित्व होता है 
  • यह जनता और शासक दोनों के खिलाफ है 
  • यूरोपीय शासकों को भी यह चेतावनी देता था कि इस प्रकार की व्यवस्था वहां पर किसी प्रकार से लागू नहीं होनी चाहिए

प्रश्न 16. मध्यकालीन भारत आने वाले विदेशी यात्रियों के विवरण की कोई तीन विशेषताएं लिखिए ?

  • भारत के समाज और प्रथाओं के बारे में विस्तृत विवरण मिलता है
  • भारतीय दास प्रथा, सती प्रथा के बारे में जानकारी मिलना 
  • भारतीय व्यापार, संचार प्रणाली, कृषि का  विवरण
  • ऐतिहासिक तथ्यों के विषय में निष्पक्षता से वर्णन 
  • मध्यकालीन भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का विवरण 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  ( 8 अंक वाले )

प्रश्न 1- जाति व्यवस्था के संबंध में अलबरूनी की व्याख्या पर चर्चा कीजिए ? 

अल बिरूनी का जाति व्यवस्था विवरण

  • अल बिरूनी ने यह बताने की कोशिश की थी, कि जाति व्यवस्था केवल भारत में ही नहीं 
  • बल्कि फारस में भी है और अन्य देशों में भी है |

अल बिरूनी ने बताया की प्राचीन फारस में चार वर्ग हुआ करते थे :

पहला घुड़सवार तथा शासक वर्ग
दूसरा  भिक्षु तथा पुरोहित वर्ग
तीसरा वैज्ञानिक, चिकित्सक तथा खगोलशास्त्री वर्ग
चौथा  किसान और अन्य शिल्पकार वर्ग

  • अलबरूनी ने जाति व्यवस्था के संबंध में ब्राह्मणवादी व्याख्या को माना लेकिन उसने अपवित्रता की मान्यता को अस्वीकार किया 
  • अलबरूनी ने लिखा कि “ हर वह वस्तु जो अपवित्र हो जाती है अपनी पवित्रता की मूल स्थिति को पुनः प्राप्त करने का प्रयास करती है और सफल होती है “ 
  • सूर्य हवा को स्वच्छ करता है और समुद्र में नमक पानी को गंदा होने से बचाता है 
  • अलबरूनी ने जोर देकर कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो पृथ्वी पर जीवन असंभव होता 
  • उसके अनुसार जाति व्यवस्था में अपवित्रता की अवधारणा प्रकृति के नियमों के खिलाफ थी

प्रश्न 2. आप किस प्रकार मानते हैं कि विदेशी यात्रियों के वृतांतो द्वारा 10वीं से 17वी सदी के इतिहास निर्माण में मदद मिलती है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ? 

  • विदेशी यात्रियों के वृत्तांतो से 10 वीं से 17वी सदी के इतिहास निर्माण में बहुत मदद मिली है

उदाहरण 1

  • अलबरूनी द्वारा लिखित किताब-उल-हिंद से उस समय के कानून, धर्म ,दर्शन, त्यौहार, खगोल विज्ञान, रीति रिवाज, भार और मापन विधि, सामाजिक जीवन, सांस्कृतिक जीवन के बारे में जानकारी मिलती है इस जानकारी का इस्तेमाल करके इतिहास निर्माण किया गया है 

उदाहरण 2

  • इब्न बतूता द्वारा लिखित रिहला से उस समय के, सामाजिक जीवन, दास व्यवस्था, नगर, व्यापार, कृषि, गुप्तचर व्यवस्था, संचार प्रणाली के बारे में जानकारी मिलती है इस जानकारी का इस्तेमाल करके इतिहास निर्माण किया गया है  

उदाहरण 3

  • फ्रांस्वा बर्नियर द्वारा लिखित Travels In The Mughal Empire से उस समय के भू-स्वामित्व, नगर, नगर, सती प्रथा, यूरोपीय देश से तुलना के बारे में जानकारी मिलती है इस जानकारी का इस्तेमाल करके इतिहास निर्माण किया गया है  

उदाहरण 4

  • दुआर्ते बरबोसा द्वारा लिखित वृतांत से उस समय के दक्षिण भारत के व्यापार और समाज के बारे में जानकारी मिलती है इस जानकारी का इस्तेमाल करके इतिहास निर्माण किया गया है

उदाहरण 5

  • फ्रांसीसी जौहरी ज्यों बैप्टीटस तैवर्नियर द्वारा लिखित वृतांत से भारत की व्यापारिक स्थिति तथा  ईरान और ऑटोमन साम्राज्य भारत की तुलना के बारे में पता चलता है इस जानकारी का इस्तेमाल करके इतिहास निर्माण किया गया है  

प्रश्न 3. इब्नबतूता ने अपने विवरण में भारत का किस प्रकार वर्णन किया है ? 

  • भारत में संचार की अनूठी व्यवस्था थी जिसके बारे में इब्न बतूता ने विस्तार से लिखा 
  • इब्नबतूता ने भारत में दास प्रथा का विवरण दिया 
  • इब्नबतूता ने नारियल और पान जैसे वनस्पति के बारे में लिखा जिससे उसके पाठक पूरी तरह से अपरिचित थे
  • इब्न-बतूता ने भारतीय शहरों के बारे में लिखा उसने इन्हें अवसरों से भरपूर पाया
  • भारतीय व्यापार एवं बाजार के बारे में लिखा 
  • भारतीय कृषि के बारे में लिखा और यह बताया कि भारत की मिट्टी अधिक उपजाऊ थी जिस कारण किसान वर्ष में दो फसलें होगा लेते थे
  • भारत में बने माल की मध्य तथा दक्षिण पूर्व एशिया में बहुत मांग थी
  • भारतीय सूती कपड़ा, मलमल और शिल्पकार्य  काफी सराहनीय था
  • इब्नबतूता ने भारतीय गुप्तचर व्यवस्था के बारे में लिखा

प्रश्न 4. बर्नियर ने अपनी पुस्तक में पूर्व एवं पश्चिम की तुलना किस प्रकार की है ? 

पूर्व और पश्चिम की तुलना

  • फ्रांस्वा बर्नियर ने देश के कई भागों की यात्रा की और विवरण लिखें 
  • वह भारत में जो भी देखता था उसकी तुलना यूरोपीय स्थिति से करता था 
  • बर्नियर ने भारत की स्थिति को यूरोप में हुए विकास की तुलना में 
  • दयनीय बताया.
  • बर्नियर के कार्य फ्रांस में 1670 - 71 में प्रकाशित हुए थे 
  • अगले 5 वर्षों के भीतर ही अंग्रेजी, डच, जर्मन और इतावली भाषाओं में इनका अनुवाद हो गया 
  • 1670 और 1725 के बीच उसका वृतांत फ्रांसीसी में 8 बार पुनर्मुद्रित हो चुका था 
  • 1684 तक यह तीन बार अंग्रेजी में पुनर्मुद्रित हुआ था.
  • बर्नियर का ग्रंथ Travels In The Mughal Empire  था
  • उसने मुगलकालीन भारत की तुलना तत्कालीन यूरोप से की और यूरोप को श्रेष्ठ बताया 
  • उसने भारत में जो भिन्नताएं महसूस कि उन्हें पदानुक्रम के अनुसार क्रमबद्ध किया 
  • जिससे भारत पश्चिमी दुनिया को निम्न कोटि का प्रतीत हो.

प्रश्न 5. Travel in the Mughal Empire में फ्रांसीसी यात्री ने किन-किन विषयों का वर्णन किया है ? 

  • बर्नियर के अनुसार भारत और यूरोप के बीच 
  • मूल भिन्नताओं में से एक भारत में निजी भूस्वामित्व का अभाव था
  • बर्नियर भूमि पर निजी स्वामित्व को बेहतर मानता था 
  • उसने भूमि पर राज्य के स्वामित्व को राज्य तथा उसके निवासियों दोनों के लिए हानिकारक माना 
  • उसे यह लगा कि मुगल साम्राज्य में सम्राट सारी भूमि का स्वामी था
  • जो इसे अपने अमीरों के बीच में बांटता था और इसके अर्थव्यवस्था और समाज के लिए बुरे परिणाम होते थे
  • बर्नियर ने पूर्व और पश्चिम की तुलना की
  • बर्नियर के विवरण ने 18 वीं, 19 वीं शताब्दी में पश्चिमी विचारों को प्रभावित किया
  • बर्नियर ने मुगलकालीन शहरों का विवरण दिया और इन शहरों को शिविर नगर बताया
  • भू स्वामित्व को लेकर राजकीय व्यवस्था को गलत बताया 
  • सती प्रथा का मार्मिक विवरण दिया 

प्रश्न 6. इब्नबतूता द्वारा दास प्रथा के संबंध में दिए गए साक्ष्यों का विवेचन कीजिए ?

  • इब्न बतूता बताता है कि दास बाजारों में सामान्य वस्तुओं की तरह खरीदे और बेचे जाते थे |
  • दासों को भेंट {Gift}  में भी दिया जाता था |
  • जब इब्न बतूता सिंध पंहुचा तो उसने सुलतान मो. बिन तुगलक के लिए 
  • घोड़े और दास खरीदे और उन्हें भेंट किये |
  • दासों को सामान्य घर का काम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था |
  • दास पालकियां भी उठाया करते थे |
  • इब्न बतूता बताता है की दासियों को अमीरों पर नजरे रखने के लिए नियुक्त किया जाता था |
  • दासियाँ संगीत और गाने का भी काम करती थी |
  • दासों की कीमत काफी कम होती थी ज्यादातर परिवार एक या दो दास अवश्य रखते थे

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