दूसरा देवदास - Class 12th hindi ( अंतरा भाग- 2 ) Term- 2 Important question

दूसरा देवदास - Class 12th hindi ( अंतरा भाग- 2 )  Term- 2 Important question

1- 'देवदास' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

  • उत्तर : लेखिका ने कहानी का शीर्षक 'दूसरा देवदास' सोच समझकर रखा है जो कहानी के मूल कथ्य को स्पष्ट करने में समर्थ है। शरतचन्द्र की रचना 'देवदास' में नायक देवदास पारो पर अपना प्रेम लुटाता है और अंत तक यह प्रेम एक निश्चल रूप में जीवित रहता है। उसी प्रकार संभव भी पारो को प्राप्त करने के लिए बेचैन है। देवदास और पारो निश्चल प्रेम के प्रतीक है। इसलिए संभव के लिए लेखिका ने 'दूसरा देवदास' शीर्षक रखा।

2- 'मनोकामना की गाँठ भी अद्भुत, अनूठी है, इधर बाँधो उधर लग जाती हैं।' कथन के आधार पर पारों की मनोदशा का वर्णन कीजिए।

  • उत्तर : पारो भी संभव से प्रेम करने लगी थी। हर की पौड़ी पर लड़के के साथ छोटी सी मुलाकात ने पारो को विचलित कर दिया। वह मन ही मन उससे प्रेम करने लगी थी व दोबारा उससे मिलना चाहती थी। उसने भी कुछ ऐसी ही मनोकामना की पूर्ति के लिए धागा बाँधा था। उसे उम्मीद नहीं थी कि मनसा देवी से माँगी गई मुराद इतनी जल्दी पूरी हो जायेगी। वह संभव से मिलने के बाद प्रसन्न थी। वह हैरान भी थी कि उसकी इच्छा इतनी जल्दी पूरी हो गई।

3- मनसा देवी जाने के लिए केबल कार में बैठे हुए संभव के मन में जो कल्पनाएँ उठ रही थी उनका वर्णन कीजिए |  

  • उसे गुलाबी रंग के अलावा कोई अन्य रंग अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि उसने लड़की को गुलाबी कपड़ों में देखा था इसलिए वह गुलाबी कार में ही बैठा |
  • उसके सामने की सीट पर एक नवविवाहित दंपति चढ़ावे के लिए बड़ी थाली लिए बैठे थे संभव को अफसोस हुआ कि वह चढ़ावा खरीदकर क्यों नहीं लाया | 
  • संभव को लग रहा था कि वह रंग बिरंगी वादियो में किसी हिंडोले में उड़ा चला जा रहा है |
  • संभव उसी लड़की के बारे में तरह तरह के विचार कर रहा था |

4- पुजारी ने लड़की के हम को युगल अर्थ में ले करके आशीर्वाद दिया और पुजारी द्वारा आशीर्वाद देने के बाद लड़के और लड़की के व्यवहार में अटपटापन क्यों आया ?  

  • जब लड़की ने यह कहा कि अब तो आरती हो चुकी | अब हम कल आरती की बेला आएँगे | तब पुजारी ने लड़की के इस हमको युगल अर्थ में लेकर आशीर्वाद दिया  - सुखी रहो फूलों फलों जब भी आओ साथ ही आना गंगा मैया मनोरथ पूरे करे | यह सुनकर लड़की और लड़के को अटपटा लगा  | लड़की छिटककर दूर खड़ी हो गई इसका कारण यह था कि लड़की और लड़का एक दूसरे से अनजान थे पुजारी ने समझा कि ये दोनों पति पत्नी हैं या प्रेमी प्रेमिका है और पुजारी की इस गलतफहमी के कारण ही उनके व्यवहार में अटपटा  आया | 

5- दूसरा देवदास पाठ के आधार पर हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा जी की आरती का भावपूर्ण वर्णन अपने शब्दों में कीजिए |  

  • संध्या के समय हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा जी की आरती का दृश्य अत्यंत मनोहारी होता है | आरती के समय सहस्त्र दीप जल उठते है | पंडित अपनी आसानी से उठ खड़े हो जाते हैं और हाथ में अंगूठा लपेटकर पंचम अंजलि नीलांजलि को पकड़ते हैं और आरती शुरू होती है | घंटे घड़ियाल बजते रहते हैं लोग अपनी मन्नतों के लिए हुए फूलों की छोटी छोटी किश्तियां गंगा की लहरों पर तैरते हैं | 

6- व्यापार यहाँ भी था – दूसरा देवदास पाठ के आधार पर इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए | 

  • व्यापार यहाँ भी था – का आशय यह है कि हरिद्वार के पूरे क्षेत्र में लोग व्यापारिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं | बाहर तो यह व्यापार चलता ही है मनसा देवी के मंदिर के अंदर भी व्यापारिक गतिविधियाँ चलती रहती है | मंदिर के अंदर के प्रकोष्ठ में चामुंडा रूप धारिणी मनसा देवी के आसपास भी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए लाल पीले धागे बिक रहे थे | वहाँ से भागे खरीदकर लोग अपने धागे बांधते फिर देवी के आगे सिर झुकाते अर्थात देवी के सामने सिर झुकाने से पहले धागा खरीदना और बांधना जरूरी लगता था |

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