भरत- राम का प्रेम- Class 12th hindi ( अंतरा भाग- 2 ) Term- 2 Important question

भरत- राम का प्रेम- Class 12th hindi ( अंतरा भाग- 2 )  Term- 2 Important question

 ' हारेहु खेल जितावहिं मोही ' भरत के इस कथन का क्या आशय है ?   

  • उत्तर- भरत के इस कथन का आशय है कि प्रभु श्रीराम का स्वभाव अत्यंत कोमल है । वे अपने अनुजों का विशेष ख्याल रखते हैं । वे खेल में भी उनको दुःखी नहीं देख सकते । खेल में वे भरत से स्वयं हार कर उन्हें इसलिए जिता देते थे ताकि उन्हें हार का दुःख न पहुँचे । वे स्वयं हार कर भरत को प्रसन्न कर देते थे । यह उनकी विनम्रता एवं कोमलता का उदाहरण है ।

' मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ । ' में राम के स्वभाव की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया गया है ?  

  • उत्तर- इस कथन से राम की निम्नलिखित विशेषताओं की ओर संकेत किया गया है – 
  • राम का स्वभाव अत्यंत कोमल है ।
  •  2. वे अपराधी पर भी क्रोध नहीं करते । 

वियोगावस्था में सुखकारी वस्तुएँ भी दुःख क्यों देने लगती हैं ? ' गीतावली ' से संकलित पदों के आधार पर उत्तर लिखिए ।  

  • उत्तर- जो वस्तुएँ सुखकाल में सुखदायी प्रतीत होती हैं , वे ही वस्तुएँ वियोगावस्था में दुःख का कारण बन जाती हैं । इसका कारण यह है कि हम उन चीजों को देखकर उनसे जुड़ी सुखद स्मृतियों में खो जाते हैं । उनसे जुड़े व्यक्तियों का स्मरण हो जाता है । यह बात शृंगार तथा वात्सल्य दोनों स्थितियों में उत्पन्न होती है । माता कौशल्या भी अपने पुत्र राम से संबंधित वस्तुओं को देखकर भाव - विह्वल हो जाती हैं । वह पुत्र के शीघ्र लौटने की कामना करने लगती हैं । 

गीतावली से संकलित पद ' राघौ एक बार फिरि आवौ ' में निहित करुणा और संदेश को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए । 

  • तर- ' राघौ एक बार फिरि आवौ ' पद में माता कौशल्या की मार्मिक दशा का अंकन है । वह अपनी विरह - व्यथा तो झेल ही रही थीं , साथ ही राम के अश्वों की दशा को देखकर उनका दुःख दुगुना हो जाता है । इन घोड़ों को श्रीराम अपने कर - कमलों से सहलाते थे , पर अब ये राम के वियोग में अत्यंत व्याकुल हैं । ये अश्व राम के वियोग मुरझाते जा रहे हैं । ऐसा लगता है कि जैसे कमल पर हिमपात हो गया हो । माता कौशल्या पथिक के हाथ राम को संदेश भिजवाती हैं कि मुझे इन घोड़ों की जान की बड़ी चिंता है । एक बार इन्हें आकर देख जाओ । 

मही सकल अनरथ कर मूला – पंक्ति द्वारा भरत के विचारों , भावों का स्पष्टीकरण कीजिए |

  • इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है की इस पृथ्वी पर होने वाले सभी गलत कार्यों के लिए वह खुद को दोषी मानते हैं | उन्होंने राम के वनवास के लिए अपनी माँ कैकयी को जिम्मेदार माना था पर बाद में उन्हें इसका पश्च्याताप होता है की माँ के लिए ऐसे शब्द नहीं बोलने चाहिए | और वो इन सब के लिए खुद को ही अपराधी मानने लगते हैं | 

राम के प्रति अपने श्रद्धा भाव को भरत किस प्रकार प्रकट करते हैं  ?  स्पष्ट कीजिए ?

  • भरत राम को अपना स्वामी मानते हैं और बचपन से ही राम की भरत पर विशेष कृपा रही है वे राम से बहुत प्यार करते हैं | भरत हमेशा अपने स्वामी राम के दर्शन करना चाहते हैं और उनके दर्शन करके भी उनके नेत्र कभी तृप्त नहीं होते वे हमेशा के लिए श्रीराम की सेवा करना चाहते हैं |

गीतावली के पद ‘जननी निरखति बाण धनुहियाँ’ के आधार पर राम के वन गमन के पश्चात्  माँ कौशल्या की मन की स्थिति का वर्णन कीजिए ?  

  • राम के वन चले जाने के बाद राजा दशरथ की मृत्यु हो जाती है और उसके बाद से माता कौशल्या बहुत दुखी रहने लगती है | घर में जहा कही भी उन्हें राम के बचपन की कोई चीज़ दिखती हैं तो उन्हें राम की याद आने लगती है | वे राम की बाण धनुष देखकर बार बार राम को याद करती हैं और उसे अपनी आँखों से और अपने हृदय से लगाती है | राम की सुंदर छोटी छोटी जूतियाँ देखकर  भी उन्हें राम की याद सताने लगती है |

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